जालंधर की रहने वाली युवती ने कहा कि दिसंबर 2019 में उसकी शादी हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा के रहने वाले युवक से हुई। शादी के बाद पति अपनी मां के कमरे में सोता था। जब भी वो इसको लेकर एतराज करती तो उसके साथ झगड़ा किया जाता। शादी के एक महीने बाद पति नौकरी के लिए हिमाचल में ही दूसरी जगह चला गया। इसके बाद वह फोन पर भी बात नहीं करता था। शादी के 4 महीने बाद भी उसके व पति के बीच संबंध नहीं बने। जब भी वह इसके बारे में पति से फोन पर इस बारे में बात करती तो वो कोई न कोई बहाना बनाकर फोन काट देता था।
2 महीने बाद उसका पति घर लौटा तो उसने अपने पति का वॉट्सऐप चैक किया। चैटिंग बहुत ही आपत्तिजनक थी। उसने इस बारे में पति से बात की तो उसने कहा कि उसके दोस्त के साथ संबंध हैं। जो उसकी इच्छा पूरी करते हैं। जब उसने सास को इस बारे में बताया तो वो बोली कि बेटे का इलाज करवा रहे हैं, जल्दी ही ठीक होकर वह अपनी गृहस्थी संभाल लेगा। विवाहिता ने इसके बारे में अपने मायके वालों को बताया तो पिता ने उसका फर्टिलिटी सेंटर से टेस्ट भी करवाया, जिसके बाद उसके ससुराल वाले उससे और नाराज रहने लगे।
उसे अक्टूबर 2019 में मारपीट कर घर से निकाल दिया। जिसके बाद से वह मायके में ही रह रही है। इस मामले की जांच करने वाले कमिश्नरेट पुलिस के ACP ने जांच रिपोर्ट में कहा कि इस सबके बावजूद पति ने अपना इलाज करवाकर घर बसाने की कोई कोशिश नहीं की। जिसके बाद उन्होंने आरोपी पति व सास-ससुर के खिलाफ दहेज उत्पीड़न का केस दर्ज करने की सिफारिश कर दी।