किसान आंदोलन: सरकार ने ट्विटर से पाकिस्‍तान या खालिस्‍तान से जुड़े 1178 अकाउंट बंद करने को कहा

ट्विटर (Twitter) से जिन अकाउंट्स को बंद करने के लिए कहा गया है उनमें से कई खालिस्तानी समर्थकों के हैं. साथ ही कई अकाउंट्स को पाकिस्‍तान का सहयोग मिल रहा है.

0 999,171

नई दिल्‍ली. गणतंत्र दिवस के मौके पर 26 जनवरी को किसान ट्रैक्‍टर रैली (Tractor rally) के दौरान हुई हिंसा के बाद से सरकार पूरी तरह से सतर्कता बरतती दिख रही है. सरकार की ओर से सोशल मीडिया पर भी किसान आंदोलन (Farmers Protest) को लेकर नजर रखी जा रही है, ताकि इसकी आड़ में कोई साजिश न रची जाए. इसी क्रम में सरकार ने गुरुवार को ट्विटर को नोटिस जारी किया है. इसमें सरकार ने माइक्रोब्‍लॉगिंग साइट से कहा है कि वह 1178 अकाउंट को ब्‍लॉक करे. सरकार के अनुसार इन सभी अकाउंट का संबंध खालिस्‍तान या फिर पाकिस्‍तान से है.

बता दें कि इससे पहले इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने हाल ही में ट्विटर को निर्देश दिया था कि वह ऐसे 257 अकाउंट को बंद करे जो 30 जनवरी को ऐसे ‘गलत, धमकाने वाले और भड़काने वाले ट्वीट्स’ साझा कर रहे थे जिनमें हैशटैग के साथ भड़काऊ बातें थीं.

सूत्रों ने कहा कि ट्विटर के लिए आईटी अधिनियम की धारा 69ए के तहत जारी निर्देशों का पालन करना बाध्य है. गृह मंत्रालय और अन्य सुरक्षा एजेंसियों से सलाह लेने के बाद हाल ही में आईटी मंत्रालय की ओर से ट्विटर से इन अकाउंट को बंद करने को कहा गया है. लेकिन ट्विटर ने अभी तक मांगों पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है.

सूत्रों का कहना है कि ट्विटर से जिन अकाउंट को बंद करने के लिए कहा गया है उनमें से कई खालिस्तानी समर्थकों के हैं. साथ ही कई अकाउंट्स को पाकिस्‍तान का सहयोग मिल रहा है. ये सभी विदेश से संचालित हो रहे हैं. इनमें से अधिकांश को इंटरनेट बॉट की मदद से चलाए जा रहे हैं ताकि किसान आंदोलन को लेकर दुष्‍प्रचार किया जा सके और गलत सूचनाएं फैलाई जा सकें.

सूत्रों ने कहा कि ट्विटर एक ‘मध्यस्थ’ है और वह सरकार के निर्देशों का पालन करने के लिये बाध्य है. उन्होंने कहा कि सरकारी आदेशों का अनुपालन न करने पर ट्विटर को दंडात्मक कार्रवाई का सामना करना पड़ सकता है. सरकार की ओर से कहा गया है कि अगर ट्विटर इन आदेशों का पालन नहीं करता है तो उसके अफसरों को सात साल तक की कैद और कंपनी को भारी जुर्माना अदा करना पड़ सकता है.

Leave A Reply

Your email address will not be published.