नई दिल्ली। टीकरी बॉर्डर पर रविवार को एक किसान का शव पार्क में पेड़ से लटका मिला। पुलिस को एक सुसाइड नोट भी मिला है। इसमें किसान ने लिखा, ‘भारतीय किसान यूनियन जिंदाबाद। मोदी सरकार बस तारीख पर तारीख दे रही है। कोई नहीं कह सकता कि काले कानून कब वापस होंगे।’ पुलिस ने बताया कि मृतक किसान का नाम कर्मवीर सिंह (52) है। वह हरियाणा के जींद का रहने वाला था।
यह घटना हरियाणा के ही चरखी दादरी में होने वाली महापंचायत से कुछ देर पहले सामने आई। चरखी दादरी की महापंचायत में राकेश टिकैत भी शामिल होंगे। टिकैत ने शनिवार को देशभर में हुए किसानों के चक्काजाम के बाद किसान क्रांति 2021 का ऐलान किया था। टिकैत ने कहा था कि अब हमारा टारगेट 40 लाख ट्रैक्टरों की रैली का है। 26 जनवरी को हमने दिल्ली में 20 हजार ट्रैक्टरों की रैली निकाली थी। उन्होंने अपील की कि किसान अपने ट्रैक्टरों पर किसान क्रांति 2021 लिखें। इससे किसान जहां भी जाएंगे, उन्हें सम्मान दिया जाएगा।
NGT के फैसले से खफा टिकैत बोले- NGT दफ्तर पर भी दौड़ेंगे ट्रैक्टर
टिकैत गाजीपुर पर दिल्ली-एनसीआर के उन किसानों से भी मिले, जो नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (NGT) के फैसले से नाराज हैं। NGT ने 10 साल पुराने डीजल वाहनों पर बैन लगाने को कहा है और इनमें ट्रैक्टर भी शामिल हैं। टिकैत ने कहा, ‘खेतों में चलने वाले ट्रैक्टर अब दिल्ली में NGT के दफ्तर पर भी दौड़ेंगे। अब तक तो ये लोग नहीं पूछते थे कि कौन सी गाड़ी 10 साल पुरानी है। अब इनका क्या प्लान है? 10 साल से पुराने ट्रैक्टरों को बाहर करो और कॉरपोरेट्स की मदद करो? लेकिन 10 साल से पुराने ट्रैक्टर भी दौड़ेंगे और आंदोलन मजबूत होगा।’
धरना स्थल से मिट्टी ले जाने की अपील की
उन्होंने किसानों से अपील की है कि वो धरना स्थल पर अपने खेतों से एक मुट्ठी मिट्टी लेकर आएं और प्रदर्शनवाली जगह से एक मुट्ठी मिट्टी लेकर वापस जाएं। टिकैत ने कहा कि ये मिट्टी लेकर अपने खेतों में डाल दें और व्यापारी कभी आपकी जमीनों की ओर नहीं देख पाएंगे। उन्होंने किसानों से अपील की है कि वो हर वक्त तैयार रहें। जब भी बुलाया जाए तो किसान धरना स्थलों पर पहुंचें, जैसा 26 जनवरी की परेड के बाद हरियाणा और यूपी के युवाओं ने किया था।
चक्काजाम के बाद किसान नेताओं में दिखी फूट
किसानों ने 6 फरवरी को 3 राज्यों दिल्ली, उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड को छोड़ देशभर में चक्काजाम किया। दोपहर 12 बजे से 3 बजे तक किए गए जाम का सबसे ज्यादा असर राजस्थान, हरियाणा और पंजाब में दिखा। इस जाम के बाद 40 किसान संगठनों के संयुक्त किसान मोर्चा के नेता दर्शनपाल के एक बयान ने किसान संगठनों की फूट को उजागर कर दिया। दरअसल, राकेश टिकैत ने चक्काजाम से दिल्ली, यूपी और उत्तराखंड को अलग रखा था। दर्शनपाल ने इस फैसले पर कहा कि ऐसा बयान देने से पहले टिकैत को हमसे बात करनी चाहिए थी। उन्होंने जल्दबाजी में बयान दे दिया।