पुड्डुचेरी में सियासी संकट : उपराज्यपाल ने 22 फरवरी को फ्लोर टेस्ट का आदेश दिया; 4 विधायकों के इस्तीफे के बाद कांग्रेस सरकार अल्पमत में आई

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पुडुचेरी। पुड्डुचेरी में कांग्रेस सरकार के सियासी संकट के बीच उपराज्यपाल डॉ. तिमिलिसाई सुंदरराजन ने 22 फरवरी को शाम 5 बजे विधानसभा में फ्लोर टेस्ट कराने का आदेश दिया है। अब मुख्यमंत्री वी नारायणसामी के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार को सदन में यह साबित करना होगा कि उनके पास बहुमत है या नहीं, क्योंकि कांग्रेस के 4 विधायकों के इस्तीफे और एक विधायक को अयोग्य ठहराए जाने के बाद नारायणसामी सरकार अल्पमत में आ गई है।

33 मेंबर्स वाली विधानसभा में 5 सदस्य कम होने के बाद अब 28 सदस्य रह गए हैं। ऐसे में अगर फ्लोर टेस्ट होता है तो बहुमत के लिए 15 का आंकड़ा जरूरी है, लेकिन कांग्रेस सरकार के पास समर्थक दलों के विधायकों को मिलाकर 14 का आंकड़ा है। विपक्ष के पास भी 14 का ही संख्या बल है।

कांग्रेस के 2 विधायक इस्तीफे के बाद भाजपा में शामिल
कांग्रेस से इस्तीफा देने वाले विधायक ए जॉन कुमार, ए नमस्सिवम, मल्लादी कृष्णा राव और ई थेपयन्थन हैं। इनके अलावा कांग्रेस विधायक एन धनवेलु को पार्टी विरोधी गतिविधियों में शामिल होने के चलते अयोग्य घोषित कर दिया गया। कांग्रेस को झटका देकर नमस्सिवम और थेपयन्थन भाजपा में शामिल हो चुके हैं, बाकी नेता भी जल्द भाजपा में जा सकते हैं।

CM के करीबी ने भी दिया इस्तीफा
16 फरवरी को इस्तीफा देने वाले ए जॉन कुमार को मुख्यमंत्री वी नारायणसामी का करीबी माना जाता था। उन्होंने नेल्लीथोप सीट से 2016 के विधानसभा चुनाव जीता था और नारायणसामी के लिए सीट खाली कर दी थी। कुमार ने बाद में 2019 में कामराज नगर उपचुनाव जीता था। हाल ही में वे दिल्ली में भाजपा के बड़े नेताओं से मीटिंग करके लौटे थे।

विधानसभा में दलों की स्थिति
पुड्डुचेरी में 2016 में विधानसभा चुनाव हुए थे। कांग्रेस को 15 सीटें मिली थीं। उसे 3 डीएमके विधायकों और एक निर्दलीय का भी समर्थन था। ऐसे में उसका संख्या बल 19 हो गया था। अब 5 विधायकों के जाने पर वो 14 पर आ गई है। उधर, अपोजिशन में AINRC के 7, AIADMK के 4 मेंबर्स हैं। इनके अलावा भाजपा के 3 मनोनीत मेंबर्स हैं। अब विपक्ष का संख्या बल भी 14 यानी कांग्रेस के बराबर है।

भाजपा का दावा- कांग्रेस सरकार का गिरना तय
पुड्डुचेरी भाजपा के अध्यक्ष वी सामीनाथन ने कहा कि नारायणसामी सरकार ने बहुमत खो दिया है और उनका बहुमत होने का दावा करना गलत है। उनकी सरकार 22 फरवरी को गिर जाएगी। सभी 14 विपक्षी नेता एकजुट हैं।

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