टेक्निकल रिसेशन से बाहर आई अर्थव्यवस्था:दिसंबर तिमाही में GDP ग्रोथ 0.4% रही, पूरे साल में 8% तक की गिरावट का अनुमान

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मुंबई। देश की GDP विकास दर अक्टूबर-दिसंबर 2020 तिमाही में 0.4% रही। यह बात केंद्रीय सांख्यिकी कार्यालय (NSO) द्वारा शुक्रवार को जारी आंकड़े में कही गई। सरकारी आंकड़े में साथ ही कहा गया कि इस कारोबारी साल 2020-21 में देश की GDP में 8% की गिरावट रह सकती है।

तकनीकी मंदी से बाहर आई अर्थव्यवस्था

तीसरी तिमाही में विकास दर्ज करने के साथ ही देश की अर्थव्यवस्था तकनीकी मंदी से बाहर आ गई। इससे पहले लगातार दो तिमाही GDP में गिरावट दर्ज की गई थी। कोरोनावायरस महामारी से लगे झटकों के कारण पहली तिमाही यानी, अप्रैल-जून तिमाही में GDP में 23.9% गिरावट दर्ज की गई थी। इसके बाद दूसरी तिमाही यानी जुलाई-सितंबर में भी GDP में 7.5% गिरावट दर्ज की गई थी।

अनुमानित जीडीपी 36.22 लाख करोड़ रुपए

2011-12 के आधार पर 2020-21 की तीसरी तिमाही में अनुमानित जीडीपी 36.22 लाख करोड़ रुपए रही है। एक साल पहले इसी अवधि में यह 36.08 लाख करोड़ रुपए थी। जीडीपी में ग्रोथ 2020-21 के दौरान 8 पर्सेंट गिरावट का है। जबकि 2019-20 में इसी समय में यह 4 पर्सेंट की बढ़त में थी।

जनवरी में दिखी गतिविधियों में रिकवरी

इस बार के जीडीपी के आंकड़ों में जनवरी में बिजनेस की गतिविधियों में रिकवरी दिखी है। सेवा सेक्टर लगातार चौथे महीने बढ़ा है। इसमें जनवरी महीने में भी तेजी रही है। निर्यात और फैक्टरी की गतिविधियों में भी तेजी रही है। रिजर्व बैंक ने वित्त वर्ष 2022 में देश की अर्थव्यवस्था में 10.5 पर्सेंट की ग्रोथ का अनुमान लगाया है। अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) का अनुमान इसी समय में 11 पर्सेंट की ग्रोथ का है।

12.34 लाख करोड़ रुपए का हुआ फिस्कल डेफिसिट
देश का फिस्कल डेफिसिट पिछले 10 महीनों में जनवरी तक 12.34 लाख करोड़ रुपए रहा। यह सरकार के रिवाइज आंकड़ों के आधार पर बजट के लक्ष्य का पूरे वित्त वर्ष में 66.8% है। टैक्स से 11.02 लाख करोड़ रुपए मिला, जबकि खर्च 25.17 लाख करोड़ रुपए रहा। सरकार ने इस साल के लिए फिस्कल डेफिसिट का अनुमान बदलकर GDP का 9.5% किया था।

क्या है GDP ?

सकल घरेलू उत्पाद (GDP) किसी एक साल में देश में पैदा होने वाले सभी सामानों और सेवाओं की कुल वैल्यू को कहते हैं। GDP किसी देश के आर्थिक विकास का सबसे बड़ा पैमाना है। अधिक GDP का मतलब है कि देश की आर्थिक बढ़ोतरी हो रही है, अर्थव्यवस्था ज्यादा रोजगार पैदा कर रही है। इससे यह भी पता चलता है कि कौन से सेक्टर में विकास हो रहा है और कौन सा सेक्टर आर्थिक तौर पर पिछड़ रहा है।

GVA क्या है?

ग्रॉस वैल्यू ऐडेड यानी जीवीए, साधारण शब्दों में कहा जाए तो GVA से किसी अर्थव्यवस्था में होने वाले कुल आउटपुट और इनकम का पता चलता है। यह बताता है कि एक तय अवधि में इनपुट कॉस्ट और कच्चे माल का दाम निकालने के बाद कितने रुपए की वस्तुओं और सेवाओं का उत्पादन हुआ। इससे यह भी पता चलता है कि किस खास क्षेत्र, उद्योग या सेक्टर में कितना उत्पादन हुआ है।

नेशनल अकाउंटिंग के नजरिए से देखें तो मैक्रो लेवल पर GDP में सब्सिडी और टैक्स निकालने के बाद जो आंकड़ा मिलता है, वह GVA होता है। अगर आप प्रोडक्शन के मोर्चे पर देखेंगे तो आप इसको नेशनल अकाउंट्स को बैलेंस करने वाला आइटम पाएंगे।

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