मुंबई के वसई इलाके में रहने वाले 80 साल के बुजुर्ग को बिजली विभाग ने 80 करोड़ रुपए का बिल भेज दिया। खास यह है कि यह बिल सिर्फ 2 महीने का है। इसे देखते ही बुजुर्ग का ब्लड प्रेशर बढ़ा और उन्हें हॉस्पिटल में एडमिट करवाया गया।
वसई के रहने वाले गणपत नाइक की तबीयत बिगड़ने के बाद अब उनका परिवार सदमे में है। मुंबई में इलेक्ट्रिसिटी सप्लाई कंपनी MSEDCL की ओर 80 करोड़ 13 लाख 89 हजार 6 रुपए का बिल भेजा गया है। नाइक परिवार वसई में 20 साल से एक चावल मिल चलाता है। लॉकडाउन की वजह से उनका धंधा वैसे ही खत्म हो गया है। अब इतने भारी बिल के बाद परिवार को सूझ नहीं रहा कि वे आगे क्या करेंगे।
पहले हर महीने 54 हजार का बिल आता था
गणपत नाइक का कहना है कि बिजली विभाग ऐसा कैसे कर सकता है। बिल भेजने से पहले वे क्या मीटर चेक नहीं करते? ऐसे कैसे किसी को गलत बिल भेज सकते हैं? हर महीने के हिसाब से अब तक ज्यादा से ज्यादा बिजली का बिल 54 हजार आया है। लॉकडाउन के दौरान मिल कई महीने बंद थी, इसके बावजूद दो महीने (दिसंबर और जनवरी) का इतना बिल कैसे आ सकता है।
बिजली विभाग की सफाई
उधर, महाराष्ट्र स्टेट इलेक्ट्रिसिटी डिस्ट्रीब्यूशन कंपनी लिमिटेड (MSEDCL) ने बुधवार को कहा कि यह एक अनजानी गलती थी और बिल जल्द ही सही कर दिया जाएगा। MSEDCL के एडिशनल एग्जीक्यूटिव इंजीनियर सुरेंद्र मुंगारे ने कहा कि ये गड़बड़ी बिजली मीटर की रीडिंग लेने वाली एजेंसी की तरफ से हुई है। इसकी जांच की जा रही है। एजेंसी ने 6 की बजाय 9 अंकों का बिल बना दिया था।
मनसे लगातार कर रही है आंदोलन
बिजली के लगातार बढ़े हुए बिल को मुद्दा बनाकर मनसे (महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना) पिछले कुछ महीनों से आंदोलन कर रही है। मुंबई, पुणे और औरंगाबाद में मनसे कार्यकर्ताओं ने पिछले कुछ दिनों के दौरान तोड़फोड़ भी की है। ऐसे में एक बार फिर इतना बड़ा बिल यह साबित करता है कि बिल बनाने में कहीं न कहीं बड़ी खामी आ रही है।