सरदूल सिकंदर स्मृति शेष:मिमिक्री से की कॅरियर की शुरुआत, 1980 में आई पहली एलबम ‘रोडवेज की लॉरी’: पिता ने बनाया था बांस की पतली डंडी से बजने वाला तबला

1961 में फतेहगढ़ साहिब जिले के गांव खेड़ी नौध सिंह में जन्मे थे पटियाला घराने से ताल्लुक रखते पंजाबी गायक सरदूल सिकंदर

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चंडीगढ़। पंजाब के मशहूर सिंगर सरदूल सिकंदर का बुधवार को कोरोना संक्रमण की वजह से निधन हो गया। सिकंदर 50 से ज्यादा एलबमों में काम कर चुके थे, वहीं अपने खुद के क्रेडिट वाली 27 में से 1991 में आई एलबम ‘हुस्नां दे मल्को’ की दुनियाभर में 5.1 मिलियन से ज्यादा कॉपियां बिकी। दैनिक भास्कर सिकंदर के जीवन से जुड़े कुछ अहम पहलुओं से आपको रू-ब-रू करा रहा है, जो अब सिर्फ याद बनकर रह गए।

पटियाला घराने से ताल्लुक रखते पंजाबी गायक सरदूल सिकंदर फतेहगढ़ साहिब जिले के गांव खेड़ी नौध सिंह में 1961 में जन्मे थे। सरदूल के पिता स्वर्गीय सागर मस्ताना एक प्रसिद्ध तबला वादक थे। उन्होंने एक खास किस्म के तबले का आविष्कार किया था, जो एक पतली बांस की छड़ी से बजाया जाता था। सरदूल सिकंदर ने अपने कॅरियर की शुरुआत मिमिक्री से की थी। 1980 में अपनी परिचयात्मक एलबम ‘रोडवेज दी लॉरी’ के साथ रेडियो और टेलीविजन की दुनिया में अपनी पहली उपस्थिति दर्ज करवाई थी।

उन्होंने कुछ पंजाबी भाषा की फिल्मों में भी अभिनय किया है, जिनमें से ‘जग्गा डाकू’ बेहद मशहूर फिल्म रही है। 1991 में आई एल्बम ‘हुस्नां दे मल्को’ की दुनियाभर में 5.1 मिलियन से ज्यादा कॉपियां बिकी। इसके बाद अब तक पंजाबी भाषा के लोक और पॉप संगीत से जुड़े दिग्गज पंजाबी गायक और संगीतकार सरदूल सिकंदर के पास अपने क्रेडिट की 27 एलबम हैं, वहीं वह दुनियाभर के 50 से अधिक प्रोजेक्ट्स में काम कर चुके थे।

अपनी पत्नी अमर नूरी के साथ सरदूल सिकंदर। हाल ही में 30 जनवरी को उन्होंने शादी की 28वीं सालगिरह मनाई थी।
अपनी पत्नी अमर नूरी के साथ सरदूल सिकंदर। हाल ही में 30 जनवरी को उन्होंने शादी की 28वीं सालगिरह मनाई थी।

सरदूल की शादी कुशल गायिका और अभिनेत्री अमर नूरी से हुई थी। नूरी ने भी पति सरदूल की तरह कई पुरस्कार हासिल किए हैं। उन्होंने कुछ या सबसे यादगार पर्यटन और प्रदर्शनों के लिए युगल के साथ-साथ एकल गायकों के रूप में दुनियाभर में यात्रा की है। हाल ही में 30 जनवरी को गायक सरदूल सिकंदर और अमर नूरी ने अपनी शादी की 28वीं सालगिरह मनाई थी। अमर नूरी ने अपने फेसबुक पेज पर कई तस्वीरें अपलोड की थीं। साथ में लिखा था, नित्त खैर मंगा सोहनेया मैं तेरी, दुआ ना कोई होर मंगदी…।

60 वर्षीय सरदूल सिकंदर काफी दिनों से बीमार चल रहे थे। एक माह पहले किडनी की दिक्कत के कारण उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया था। ऑपरेशन सफल रहा, लेकिन इस बीच वह कोरोना से संक्रमित हो गए। इसके कारण उनकी मौत हो गई। सरदूल सिकंदर ने बुधवार सुबह मोहाली के फोर्टिस अस्पताल में अंतिम सांस ली।

हैप्पी रायकोटी, मिस पूजा और कैप्टन अमरिंदर सिंह ने की संवेदनाएं व्यक्त

उनके निधन के बाद कला क्षेत्र में शोक का माहौल है। अनेक गायक और कलाकारों ने संवेदनाएं व्यक्त की हैं। पंजाबी गायक एवं गीतकर हैप्पी रायकोटी ने सरदूल की एक फोटो शेयर करते हुए लिखा है, ओए मालका, एह की कहर कमाया। गायिका मिस पूजा ने सरदूल सिकंदर की फोटो शेयर कर लिखा कि विश्वास नहीं हो रहा कि उस्ताद सरदूल सिकंदर हमें छोड़कर चले गए। परमात्मा उनकी आत्मा को अपने चरणों में जगह दे। रेस्ट इन पीस गुरुजी। उनके दो बेटे आलाप और सारंग सिकंदर हैं। दोनों गायकी के क्षेत्र में हैं।

मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने ट्वीट कर सरदूल सिकंदर को श्रद्धांजलि दी। उन्होंने ट्वीट किया कि महान पंजाबी गायक सरदूल सिकंदर के निधन के बारे में जानकर बहुत दुख हुआ। वह हाल ही में कोरोना पॉजिटिव हुए थे और उसी के लिए उनका इलाज चल रहा था। पंजाबी संगीत की दुनिया आज गरीब है। उनके परिवार और प्रशंसकों के प्रति मेरी हार्दिक संवेदना।

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