किसान आंदोलन की घेराबंदी :संयुक्त किसान मोर्चा समेत आंदोलन से जुड़े 250 ट्विटर अकाउंट बंद; नेता बोले- यह हमारी आवाज दबाने की कोशिश
किसान एकता मोर्चा के ट्विटर अकाउंट के संचालक बलजीत सिंह ने भास्कर से बताया कि यह कार्रवाई सोमवार दोपहर 2.30 बजे के करीब हुई है। बलजीत कहते हैं, 'हमारे सोशल मीडिया नेटवर्क के जरिए किसानों से जुड़े मुद्दे रोजाना ट्विटर पर ट्रेंड कर रहे थे। यह हमारी आवाज को दबाने की कोशिश है।' वहीं, इस मामले को लेकर ट्विटर ने कहा है कि कानूनी जरूरतों के तहत इन अकाउंट्स पर भारत में प्रतिबंध लगाया जा रहा है।
नई दिल्ली। 26 जनवरी की किसान ट्रैक्टर परेड में हिंसा के बाद सरकार ने सिंघु, टीकरी और गाजीपुर बॉर्डर पर इंटरनेट सर्विस बंद कर दी थी। अब इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय (MEITY) ने ट्विटर को 250 अकाउंट ब्लॉक करने का निर्देश दिया है। इन अकाउंट्स से मोदी किसानों का नरसंहार करने की प्लानिंग कर रहे हैं हैशटेग के साथ ट्वीट किए जा रहे थे। साथ ही ये 30 जनवरी को ये अकाउंट झूठे, उकसाने और डराने वाले ट्वीट कर रहे थे। किसान नेताओं का कहना है कि इनमें संयुक्त किसान मोर्चा के अलावा कई किसान नेताओं के ट्विटर अकाउंट्स शामिल हैं।
किसान एकता मोर्चा के ट्विटर अकाउंट के संचालक बलजीत सिंह ने भास्कर से बताया कि यह कार्रवाई सोमवार दोपहर 2.30 बजे के करीब हुई है। बलजीत कहते हैं, ‘हमारे सोशल मीडिया नेटवर्क के जरिए किसानों से जुड़े मुद्दे रोजाना ट्विटर पर ट्रेंड कर रहे थे। यह हमारी आवाज को दबाने की कोशिश है।’ वहीं, इस मामले को लेकर ट्विटर ने कहा है कि कानूनी जरूरतों के तहत इन अकाउंट्स पर भारत में प्रतिबंध लगाया जा रहा है।
बॉर्डर पर सड़क खोदी, कई लेयर की बैरिकेडिंग
गाजीपुर बॉर्डर पर पुलिस ने कई लेयर की बैरिकेडिंग लगाई है। यहां नुकीली तारें भी बिछाई गई हैं। गाजीपुर की तरफ से नेशनल हाइवे-9 को सील कर दिया गया है। अब दिल्ली की तरफ से प्रदर्शन स्थल पर सीधे पहुंचना लगभग नामुमकिन है। कुछ प्रदर्शनकारी किनारे से निकलकर जा रहे थे, अब वहां भी जेसीबी से खुदाई कर दी गई है। टीकरी बॉर्डर पर नुकीले सरिए बिछाए जाने के बाद बैरिकेड पार करना अब मुमकिन नहीं है।
आंदोलन स्थल पर मौजूद नवकिरण नट कहती हैं, ‘इन इंतजामों से लोगों में डर फैल रहा है। ऐसा क्यों किया जा रहा है और सरकार क्या संदेश देना चाहती है? इस तरह की किलेबंदी के पीछे सरकार की क्या योजना है? आने वाले दिनों में किसानों और मोर्चे पर यदि कोई हमला होता है तो क्या ये उसकी तैयारी है? कई तरह के सवाल उठ रहे हैं।’
पुलिस के रवैये से किसानों में नाराजगी
आंदोलन में आए साहिल जीत सिंह ने कहा, ‘पुलिस बैरिकेड की दूसरी तरफ बहुत कुछ कर रही है, हमें दिल्ली जाना ही नहीं है। हम बस यहां अपने मोर्चे को संभाले रखना चाहते हैं, लेकिन पुलिस का इस तरह से नुकीले सरिए बिछाना बिलकुल गलत है। इसकी वजह से इमरजेंसी में भी गाड़ियां दूसरी तरफ नहीं जा पाएंगी। मेडिकल वाहन भी रुक जाएंगे।’ टीकरी बॉर्डर पर मौजूद एक और प्रदर्शनकारी गुरजीत ने कहा, ‘पुलिस ने टीकरी बॉर्डर पर सड़क को खोदा है, ये पूरी तरह से गैरकानूनी है। कई जेसीबी मशीनों से खुदाई की गई है।’
सिंघु, टीकरी और गाजीपुर बॉर्डर पर इंटरनेट बंद है, जिसकी वजह से लोगों तक पूरी सूचनाएं नहीं पहुंच पा रही हैं। नवकिरण कहती हैं, ‘सही जानकारियों के अभाव में कई तरह की अफवाहें भी फैल सकती हैं, जिससे आंदोलन कमजोर हो सकता है। यहां इंटरनेट तुरंत बहाल होना चाहिए।’
26 जनवरी से सीख लेकर ऐसा कर रहे हैं: पुलिस
दिल्ली पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी का कहना है कि बॉर्डर पर भारी बैरिकेडिंग और तारबंदी के साथ सुरक्षा के लिए जो भी जरूरी है, वह किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि पुलिस ने 26 जनवरी के घटनाक्रम से बहुत कुछ सीखा है, हम कोशिश कर रहे हैं कि प्रदर्शन सिर्फ बॉर्डर तक ही सीमित रहे।