चंडीगढ़। पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने राज्य की नई आबकारी नीति को मंज़ूरी दे दी है। सरकार को इससे 7002 करोड़ रुपये मिलने की उम्मीद है जो कि मौजूदा वर्ष के 5794 करोड़ रुपये से 20 फीसद ज्यादा है। कोरोना के चलते होटल और रेस्टोरेंट के बंद होने के कारण हुए नुकसान को देखते हुए इन्हें नई आबकारी नीति में राहत देने का ऐलान किया गया है। आबकारी नीति में रिटेल लाइसेंसियों को राहत देना और शराब कारोबार को बढ़ावा देने के पक्षों को रखा गया है। नीति का मकसद मौजूदा ठेकों का नवीकरण करना है बशर्ते कि लाइसेंसियों द्वारा अतिरिक्त शराब उठाई जाए।
राज्य सरकार के प्रवक्ता ने बताया कि कोविड -19 के कारण पेश आईं मुश्किलों के बावजूद मौजूदा वित्तीय वर्ष में निर्धारित 5578 करोड़ रुपये से भी 300 करोड़ रुपये अधिक कमाई होने की आशा है। 2021-22 में 7000 करोड़ रुपये तक यह लक्ष्य पहुंच सकता है। विभाग ने देसी शराब का कोटा 12 प्रतिशत बढ़ा दिया है। (लाइसेेंसी द्वारा बेची जाने वाली शराब की न्यूनतम मात्रा) भारत में बनी विदेशी शराब का कोटा 6 प्रतिशत और बीयर का कोटा 4 प्रतिशत क्रमवार बढ़ाकर अतिरिक्त राजस्व जुटाने का विचार है।
होटलों और रैस्टोरैंटों के बार में सालाना निर्धारित लाइसेंस फीस ही 30 प्रतिशत कम करके उन्हें राहत प्रदान की गई है, क्योंकि कोविड के कारण उनका काफी नुकसान हुआ है। शराब का उपभोग करने (मूूल्यांकन की फीस) पर लागू फीस भी घटा दी गई है। मैरिज पैलेसों की सालाना लाइसेंस फीस भी 20 प्रतिशत घटा दी गई है। इससे कानूनी तौर पर शराब की बिक्री में मदद मिलेगी। विभाग को सस्ती नाजायज शराब की बिक्री रोकने में भी सहायता मिलेगी जो कि उपभोक्ताओं के जीवन और सेहत के लिए ख़तरनाक है। शराब की कीमत में कोई वृद्धि नहीं होगी।
‘ऑपरेशन रेड रोज़’ की कामयाबी के मद्देनजऱ विभाग ने इस ऑपरेशन के अंतर्गत इन्फोर्समेंट गतिविधियों को जारी रखने का फैसला लिया है। विभाग राज्य में शराब के उत्पादन, ढुलाई और जमा करने पर नजऱ रखने के लिए तकनीक का सहारा लेने की योजना भी तैयार कर रहा है। सरकार मौजूदा एल-13 थोक लाइसेंसियों की जगह पर शराब के सभी थोक व्यापार की आनलाइन विधि द्वारा निगरानी करेगी।
राज्य सरकार ने नई डिस्टिलरियां, कारख़ाने या बॉटलिंग प्लांट स्थापित करने पर बन्दिशें लगाने का फ़ैसला किया है। यह भी तय किया गया है कि मौजूदा वर्ष में उत्पादन इकाईयाँ स्थापित करने के लिए कोई नया लेटर ऑफ इंटैंट न जारी किया जाए। सरकार ने बॉटलिंग प्लांट लगाने के लिए जारी लेटर ऑफ इंटैंटस को 31 मार्च, 2023 तक अपने प्रोजेक्ट पूरे करना लाजि़मी कर दिया है।