रॉबर्ट वाड्रा का राममंदिर के लिए चंदा देने से इनकार; कहा- कभी चर्च, मस्जिद, गुरुद्वारे के लिए भी चंदा नहीं दिया

यह सरकार (मोदी सरकार) जब भी मुश्किल में होती है, तब मेरा नाम इस्तेमाल किया जाता है। बेबुनियाद इल्जाम लगाए जाते हैं। मैं कानून में विश्वास करता हूं। कानूनी तौर से जो कार्रवाई होगी, उसमें सब साफ हो जाएगा। मेरे खिलाफ मामला काफी समय से चलता आ रहा है, सबको पता है कि राजनीतिक मामला है, कोई बिजनेस का मामला नहीं है। जो भी डॉक्यूमेंट थे, वे दिए जा चुके, सब सवालों के जवाब दिए जा चुके।

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नई दिल्ली। कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के दामाद रॉबर्ट वाड्रा ने अयोध्या में बन रहे श्रीराम मंदिर के लिए चंदा देने से इनकार कर दिया है। उन्होंने कहा कि अगर पहले किसी चर्च, मस्जिद या गुरुद्वारे के लिए चंदा दिया होगा तो मंदिर के लिए भी दूंगा। ये बातें वाड्रा ने भास्कर को दिए इंटरव्यू से कहीं। पढ़िए किसान आंदोलन, तेल की बढ़ती कीमतों और अपने ऊपर लगे आरोपों से जुड़े सवालों पर वाड्रा के जवाब…

आप पर राजस्थान में जमीन खरीदी में गड़बड़ियों के आरोप हैं, यह चुनावी मुद्दा भी बना, आप इन आरोपों के साए में ही राजनीति में उतरेंगे?
यह सरकार (मोदी सरकार) जब भी मुश्किल में होती है, तब मेरा नाम इस्तेमाल किया जाता है। बेबुनियाद इल्जाम लगाए जाते हैं। मैं कानून में विश्वास करता हूं। कानूनी तौर से जो कार्रवाई होगी, उसमें सब साफ हो जाएगा। मेरे खिलाफ मामला काफी समय से चलता आ रहा है, सबको पता है कि राजनीतिक मामला है, कोई बिजनेस का मामला नहीं है। जो भी डॉक्यूमेंट थे, वे दिए जा चुके, सब सवालों के जवाब दिए जा चुके।

आप पर बैकडोर से राजनीतिक ताकत के इस्तेमाल का आरोप है, सीधे राजनीति में क्यों नहीं उतरते?
मैं किसी भी वजह से राजनीति में नहीं उतरूंगा। जब मुझे लगेगा कि मैं लोगों के लिए कुछ कर सकता हूं, लोगों को लगेगा कि मैं उनके लिए कुछ कर सकता हूं और बदलाव ला सकता हूं, तभी मैं राजनीति में उतरूंगा। अभी मैं देशभर में आध्यात्मिक टूर कर रहा हूं। लोगों की मुश्किलों को समझ रहा हूं। लोगों की आवाज को बुलंद कर रहा हूं। मेरा समय जब आएगा, आप लोगों को पता लगेगा। मैं नहीं बोलूंगा, लोग बोलेंगे। लोग उठेंगे और बोलेंगे कि मुझे राजनीति में आना चाहिए।

कहां से चुनाव लड़ेंगे, राजस्थान से या यूपी से?
सब जगह से रिक्वेस्ट आ रही है कि मैं उनके यहां से चुनाव में उतरूं। मैं जहां से चुनाव लड़ूंगा, पहले उस क्षेत्र के लोगों की समस्याओं और सभी पहलुओं को समझूंगा। ये जानूंगा कि वहां के लोगों के जीवन में क्या बदलाव ला सकता हूं।

किसान आंदोलन में आप नहीं दिखे, एक दिन लग्जरी गाड़ियों के काफिले के साथ आप साइकिल चलाते जरूर दिखे थे?
यह जरूरी नहीं है कि आप बॉर्डर पर जाकर फोटो खिंचवाएं। जो मदद हो सकती है, वह करता हूं। रोज पूरे देश से लोग मेरे घर और दफ्तर आते हैं। उनकी समस्याओं का अपनी तरह से समाधान करने का प्रयास करता हूं। दिशा को दबाव डालकर अरेस्ट किया गया। इस पर भी मैंने कहा कि युवाओं को ये बात गलत लगेगी, तो वो बोलेंगे। उनके पास सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म है। किसी ने गलत किया है तो कानून है। इन चीजों पर मैं बोलता हूं।

मैं राजनीतिक चीजों से दूर रहता हूं, मैं लोगों की आवाज को ऊपर लाता हूं। जिनको कोई सुन नहीं रहा है, उनकी आवाज को आगे लाता हूं। सरकार पेट्रोल के दाम धीरे-धीरे बढ़ा रही है। 90 दिन से किसानों की कोई सुन नहीं रहा है। लोग पूछ रहे हैं कि देश में डेमोक्रेसी का क्या मतलब है? कोविड के बाद लोग मुश्किल में हैं। लोगों की समस्याओं को लेकर मैंने प्रतीकात्मक तौर पर साइकिल चलाई।

पेट्रोल-डीजल पर राजस्थान में बहुत ज्यादा वैट है, क्या आप राजस्थान के CM को भी वैट कम करने का सुझाव देंगे?
मैं राष्ट्रीय स्तर पर बोलूंगा, मैं किसी एक राज्य पर बात नहीं करूंगा। केंद्र सरकार पेट्रोल-डीजल पर टैक्स और सेस कम करे तो कीमतें कंट्रोल हो सकती हैं। मैं राष्ट्रीय स्तर पर ही बात करना चाहूंगा। केवल एक स्टेट की बात है तो मैं वहां के सीएम से बात नहीं करूंगा। देश में जो ओवरऑल सेंटीमेंट हैं और जो गलत हो रहा है, उसके लिए आवाज उठाऊंगा, सोशल मीडिया पर लिखूंगा।

गहलोत सरकार को आप कितने नंबर देंगे?
मैं अभी राजनीति में नहीं हूं। मैं तो लोगों की आवाज को आगे करता हूं। जो सरकार जैसा कर रही है, वह आपको लोगोंं से पूछना पड़ेगा। मैं अभी कोई दखल देना नहीं चाहता।

मौजूदा राजनीतिक सिस्टम और सरकार से क्या शिकायत है ?
लोग पूछ रहे हैं कि देश में डेमोक्रेसी का मतलब क्या है? सरकार जो भी नई पॉलिसी ला रही है, उसमें यही कह रही है ​कि केवल यही चलेगा और कुछ नहीं सुना जाएगा। लोगों की सुनवाई नहीं हो रही है। मैं ऐसे ही मामलों में राहुल और प्रियंका से बोलता हूं कि लोगों की आवाज को उठाया जाए।

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