जेपी नड्‌डा का ऐलान:तमिलनाडु में अन्नाद्रमुक के साथ विधानसभा चुनाव में उतरेगी भाजपा; लोकसभा चुनाव भी साथ लड़े थे

तमिलनाडु में इसी साल विधानसभा चुनाव होने हैं। 2019 में हुए लोकसभा चुनाव में भाजपा को यहां एक भी सीट नहीं मिली थी।

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चेन्न्ई।  तमिलनाडु में भाजपा अन्नाद्रमुक (AIADMK) के साथ मिलकर विधानसभा चुनाव लड़ेगी। भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्‌डा ने शनिवार को मदुरै में इसका ऐलान किया। हालांकि, दोनों पार्टियों के बीच अभी सीटों के बंटवारे पर फैसला नहीं हुआ है। पिछले हफ्ते ही राज्य के मुख्यमंत्री इडापड्‌डी के पलानीस्वामी ने गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात की थी। इसके बाद से ही विधानसभा चुनाव में गठबंधन की अटकलें लगाई जा रही थीं।

केंद्र का फोकस तमिलनाडु के विकास पर : नड्‌डा
भाजपा अध्यक्ष ने कहा कि केंद्र सरकार ने देश के सभी हिस्सों के साथ तमिलनाडु के विकास पर भी पूरा ध्यान दिया है। कोविड मैनेजमेंट, कोरोना वैक्सीन, बॉर्डर सिक्योरिटी के मामले में भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में सरकार ने अपनी प्रतिबद्धता दिखाई है। राज्य की जनता की दिक्कतों को मोदी सरकार दूर करेगी। उन्होंने कहा कि अगर आप तमिल संस्कृति की सुरक्षा चाहते हैं, तो यह तभी संभव होगा, जब हमारी सरकार यहां मुख्यधारा में आकर काम करे।

लोकसभा चुनाव में 22 सीटों पर लड़ी थी अन्नाद्रमुक
इससे पहले दोनों पार्टियों ने 2019 का लोकसभा चुनाव भी साथ लड़ा था। तब अन्नाद्रमुक ने 22, PMK ने 7, भाजपा ने 5, DMDK ने 4 और TMC (M) ने एक सीट पर चुनाव लड़ा था। राज्य में सरकार चला रही अन्नाद्रमुक सिर्फ एक सीट पर जीत दर्ज कर सकी थी। भाजपा तो खाता भी नहीं खोल सकी थी।

2016 में अन्नाद्रमुक को 134 सीटें मिली थीं
2016 में अन्नाद्रमुक ने पूर्व मुख्यमंत्री जयललिता के नेतृत्व में चुनाव लड़ा था। तब अन्नाद्रमुक को 232 सीटों में से 134 पर जीत हासिल हुई थी। द्रमुक (DMK) को 89, कांग्रेस को 8 और IUML को एक सीट पर जीत हासिल हुई थी।

द्रमुक से सीधा मुकाबला
पिछले विधानसभा चुनाव तक तमिलनाडु में हर पांच साल में सत्ता परिवर्तन देखने को मिलता था। जयललिता की अगुवाई में अन्नाद्रमुक ने पिछली बार यह मिथक तोड़ते हुए लगातार दूसरी बार सत्ता हासिल की थी। ऐसे में अन्नाद्रमुक-भाजपा गठबंधन तीसरी बार सत्ता में आना चाहेगा। उनका मुकाबला विपक्षी दल द्रमुक से होगा।

कांग्रेस-द्रमुक गठबंधन की अटकलें

राज्य में कांग्रेस के DMK के साथ मिलकर चुनाव लड़ने की अटकलें हैं। 1967 में तमिलनाडु की सत्ता से बाहर होने के बाद कांग्रेस कभी वापसी नहीं कर पाई। 2016 में हुए विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के हिस्से में सिर्फ 8 सीटें आई थीं। द्रमुक भी पिछले 10 साल से सत्ता से बाहर है। ऐसे में दोनों मिलकर अन्नाद्रमुक और भाजपा को चुनौती दे सकती हैं।

इमोशनल पॉलिटिक्स का दौर शुरू
प्रदेश के दो सबसे बड़े और लोकप्रिय नेता अन्नाद्रमुक की जयललिता और द्रमुक के एम करुणानिधि अब दुनिया में नहीं हैं। ऐसे में इस चुनाव में इमोशनल पॉलिटिक्स देखने को मिल सकती है। तमिलनाडु सरकार ने बीते गुरुवार को पूर्व CM जयललिता के घर वेदा निलयम को मेमोरियल में बदल दिया था। मुख्यमंत्री के. पलानीस्वामी ने इसका उद्घाटन किया था।
मद्रास हाईकोर्ट ने बुधवार को ही सरकार को इसकी इजाजत दी थी। हालांकि, स्मारक को जनता के लिए खोले जाने पर रोक लगा दी थी।

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