देश की राजनीति में पहली बार:केरल में CPI (M) का टू टर्म नॉर्म; 2 बार लगातार चुनाव जीते 5 मंत्रियों समेत 25 विधायकों के टिकट काटे, पार्टी में बगावत

मुख्यमंत्री विजयन 5 बार विधायक रह चुके हैं, लेकिन लगातार दो टर्म विधायक न रहने के कारण वे इस नियम से बाहर एक्सपर्ट्स के मुताबिक, इस नए नियम के चलते 25 में से 15 सीटों पर CPI (M) को नुकसान होगा, ये उसकी जीती हुई सीटें थीं

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तिरुवनंतपुरम। केरल हमेशा से नए बदलावों के लिए जाना जाता है। राज्य के विधानसभा चुनाव में भी ऐसा प्रयोग होने जा रहा है, जो देश के किसी भी राज्य में किसी भी पार्टी ने नहीं किया है। यह प्रयोग सत्तारूढ़ CPI (M) करने जा रही है। लेफ्ट पार्टी पहली बार टू टर्म नॉर्म लेकर आई है। इसके तहत लगातार दो बार चुनाव जीत चुके विधायकों को टिकट नहीं दिया जाएगा। इस नियम के चलते 25 विधायकों का टिकट कटेगा।

नए नियम पर CPI (M) पोलित ब्यूरो के सेक्रेटेरिएट की मुहर भी लग चुकी है। इस नियम से जिन विधायकों के टिकट कटेंगे, उनमें 5 मंत्री और विधानसभा स्पीकर भी शामिल हैं। टिकट कटने वालों में पांच विधायक ऐसे हैं, जो छह बार से जीत रहे थे। एक विधायक 5 बार से, तीन विधायक 4 बार से और चार विधायक 3 बार से जीत रहे थे।

इस नियम को CPI (M) की स्टेट कमेटी लेकर आई है। इससे राज्य के कई हिस्सों में पार्टी कैडर के लोग नाराज भी हैं, क्योंकि उनके फेवरेट नेताओं का टिकट काटा जा रहा है। कुछ कमेटी के नेता भी इससे सहमत नहीं हैं, लेकिन इस पर CPI (M) नेता और मुख्यमंत्री पी विजयन का कहना है कि अगले चुनाव के दौरान मैं भी टू टर्म नॉर्म के अंदर आऊंगा, इसलिए यह नियम हर किसी के लिए है।

टू टर्म नॉर्म में पहले कहा गया था कि यह नियम 2019 में आम चुनाव लड़ चुके प्रत्याशियों पर भी लागू होगा, लेकिन बाद में लोकसभा चुनाव को इससे बाहर कर दिया गया। मुख्यमंत्री पी विजयन पांच बार विधायक रह चुके हैं। वे लगातार दो बार चुनाव नहीं जीते हैं, इसलिए इस नियम के दायरे में नहीं आते।

तस्वीर कोल्लम की है। केरल में 6 अप्रैल से विधानसभा चुनाव होने जा रहे हैं, नतीजे 2 मई को आएंगे। इसको लेकर राजनीतिक दलों ने प्रचार करना शुरू कर दिया है।
तस्वीर कोल्लम की है। केरल में 6 अप्रैल से विधानसभा चुनाव होने जा रहे हैं, नतीजे 2 मई को आएंगे। इसको लेकर राजनीतिक दलों ने प्रचार करना शुरू कर दिया है।

जिन बड़े नेताओं के टिकट काटे गए हैं, उनके इलाकों में इस नियम का विरोध हो रहा है। कई विधायकों के समर्थन में पोस्टर वॉर शुरू हो चुका है। कम्युनिस्ट हार्ट लैंड कन्नूर में मंत्री पी जयराजन का टिकट काटे जाने को लेकर विरोध-प्रदर्शन भी हुए हैं। कार्यकर्ताओं ने फेसबुक पर उनके समर्थन में पीजे आर्मी कैंपेन भी शुरू कर दिया है। इस बारे में पोलित ब्यूरो मेंबर एमए बेबी कहते हैं कि ‘यह पार्टी का बहुत बोल्ड डिसीजन है, यह दूसरी पार्टियों के सामने नजीर है। इस नॉर्म के जरिए पार्टी में युवा चेहरे आगे आएंगे।’

