राहुल गांधी को याद आए सिंधिया:कांग्रेस सांसद बोले- BJP में बैकबेंचर बन गए हैं ज्योतिरादित्य, कांग्रेस में रहते तो CM बन गए होते; पता है एक दिन जरूर लौटकर आएंगे

ज्योतिरादित्य सिंधिया ने 18 साल कांग्रेस में रहने के बाद मार्च 2020 में पार्टी के खिलाफ बगावत कर भाजपा का दामन थाम लिया था। उन्होंने मध्यप्रदेश में कांग्रेस की कमलनाथ सरकार भी गिरा दी थी।

नई दिल्ली। कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष और सांसद राहुल गांधी ने सोमवार को भाजपा सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया को याद किया। कांग्रेस संगठन के महत्व के बारे में पार्टी के यूथ विंग से बात करते हुए राहुल ने कहा कि अगर सिंधिया कांग्रेस में होते तो आज CM बन गए होते। मैंने उन्हें इंतजार करने को कहा था, लेकिन उन्होंने मेरी नहीं सुनी। आज भाजपा में जाकर वे बैकबेंचर हो गए हैं। मुझे पता है, वो एक दिन जरूर लौटकर आएंगे।

सिंधिया ने अपना रास्ता चुना, भाजपा नहीं बनाएगी CM
राहुल ने कहा कि सिंधिया के पास कांग्रेस कार्यकर्ताओं के साथ काम करके संगठन को मजबूत करने का विकल्प था। मैंने उनसे कहा भी था एक दिन आप मुख्यमंत्री बनेंगे, लेकिन उन्होंने अपना रास्ता चुना। राहुल गांधी ने यह भी कहा कि लिखकर ले लीजिए, वह भाजपा में रहते हुए कभी भी मुख्यमंत्री नहीं बन सकते। उसके लिए उन्हें यहीं वापस आना होगा। कार्यक्रम में राहुल ने युवा कार्यकर्ताओं से RSS की विचारधारा से लड़ने और किसी से नहीं डरने की बात की।

तब सिंधिया ने कहा था, राहुल ने अपना वादा नहीं निभाया
ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कांग्रेस छोड़ने के बाद कहा कि वह पद पाने के लिए नहीं, बल्कि जन सेवा के लिए राजनीति में आए हैं। भाजपा के राज्यसभा सांसद सिंधिया ने कमलनाथ सरकार पर आरोप लगाया था कि राहुल गांधी ने 10 दिन में कर्ज माफी की बात की थी और ऐसा न होने पर मुख्यमंत्री बदलने को कहा था। मैंने 11 दिन नहीं बल्कि 11 महीने इंतजार किया। लेकिन किसानों के हाथ निराशा लगी। इसलिए मैंने कांग्रेस छोड़ने का निर्णय लिया।

सिंधिया ने मार्च 2020 में छोड़ी थी कांग्रेस, 18 साल पार्टी में रहे
ज्योतिरादित्य सिंधिया ने 18 साल कांग्रेस में रहने के बाद मार्च 2020 में पार्टी के खिलाफ बगावत कर भाजपा का दामन थाम लिया था। उन्होंने मध्यप्रदेश में कांग्रेस की कमलनाथ सरकार भी गिरा दी थी। तब कांग्रेस के करीब 22 विधायक पार्टी छोड़कर भाजपा में शामिल हो गए थे। सिंधिया ने इन विधायकों का इस्तीफा करवाया और आखिरकार कमलनाथ को मुख्यमंत्री की कुर्सी छोड़नी पड़ी। सिंधिया फिलहाल भाजपा से राज्यसभा के सांसद हैं। वहीं, उनके समर्थक विधायक मध्ययप्रदेश की भाजपा सरकार में मंत्री और विधायक हैं।

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