केरल में कमल खिलाने की आस में बीजेपी, मेट्रो मैन के बाद अब उड़नपरी पीटी ऊषा की है चाहत
केरल में अगले कुछ महीनों में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं. बीजेपी का यहां खास प्रभाव नहीं है, मगर भगवा पार्टी इस बार कोई कसर नहीं छोड़ रही. कुछ ही दिन पहले केरल से ताल्लुक रखने वाले और मेट्रो मैन के नाम से मशहूर ई. श्रीधरन ने बीजेपी जॉइन की है. अब बीजेपी पीटी ऊषा को लुभाने में जुटी है.
नई दिल्ली। केरल में अगले कुछ महीनों में विधानसभा चुनाव (Kerala Assembly Elections 2021) होने वाले हैं. भारतीय जनता पार्टी (BJP) ‘भगवान के शहर’ केरल में प्रवेश के लिए बड़े मिशन पर है. कुछ ही दिन पहले केरल से ताल्लुक रखने वाले और मेट्रो मैन (Metro Man) के नाम से मशहूर ई. श्रीधरन (E Sreedharan) बीजेपी में शामिल हुए. बीजेपी अब उड़नपरी नाम से मशहूर पूर्व ओलंपियन और पूर्व एथलीट पीटी ऊषा (PT Usha) पर भी नज़र गड़ाए हुए है. पार्टी को उम्मीद है कि केरल विधानसभा चुनाव के नतीजे उनके मुताबिक आएंगे.
ई श्रीधरन के बाद ‘उड़नपरी’ पीटी ऊषा को पार्टी में शामिल करने के लिए बीजेपी उन्हें जिस आक्रामक तरीके से लुभा रही है, ये केरल के लोगों के लिए कोई हैरानी वाली बात नहीं है. पीटी ऊषा ने हाल ही में कृषि कानूनों पर बीजेपी और केंद्र का पुरजोर समर्थन किया था. पूर्व एथलीट के ट्वीट में बीजेपी के लिए एक निश्चित झुकाव और समर्थन भी दिखा था.
पीटी ऊषा उन लोगों में भी शामिल थीं, जिन्होंने जलवायु परिवर्तन एक्टिविस्ट ग्रेटा थनबर्ग और गायिका रिहाना की टिप्पणी की निंदा की थी. अपने एक ट्वीट में पीटी ऊषा ने लिखा था, ‘हम अपनी संस्कृति और विरासत पर गर्व करते हैं और लोकतंत्र के सच्चे मॉडल हैं. हमारे आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप न करें, हम जानते हैं कि हम अपने स्वयं के मुद्दों को कैसे सुलझा सकते हैं. क्योंकि हम एक और एक ही राष्ट्र हैं. विश्व विविधता को बनाए रखने में विविधता. #भारत प्रोपगेंडा के खिलाफ.’
बीजेपी की दोतरफा रणनीति है. पहला- हिंदू मतदाताओं तक पहुंचने की और सबरीमाला के पक्ष में उन महिलाओं तक सीमित रहने की, जो अभी युवावस्था तक पहुंची हैं या इसे पार नहीं कर पाई हैं. दूसरा- बीजेपी इन प्रतीकों को लुभाने के साथ-साथ केरल के शहरी युवा मतदाताओं को भी अपने साथ लाने की उम्मीद करती है. सूत्रों का कहना है कि बीजेपी कुछ लोकप्रिय फिल्म स्टार, सांस्कृतिक और सामाजिक क्षेत्र के प्रतिष्ठित लोगों को भी पार्टी में शामिल कराने की उम्मीद कर रही है. ‘मिशन दक्षिण’ के अलावा भगवा पार्टी का दूसरा उद्देश्य कांग्रेस के वोट में कटौती करना है, क्योंकि कांग्रेस को आगामी चुनावों में राज्य में वापसी करने की उम्मीद है.
अगर बीजेपी अपने उद्देश्यों में कामयाब हो गई, तो ये कांग्रेस के लिए बड़े नुकसान के साथ बहुत शर्मनाक होगा; क्योंकि राहुल गांधी केरल के सांसद हैं. अमेठी में हार के बाद यहां एक हार, कांग्रेस के लिए दोहरी मार होगी और राहुल गांधी के लिए भी. हालांकि, बीजेपी में शामिल होने की अटकलों को लेकर पीटी ऊषा के करीबी सूत्रों ने कुछ भी कहने से इनकार कर दिया है. मगर बीजेपी जल्द ही उनके साथ आने की उम्मीद कर रही है. देखने वाली बात होगी कि पार्टी किस तरह पीटी ऊषा जैसे दिग्गजों को अपनी ओर से कवर कर पाती है.