ट्विटर पर सरकार की सख्ती का असर:किसान आंदोलन के बीच 500 अकाउंट्स परमानेंट सस्पेंड, आपत्तिजनक कंटेंट की विजिबिलिटी घटाई
सरकार ने IT एक्ट की धारा 69A के तहत ट्विटर को नोटिस दिया था। इस धारा में 7 साल की जेल का प्रोविजन है। नोटिस में कहा गया था कि ट्विटर एक्शन नहीं लेगा तो उस पर कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
नई दिल्ली। किसान आंदोलन के बीच सोशल मीडिया को लेकर सरकार की सख्ती के चलते ट्विटर ने 500 अकाउंट हमेशा के लिए सस्पेंड कर दिए हैं। सरकार ने ट्विटर को कई विवादित अकांउट और हैशटैग हटाने का नोटिस दिया था, इसके जवाब में ट्विटर ने एक्शन लिया। सोशल मीडिया कंपनी ने बुधवार को यह जानकारी दी। उसने बताया कि जिन अकाउंट्स को सस्पेंड किया गया है, वे कंपनी की पॉलिसी का वॉयलेशन कर रहे थे।
सरकार ने IT एक्ट की धारा 69A के तहत ट्विटर को नोटिस दिया था। इस धारा में 7 साल की जेल का प्रोविजन है। नोटिस में कहा गया था कि ट्विटर एक्शन नहीं लेगा तो उस पर कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
ट्विटर ने आपत्तिजनक कंटेंट की विजिबिलिटी भी घटाई
ट्विटर के मुताबिक पिछले हफ्तों में हुई हिंसा की घटनाओं को देखते हुए आपत्तिजनक कंटेंट वाले हैशटेग की विजिबिलिटी भी कम कर दी गई है। साथ ही कहा कि दिल्ली में रिपब्लिक डे को हुई हिंसा के बाद भारत में अपने नियमों को लागू करवाने के लिए जो कदम उठाए जा रहे हैं, उनके बारे में रेगुलर अपडेट दे रहे हैं।
पत्रकार, पॉलिटिशियन के अकाउंट्स पर एक्शन नहीं
ट्विटर ने यह भी बताया कि कुछ अकाउंट्स ऐसे भी हैं, जिन्हें भारत में ब्लॉक किया गया है, लेकिन वे दूसरे देशों में एक्सेस रहेंगे। साथ ही कहा, ‘फ्रीडम ऑफ एक्सप्रेशन को प्रोटेक्ट करते हुए न्यूज मीडिया, पत्रकार, एक्टिविस्ट और पॉलिटिशियन से जुड़े किसी अकाउंट पर एक्शन नहीं लिया गया है, क्योंकि हमें नहीं लगता कि सरकार ने जो निर्देश दिए हैं वे भारतीय कानून के मुताबिक हैं।’
भाजपा नेता का तंज- ट्विटर खुद को कानून से ऊपर समझता है
ट्विटर ने कुछ अकाउंट्स पर एक्शन नहीं लेने की जो वजह बताई है, उस पर भाजपा सांसद तेजस्वी सूर्या ने निशाना साधा है। सूर्या ने सोशल मीडिया पर लिखा, ‘ऐसा लगता है कि ट्विटर खुद को भारतीय कानून से ऊपर समझता है। वह खुद ही तय कर रहा है कि क्या कानून मानना है और क्या नहीं।’
सरकार ने भड़काऊ कंटेंट वाले अकाउंट्स हटाने को कहा था
न्यूज एजेंसी के सूत्रों के मुताबिक, सरकार ने 2 दिन पहले ट्विटर से 1,178 पाकिस्तानी-खालिस्तानी अकाउंट्स हटाने को कहा था। सरकार का कहना था कि इन अकाउंट्स के जरिए किसान आंदोलन से जुड़ी गलत जानकारियां और भड़काऊ कंटेंट फैलाया जा रहा है।
ट्विटर ने बताया कि पिछले 10 दिनों में मिनिस्ट्री ऑफ इलेक्ट्रोनिक्स एंड आईटी की तरफ से कई आदेश मिले थे, जिनमें विवादित अकाउंट्स ब्लॉक करने के लिए कहा गया था। इसके साथ ट्विटर का कहना है कि ओपन इंटरनेट और फ्री एक्सप्रेशन को मजबूती देने वाली वैल्यूज के लिए दुनियाभर में खतरा बढ़ रहा है।