वायुसेना की ताकत बढ़ेगी:83 तेजस एयरक्राफ्ट के बाद अब IAF 114 मल्टीरोल फाइटर जेट खरीदने की तैयारी में, 1.3 लाख करोड़ खर्च होंगे

अमेरिका, फ्रांस, रूस और स्वीडन की फाइटर जेट निर्माता कंपनियों ने वायुसेना के प्रोजेक्ट में दिलचस्पी दिखाई है। अब IAF कीमत और ताकत के आधार पर इनमें से बेहतर एयरक्राफ्ट चुनेगी।

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नई दिल्ली। बॉर्डर पर पड़ोसी देशों से चल रहे तनाव के बीच इंडियन एयरफोर्स (IAF) अपनी ताकत और बढ़ाने की योजना बना रही है। हाल ही में मोदी कैबिनेट ने 83 तेजस एयरक्राफ्ट खरीदने को मंजूरी दी थी। उम्मीद है कि इस डील पर एयरो इंडिया शो के दौरान मुहर लग सकती है। अब वायुसेना 114 और मल्टीरोल फाइटर जेट खरीदने की योजना बना रही है। इस डील पर करीब 1.3 लाख करोड़ रुपए खर्च होंगे।

न्यूज एजेंसी ANI ने सरकार के सूत्रों के हवाले से बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हाल ही में कैबिनेट ने 50 हजार करोड़ रुपए में 83 तेजस विमान खरीदने को मंजूरी दी थी। इसके तहत खरीदे जाने वाले तेजस विमान मिग-21 फाइटर जेट की जगह लेंगे। इसके बाद एयरफोर्स का फोकस 114 एयरक्राफ्ट खरीदने पर है।

4.5 जेनेरेशन के एयरक्राफ्ट खरीदने पर फोकस
एयरफोर्स ने टेंडर के लिए रिक्वेस्ट फॉर इंफॉरमेशन (RFI) पहले ही जारी कर दिया है और जल्द ही इस प्रोजेक्ट के लिए रक्षा मंत्रालय के सामने एक्सेप्टेंस ऑफ नेसेसिटी (AoN) का प्रपोजल भी रखेगी। इसके तहत बड़ी संख्या में 4.5 जेनेरेशन के ऐसे एयरक्राफ्ट खरीदे जाएंगे, जो हाल ही में खरीदे गए राफेल फाइटर जेट की क्षमताओं की बराबरी कर सकें।

अमेरिका, फ्रांस, रूस और स्वीडन ने दिखाई दिलचस्पी
RFI के जवाब में अमेरिका, फ्रांस, रूस और स्वीडन की फाइटर जेट निर्माता कंपनियों ने दिलचस्पी दिखाई है। अमेरिका की ओर से F-15 स्ट्राइक ईगल, F-18 सुपर हॉर्नेट और F-16 वेरिएंट को F -21 के नाम से ऑफर किया जा सकता है। रूस भारत को मिग-35 और सुखोई फाइटर जेट का ऑफर दे सकता है। वहीं, स्वीडन की साब (Saab) ग्रिपेन फाइटर जेट की पेशकश कर रहा है, यह 2007 में भारतीय वायुसेना को ऑफर किए गए एयरक्राफ्ट से ज्यादा एडवांस है। वहीं, फ्रांस राफेल विमान के साथ टेंडर में शामिल होने की तैयारी कर रहा है।

कीमत के साथ-साथ ताकत पर फोकस
हाल ही में वायुसेना प्रमुख आरकेएस भदौरिया ने राफेल को खरीदने के भी संकेत दिए थे। उन्होंने कहा था कि 114 मल्टीरोल फाइटर एयरक्राफ्ट खरीदने के प्रोजेक्ट में राफेल अहम फाइटर जेट है।

सूत्रों के मुताबिक, प्रोजेक्ट में फाइटर जेट का ‍सिलेक्शन उसकी कीमत के साथ-साथ उसकी ताकत के आधार पर किया जाएगा। IAF का फोकस ऐसे एयरक्राफ्ट पर है, जो अगले चार दशकों तक सेना के मेनस्ट्रीम का हिस्सा रहे।

आत्मनिर्भर भारत पर भी जोर
ये 114 एयरक्राफ्ट मेड इन इंडिया होंगे और विदेशी कंपनियां इंडियन पार्टनर को सिर्फ टेक्नोलॉजी ट्रांसफर करेंगी। जिससे डिफेंस सेक्टर को आत्मनिर्भर बनाने में मदद मिलेगी। भारतीय वायुसेना ने पिछले चार साल में 119 एयरक्राफ्ट के लिए डील फाइनल की है। सितंबर 2016 में IAF ने 36 राफेल के लिए करार किया था। वहीं, 83 LCA मार्क-1ए तेजस के लिए अगले कुछ दिनों में करार हो सकता है।

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