इन मंत्रियों के टिकट काटे जा रहे हैं

पी जयराजन, एके बालन, टीएम थॉमस इसाक, जी सुधाकरन, सी रविंद्रनाथ और विधानसभा स्पीकर पी श्रीरामकृष्णन के टिकट इस नए नियम के कारण काटे जा रहे हैं। ये सभी मौजूदा लेफ्ट सरकार में मंत्री हैं। मुख्यमंत्री विजयन पांच बार विधायक रह चुके हैं। केके शैलेजा तीन बार विधायक रह चुकी हैं। जे मर्सिकुट्‌टी अम्मा तीन बार विधायक रह चुकी हैं। ये सभी चुनाव लड़ रहे हैं, क्योंकि फिलहाल ये लोग लगातार दो बार से विधायक नहीं हैं। कई कार्यकर्ताओं का कहना है कि यह अजीबोगरीब नियम है। पांच बार विधायक रह चुके लोगों को इस नियम के तहत टिकट मिल रहा है। लेकिन, लगातार दो चुनाव जीतने वालों के टिकट कट रहे हैं।

‘यह CPM का सुसाइड अटेंप्ट है’

तस्वीर तिरुवनंतपुरम की है। LDF गठबंधन के लिए नेता सभा कर रहे हैं। CPI (M) इस गठबंधन का हिस्सा है। पिछले विधानसभा चुनाव में इस गठबंधन को 91 सीटें मिली थीं।
तस्वीर तिरुवनंतपुरम की है। LDF गठबंधन के लिए नेता सभा कर रहे हैं। CPI (M) इस गठबंधन का हिस्सा है। पिछले विधानसभा चुनाव में इस गठबंधन को 91 सीटें मिली थीं।

केरल में न्यू इंडियन एक्सप्रेस के एडिटर राजेश अब्राहम का कहना है कि ‘यह टू टर्म नाॅर्म CPM का सुसाइड अटेंप्ट है। वित्त मंत्री थॉमस इसाक, पब्लिक वर्क्स मंत्री सुधाकरन जैसे बड़े दिग्गज नेताओं का इस नॉर्म के चक्कर में जबरदस्ती टिकट काटा जा रहा है। ये सीटें CPI (M) की श्योर सीटें थीं, लेकिन अब बड़े नेताओं का टिकट काटे जाने से वहां कांग्रेस के जीतने के मौके बढ़ गए हैं। कई अच्छे विधायकों का भी टिकट काट रहे हैं, मुझे लगता है कि करीब 25 में से 15 सीटों पर CPI (M) को खामियाजा भुगतना पड़ेगा। यह कांग्रेस के लिए अच्छा मौका है। उसे अच्छे उम्मीदवार उतारने होंगे।’

अच्युतानंदन ग्रुप के नेताओं को किनारे करने के लिए विजयन लाए हैं थ्योरी’

इस टू टर्म नॉर्म को लाने के पीछे CPI (M) का तर्क है ‘सेव द CPMCPI (M) फोरम’ यानी पार्टी के नए नेताओं और युवाओं को आगे आने का मौका देना, लेकिन राजेश अब्राहम कहते हैं कि पी विजयन की अपनी थ्योरी है। इसके जरिए वे पूर्व मुख्यमंत्री बीएस अच्चुतानंदन के खेमे के बड़े नेताओं को किनारे करना चाह रहे हैं। इसके अलावा विजयन बहुत ज्यादा ओवर कॉन्फिडेंस के शिकार हो गए हैं। दरअसल, केरल CPI (M) में दो गुट हैं एक विजयन गुट, दूसरा अच्चुतानंदन गुट। लेकिन अच्चुतानंदन की उम्र ज्यादा हो गई है, वो अब राजनीति में सक्रिय भी नहीं हैं। ऐसे में उनके ग्रुप के पुराने साथियों के साथ विजयन की ज्यादा बनती नहीं थी।

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