नई दिल्ली। नये कृषि कानूनों को लेकर करीब दो माह से चिल्ला बॉर्डर पर धरना दे रहे भारतीय किसान यूनियन (भानू) ने बुधवार से अपना धरना वापस ले लिया. दिल्ली में मंगलवार को ट्रैक्टर परेड के दौरान हुई हिंसक घटना तथा राष्ट्र ध्वज के अपमान से आहत होकर भानु गुट ने धरना वापस लिया है. वहीं लोक शक्ति दल ने अपना विरोध-प्रदर्शन जारी रखने की बात कही है. नोएडा यातायात पुलिस के अधिकारियों ने बताया कि बीकेयू (भानु) के विरोध वापस लेने के साथ ही चिल्ला बॉर्डर के माध्यम से दिल्ली-नोएडा मार्ग 57 दिनों के बाद यातायात के लिए फिर से खुल गया.मालूम हो कि भारतीय किसान यूनियन (भानू) नये कृषि कानूनों के विरोध में चिल्ला बॉर्डर पर धरना दे रहा था. इस धरने की वजह से नोएडा से दिल्ली जाने वाला रास्ता करीब 57 दिनों से बंद था.
दिल्ली पुलिस ने लाल किले पर हुई हिंसा के सिलसिले में दर्ज प्राथमिकी में अभिनेता दीप सिद्धू और ‘गैंगस्टर’ से सामाजिक कार्यकर्ता बने लक्खा सिधाना के नाम लिए हैं. अधिकारियों ने बुधवार को यह जानकारी दी. उन्होंने कहा कि दिल्ली पुलिस ने भारतीय दंड संहिता, सार्वजनिक संपत्ति को क्षति से रोकथाम अधिनियम और अन्य कानूनों की प्रासंगिक धाराओं के तहत उत्तरी जिले के कोतवाली थाने में मामला दर्ज किया है .
भारतीय किसान यूनियन (BKU) के नेता राकेश टिकैत का आरोप है कि पुलिस ने रात को बॉर्डर पर धरना-प्रदर्शन वाली जगह की बिजली काट दी है.
ट्रैक्टर रैली के दौरान लाल किले पर हुई हिंसा के बाद हरियाणा में विरोध कर रहे किसान बुधवार को अपना समर्थन खोते दिखे. हरियाणा के रेवाड़ी जिले में कम से कम 15 गांवों की एक पंचायत ने बुधवार को तीन केंद्रीय कृषि कानूनों के विरोध में दिल्ली-जयपुर राष्ट्रीय राजमार्ग पर डेरा डाले किसानों से 24 घंटे के भीतर सड़क खाली करने को कहा.
रेवाड़ी के पुलिस अधीक्षक अभिषेक जोरवाल ने बताया, “प्रदर्शनकारियों ने मसानी कट विरोध स्थल को खाली कर दिया है और उनमें से कुछ टीकरी चले गए हैं, जबकि कुछ जय सिंहपुरा खेड़ा गांव (हरियाणा-राजस्थान सीमा पर राजस्थान में) गए हैं. कई अन्य लोग घर लौट गए हैं.” उन्होंने कहा कि पिछले कई हफ्तों से राज्य में राजमार्गों पर कई टोल प्लाजा के पास घेराबंदी कर रहे किसानों ने शाम तक विरोध स्थलों को खाली कर दिया .
गणतंत्र दिवस (Republic Day) के दिन किसानों की ट्रैक्टर रैली (Tractor Rally) में हुई हिंसा और लाल किले पर एक धार्मिक ध्वज लहराये जाने का मुख्य आरोपी दीप सिद्धू (Deep Sidhu) लापता बताया जा रहा है. मीडिया रिपोर्ट के अनुसार अभिनेता से एक्टिविस्ट बने दीप सिद्धू, पुलिस और किसान नेताओं के सामने से गायब हो गया है.
बुधवार को सिद्धू के दो वीडियो सामने आए थे, जिसमें वह एक मोटरबाइक से भागता दिख रहा है. संयुक्त किसान मोर्चा (SKM) के पदाधिकारी सिद्धू को खलनायक के रूप में पेश कर रहे हैं. यहां तक कि उसे RSS का एजेंट भी कह रहे हैं. 10 दिसंबर को सिद्धू ने किसानों यूनियनों के ‘हां या नहीं’ वाले रुख से हटने की वकालत करते हुए कहा था कि राजनीतिक कूटनीति का रास्ता बंद नहीं होना चाहिए.
वीडियो वायरल होने के बाद लोगों की नजर में आए सिद्धू
सिद्धू जनता की नजरों में तब आए थे जब कुछ महीनों पहले किसानों का आंदोलन जोर पकड़ रहा था. अक्टूबर के पहले हफ्ते, उन्होंने पटियाला में शंभू बैरियर – पंजाब और हरियाणा के बीच सीमा पर मोर्चा शुरू किया. इसके बाद कुछ वीडियो वायरल हुए जिसके बाद सोशल मीडिया पर उसके फैन्स बन गए. इनमें से कई समर्थक मंगलवार की घटना के बाद भी सिद्धू के साथ खड़े हैं. उनका कहना है कि सिद्धू को मीडिया और किसानों की यूनियनों द्वारा बलि का बकरा बनाया जा रहा है.
सिद्धू और यूनियनों के बीच हमेशा कुछ तनातनी थी. ऐसा लगता है कि पिछले दो महीनों में यह तनातनी कम नहीं हुई बल्कि बढ़ी. 10 दिसंबर को एक फेकबुक लाइव में सिद्धू ने ‘कम्युनिस्ट यूनियनों’ पर आरोप लगाया कि वह इसके जरिए से वाम राजनीति को आगे बढ़ाने के एजेंडे पर काम कर रहे हैं. हालांकि ट्रोल होने के बाद उन्होंने अगले दिन माफी मांगी. उस वक्त उन पर आरोप लगा कि वह आंदोलन को कमजोर कर रहे हैं.
दिल्ली पुलिस ने की है एफआईआर
बता दें दिल्ली पुलिस ने लाल किले पर हुई हिंसा के सिलसिले में दर्ज प्राथमिकी में अभिनेता दीप सिद्धू और ‘गैंगस्टर’ से सामाजिक कार्यकर्ता बने लक्खा सिधाना के नाम लिए हैं. अधिकारियों ने बुधवार को यह जानकारी दी. उन्होंने कहा कि दिल्ली पुलिस ने IPC, सार्वजनिक संपत्ति को क्षति से रोकथाम अधिनियम और अन्य कानूनों की प्रासंगिक धाराओं के तहत उत्तरी जिले के कोतवाली थाने में मामला दर्ज किया है .
प्राथमिकी में प्राचीन स्मारकों और पुरातात्विक स्थलों और अवशेष अधिनियम तथा शस्त्र अधिनियम के प्रावधानों को भी जोड़ा गया है. भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआइ) की ओर से जारी आदेश के मुताबिक लाल किला 27 जनवरी से 31 जनवरी तक आगंतुकों के लिए बंद रहेगा.