भड़काऊ वीडियो पर टिकैत की सफाई:बिना लाठी का झंडा दिखा दो तो गलती मान लूंगा; पहले वीडियो में कहते दिखे थे- लाठियां लेकर आना

सानों के ट्रैक्टर मार्च से पहले भारतीय किसान यूनियन के प्रवक्ता राकेश टिकैत का एक वीडियो वायरल हुआ था। इसमें वे कह रहे थे कि लाठी भी साथ रखना...झंडा लगाने के लिए।

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नई दिल्ली। 26 जनवरी को दिल्ली में किसानों की ट्रैक्टर रैली में हुई हिंसा को लेकर भारतीय किसान यूनियन के प्रवक्ता राकेश टिकैत पर सवाल उठ रहे हैं। रैली से पहले टिकैत का एक वीडियो वायरल हुआ था। इसमें टिकैत कह रहे थे कि लाठी-गोती भी साथ रखना अपनी…झंडा लगाने के लिए, समझ जाना सारी बात।

अब ये सवाल उठ रहे हैं कि क्या टिकैत के कहने पर ही प्रदर्शनकारी लाठियां लेकर पहुंचे थे। इस पर सफाई देते हुए टिकैत बुधवार को बोले, ‘ हां, हमने कहा था कि अपनी लाठियां साथ लाना। लेकिन, मुझे बिना डंडे वाला एक भी झंडा दिखा तो अपनी गलती मान लूंगा।’

वीडियो में क्या कहा था
टिकैत ने कहा था, ‘ज्यादा केढ़ी पड़ रही है सरकार। अपना ले आना झंडा भी। लाठी-गोती भी साथ रखना अपनी…झंडा लगाने के लिए…समझ जाना सारी बात। ठीक है। लगाना झंडा…तिरंगा भी लगाना और वैसा भी लगाना उस पर और आ जाओ अब बस…बहुत हो गया…अब आ जाओ जमीन बचाने के लिए, क्योंकि अपनी जमीन नहीं बच रही।

जो आदमी हिंसा में पाया जाएगा उसे स्थान छोड़ना पड़ेगा- टिकैत

 

वहीं, हिंसा के बाद आज सुबह राकेश टिकैत ने कहा कि जिसने झंडा फहराया वो कौन आदमी था? एक कौम को बदनाम करने की साज़िश पिछले दो महीने से चल रही है. कुछ लोग को चिंहित किया गया है, उन्हें आज ही यहां से जाना होगा. जो आदमी हिंसा में पाया जाएगा उसे स्थान छोड़ना पड़ेगा और उसके खिलाफ कार्रवाई होगी.”

 

कल लाल किला पर हुआ था बड़ा बवाल

 

बता दें कि कल गणतंत्र दिवस के मौके पर किसानों ने ट्रैक्टर रैली निकाली. रैली के दौरान किसान राजधानी दिल्ली में घुस गए और लाल किला पर जबरदस्त बवाल काटा. प्रदर्शनकारी किसानों ने लाला किले पर चढ़कर खालसा पंत का झंडा फहराया. इस दौरान पुलिस बल और प्रदर्शनकारी किसानों के बीच खूब झड़प देखने को मिली. प्रदर्शनकारी इतने उग्र हो गए कि वह पुलिस को मारने पर उतारू दिखे. हालांकि देर रात तक सभी प्रदर्शनकारियों को लाल किला से हटा दिया गया.

अबतक 22 एफआईआर दर्ज 

हिंसा के बाद राजधानी दिल्ली छावनी में तब्दील हो गई है. दिल्ली में पुलिस बल के साथ सीआरपीएफ की 15 कंपनियां तैनात की गई हैं. कल हुई हिंसा में करीब 86 पुलिसकर्मी घायल हुए हैं. वहीं, इस दौरान एक प्रदर्शनकारी किसान की मौत भी हो गई. पुलिस ने इस पूरे मामले के बाद 22 एफआईआर दर्ज की हैं.

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