टूलकिट केस में नया खुलासा:ग्रेटा के टूलकिट शेयर करने के तुरंत बाद दिशा ने उन्हें मैसेज भेजा, कहा था- इसे ट्वीट मत करो, इसमें हमारे नाम हैं

निकिता जैकब की जमानत अर्जी पर भी मंगलवार को बॉम्बे हाईकोर्ट में सुनवाई हुई। कोर्ट ने फैसला बुधवार के लिए रिजर्व रख लिया है। दिल्ली पुलिस ने कहा है कि जब तक निकिता के खिलाफ सख्त एक्शन नहीं लिया जाएगा।

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नई दिल्ली। ग्रेटा थनबर्ग टूलकिट केस में मंगलवार को एक और खुलासा दिल्ली पुलिस ने किया है। दिल्ली पुलिस ने बताया कि ग्रेटा थनबर्ग ने जब किसान आंदोलन से जुड़ी टूलकिट ट्वीट की, उसके तुरंत बाद एक्टिविस्ट दिशा ने उसे वॉट्सऐप मैसेज किया था। इसमें दिशा ने ग्रेटा से कहा था कि इस टूलकिट को ट्वीट मत करो, क्योंकि इसमें सभी के नाम हैं।

अपडेट्स

  • बॉम्बे हाईकोर्ट की औरंगाबाद बेंच ने शांतनु को 10 दिन की अग्रिम जमानत (एंटीसिपेटेरी बेल) दे दी।
  • निकिता जैकब की जमानत अर्जी पर भी मंगलवार को बॉम्बे हाईकोर्ट में सुनवाई हुई। कोर्ट ने फैसला बुधवार के लिए रिजर्व रख लिया है। दिल्ली पुलिस ने कहा है कि जब तक निकिता के खिलाफ सख्त एक्शन नहीं लिया जाएगा।
  • दिल्ली की एक अदालत ने एक्टिविस्ट दिशा रवि को गर्म कपड़े, मास्क और किताबें लेने की इजाजत दे दी है। साथ ही दिशा को उनकी मां और परिवार के दूसरे सदस्यों से बात करने की परमिशन भी दी गई है। वे FIR की कॉपी और गिरफ्तारी की कार्रवाई से जुड़े दूसरे डॉक्यूमेंट्स की कॉपी भी एक्सेस कर सकेंगी।

उधर, दिल्ली पुलिस ने दिशा के बनाए एक वॉट्सऐप ग्रुप के बारे में भी जानकारी मांगी है। सूत्रों के मुताबिक, इंटरनेशनल फार्मर स्ट्राइक नाम का ये ग्रुप किसानों से जुड़े गतिविधियों को जोड़ने के लिए बनाया गया था। पुलिस ने बताया कि इस ग्रुप को 6 दिसंबर को बनाया गया और इसमें 10 मेंबर्स जुड़े थे। बाद में दिशा ने अपने फोन से सभी के नंबर डिलीट कर दिए।

ग्रेटा और दिशा के बीच हुई वॉट्सऐप चैट

ग्रेटा (9:25 pm): बहुत अच्छा होता कि ये अभी तैयार होती। मुझे इसके चलते बहुत सारी धमकियां मिलतीं। इसने तो बहुत बखेड़ा कर दिया।
दिशा: शिट… शिट
दिशा (9:25 pm): मैं ये तुम्हें भेज रही हूं।
दिशा (9:35 pm): ओके, क्या ऐसा हो सकता है कि ये टूलकिट तुम शेयर ना करो? ऐसा नहीं हो सकता कि कुछ वक्त के लिए हम लोग कुछ भी ना कहें? मैं वकीलों से बात करने जा रही हूं। मैं माफी चाहती हूं पर इसमें हम लोगों के नाम हैं। हम लोगों के खिलाफ वास्तव में अनलॉफुल एक्टिविटीज प्रिवेंशन एक्ट (UAPA) के तहत केस होगा।
दिशा (9:39 pm): क्या तुम ठीक हो?
ग्रेटा (9:40 pm): मुझे कुछ लिखना चाहिए।
दिशा (9:40 pm): क्या तुम मुझे 5 मिनट दे सकती हो, मैं वकीलों से बात कर रही हूं।
ग्रेटा (9:41 pm): कभी-कभी नफरत के ऐसे तूफान आते हैं और ये बहुत भयानक होते हैं।
दिशा (9:41 pm): मैं माफी मांगती हूं। हम सब परेशान हो रहे हैं, क्योंकि यहां हालात बहुत खराब होते जा रहे हैं।
दिशा (9:41 pm): हम ये निश्चित करेंगे कि इस मामले में तुम्हारा नाम न आए।
दिशा (9:41 pm): हमें अभी सभी सोशल मीडिया अकाउंट डिलीट करने होंगे।

