उत्तराखंड आपदा:अब तक 61 शव मिले, 28 मानव अंग भी मिले; चट्टान की तरह बन चुके मलबे में अब 143 लापता लोगों की तलाश
मलबे में दबे लोगों को खोजने के लिए NDRF और SDRF की टीमें डॉग स्क्वॉड, दूरबीन, राफ्ट और अन्य उपकरणों का इस्तेमाल कर रहीं हैं। अधिकारियों ने बताया कि तपोवन टनल में अभी भी बड़ी संख्या में लोगों के होने की आशंका है। कीचड़ और दलदल होने के चलते रेस्क्यू में दिक्कतें आ रहीं हैं। लोगों के शव खराब न हों इसलिए रेस्क्यू ऑपरेशन संभालकर चलाया जा रहा है।
चमोली हादसे के रेस्क्यू का आज 13वां दिन है। अब तक 61 लोगों के शव और 28 मानव अंगों को मलबे से निकाला जा चुका है। 143 लोग अभी भी लापता हैं। ये आपदा इतनी भयावह थी कि अब तक चमोली के कई हिस्सों में मलबा दिख रहा है। ये मलबा भी चट्टान की तरह हो गया है। इसे खोदकर NDRF, SDRF और उत्तराखंड पुलिस रेस्क्यू ऑपरेशन को अंजाम दे रही है।
डॉग स्क्वॉड की टीम मौके पर जुटी
मलबे में दबे लोगों को खोजने के लिए NDRF और SDRF की टीमें डॉग स्क्वॉड, दूरबीन, राफ्ट और अन्य उपकरणों का इस्तेमाल कर रहीं हैं। अधिकारियों ने बताया कि तपोवन टनल में अभी भी बड़ी संख्या में लोगों के होने की आशंका है। कीचड़ और दलदल होने के चलते रेस्क्यू में दिक्कतें आ रहीं हैं। लोगों के शव खराब न हों इसलिए रेस्क्यू ऑपरेशन संभालकर चलाया जा रहा है।
नदियों के जल स्तर पर लगातार निगरानी
इस बीच, SDRF ने रैणी गांव के पास ऋषिगंगा नदी में वॉटर सेंसर लगा दिया गया है। नदी में जलस्तर बढ़ने से पहले ही ये अलार्म बजने लगेगा। इसका अलार्म एक किलोमीटर की दूरी तक लोग सुन सकेंगे और समय रहते सुरक्षित स्थानों तक पहुंच जाएंगे।