निकिता ने वर्चुअल मीटिंग में शामिल होने की बात कबूली
टूलकिट केस में मुंबई की वकील और एक्टिविस्ट निकिता जैकब के खिलाफ भी गैरजमानती वारंट जारी किया गया है। इसके बाद निकिता ने 26 जनवरी से पहले हुई उस वर्चुअल मीटिंग में शामिल होने की बात कबूल की, जिसमें पोएटिक जस्टिस फाउंडेशन (PJF) के फाउंडर एमओ धालीवाल, दिशा और अन्य लोग जूम ऐप के जरिए जुड़े थे। ये मीटिंग 11 जनवरी को हुई थी।

इसमें 70 लोग शामिल हुए थे। दिल्ली पुलिस ने जूम ऐप से सभी की जानकारी मांगी है। पुलिस ने कहा कि ये मीटिंग PJF ने बुलाई थी, जिसका फाउंडर एमओ धालीवाल है। इसी में ग्लोबल फार्मर स्ट्राइक और ग्लोबल डे ऑफ एक्शन 26 जनवरी नाम से टूलकिट बनाने का फैसला किया गया।

टूलकिट पर निकिता की दो दलीलें

1. टूलकिट का मकसद आंदोलन की तस्वीर पेश करना
निकिता के वकील ने मुंबई के पुलिस के सामने इस मामले से जुड़े कुछ दस्तावेज पेश किए हैं। इनमें निकिता ने कहा, ‘टूलकिट एक्सटिंक्शन रिबेलियन NGO (XR) के भारतीय वालंटियर्स ने बनाई थी। इसका मकसद अंतरराष्ट्रीय स्तर पर किसान आंदोलन की पूरी तस्वीर एक जगह पेश करना था।’

2. हमारा मकसद हिंसा भड़काना नहीं था
निकिता ने कहा, ‘स्वीडन की क्लाइमेट एक्टिविस्ट ग्रेटा थनबर्ग के साथ मैंने कोई जानकारी शेयर नहीं की है। यह टूलकिट डॉक्यूमेंट इन्फॉर्मेशनल पैक था और इसका मकसद हिंसा भड़काना नहीं था। इसके पीछे मेरा कोई राजनीतिक, धार्मिक या आर्थिक एजेंडा भी नहीं था।’

ग्रेटा थनबर्ग के टूलकिट शेयर करने के बाद मामला बढ़ा
यह मामला देश के किसानों से जुड़ा है, जो दिल्ली के दरवाजे पर 83 दिन से आंदोलन कर रहे हैं। 3 फरवरी को 18 साल की क्लाइमेट एक्टिविस्ट ग्रेटा थनबर्ग ने दो सोशल मीडिया पोस्ट लिखी थीं। पहली पोस्ट में उन्होंने किसानों का समर्थन किया था, दूसरी पोस्ट में एक टूलकिट शेयर की थी। यह टूलकिट दरअसल एक गूगल डॉक्यूमेंट था। इसमें ‘अर्जेंट, प्रायर और ऑन ग्राउंड एक्शंस’ का जिक्र था।

कानून 20 साल और 50 साल में फर्क नहीं करता- दिशा की गिरफ्तारी पर दिल्ली पुलिस
इस मामले में दिल्ली पुलिस ने 14 फरवरी को एक्टिविस्ट दिशा रवि को अरेस्ट किया। 22 साल की दिशा BBA स्टूडेंट हैं। उन्होंने क्लाइमेट एक्टिविस्ट ग्रुप फ्राइडे फॉर फ्चूयर की इंडिया विंग 2019 में शुरू की थी। इस इंटरनेशनल ग्रुप की फाउंडर ग्रेटा थनबर्ग हैं। इस गिरफ्तारी पर विपक्ष और एक्टिविस्ट कम्युनिटी ने ऐतराज किया है। साथ ही किसान नेताओं ने भी दिशा की बिना शर्त रिहाई की मांग की है।

दिल्ली पुलिस ने मंगलवार को दिशा की गिरफ्तारी पर अपना स्टैंड क्लीयर किया। दिल्ली के पुलिस कमिश्नर ने कहा कि ये गिरफ्तारी प्रक्रिया के मुताबिक ही की गई है। कानून 22 साल या 50 साल की उम्र के आधार पर किसी से फर्क नहीं करता। दिशा को कोर्ट में पेश किया गया था, जहां से उन्हें 5 दिन की पुलिस कस्टडी में भेजा गया है।

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