नई दिल्ली: दिल्ली बॉर्डर पर ट्रैक्टर मार्च निकालने वाले किसान अब दिल्ली में दाखिल हो चुके हैं. गाजीपुर बॉर्डर से किसान आगे बढ़ते हुए दिल्ली के इंद्रप्रस्थ पार्क तक पहुंच गए. इससे पहले जब ये किसान अक्षरधाम मंदिर तक पहुंचे थे तो पुलिस ने आंसू गैस के गोले दागे थे. शांतिपूर्व प्रदर्शन का दावा करने वाले किसानों के मार्च में जमकर हंगामा हो रहा है. किसानों ने अपना प्रदर्शन भी तय वक्त से पहले शुरू कर दिया. किसान तय रास्ते से हटकर किसान दिल्ली में घुस चुके हैं, इसके आगे भी कुछ जगहों पर तय रूट से अलग जाने के लिए अड़े हैं. सुबह से किसानों के ट्रैक्टर मार्च में क्या क्या हुआ, जानिए 10 बड़ी बातें….
- राष्ट्रीय राजधानी से लगे सिंघू और टिकरी बॉर्डर पर प्रदर्शन कर रहे किसानों के कुछ समूह मंगलवार को पुलिस के अवरोधकों को तोड़कर दिल्ली में दाखिल हो गए. इसके बाद ये किसान काफी समय तक मुकरबा चौके पर बैठे, लेकिन फिर उन्होंने वहां लगाए गए बैरिकेड और सीमेंट के अवरोधक तोड़ने की कोशिश की. इसके बाद किसानों के समूह पर पुलिस ने आंसू गैस के गोले दागे.
- मौके पर मौजूद पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने इससे पहले बताया था कि किसानों के कुछ समूह अवरोधक तोड़कर राष्ट्रीय राजधानी में दाखिल हो गए. उन्होंने कहा, ‘‘ पुलिस और किसानों के बीच इस बात को लेकर सहमति बनी थी कि वे निर्धारित समय पर परेड शुरू करेंगे, लेकिन वे जबरन दिल्ली में दाखिल हो गए. तय मार्ग के अनुसार उन्हें बवाना की ओर जाना था लेकिन उन्होंने आउटर रिंग रोड की ओर जाने की जिद शुरू कर दी.’’
- दिल्ली के मुकरबा चौक पर लगाए गए बैरिकेड और सीमेंट के अवरोधकों को ट्रैक्टरों से तोड़ने की कोशिश कर रहे किसानों के समूह पर मंगलवार को पुलिस ने आंसू गैस के गोले दागे. राष्ट्रीय राजधानी के सिंघू, टिकरी और गाजीपुर बॉर्डर पर प्रदर्शन कर रहे किसानों के कुछ समूह मंगलवार सुबह दिल्ली पुलिस द्वारा ट्रैक्टर परेड के लिए निर्धारित किए गए समय से पहले अवरोधकों को तोड़कर दिल्ली में दाखिल हो गए थे.
- किसान नेता कक्काजी ने कहा, “पुलिस को हमें तय रास्ते पर जाने देना चाहिए था, लेकिन पुलिस ने हमें रोके रखा. जब प्रशासन अपनी बात पर अडिग नहीं रही, तो किसानों को भी थोड़ा रास्ता बदलना पड़ा. प्रशासन हमें लाइनअप नहीं करने दे रहा था, तो किसानों को तय समय से पहले आगे बढ़ना पड़ा. हम स्थिति कंट्रोल करने की कोशिश कर रहे हैं. कोई वारदात नहीं होगी, सबकुछ काबू में है.”
- राष्ट्रीय राजधानी के सीमा बिंदुओं पर ट्रैक्टरों का जमावड़ा दिखाई दिया जिन पर झंडे लगे हुए थे और इनमें सवार पुरुष व महिलाएं ढोल की थाप पर नाच रहे थे. सड़क के दोनों ओर खड़े स्थानीय लोग फूलों की बारिश भी कर रहे थे. वहीं, सुरक्षा कर्मी किसानों को समझाने की कोशिश कर रहे थे कि वे राजपथ पर गणतंत्र दिवस की परेड खत्म होने के बाद तय समय पर परेड निकालें.
- दिल्ली पुलिस ने वार्षिक गणतंत्र दिवस परेड के बाद किसानों को ट्रैक्टर परेड निकालने की रविवार को अनुमति दे दी थी. प्रदर्शनकारियों को कहा गया था कि वे राजपथ के जश्न को बाधित नहीं कर सकते, इस पर किसानों ने इस बात पर जोर दिया था कि उनकी परेड ‘‘शांतिपूर्ण’’ होगी. अधिकारी ने कहा, ‘‘ लेकिन किसानों के कुछ समूह माने नहीं और पुलिस के अवरोधक तोड़ कर आउटर रिंग रोड की ओर बढ़ने लगे.’
- दिल्ली में सिंघू, टिकरी और गाजीपुर बॉर्डर पर प्रस्तावित ‘किसान गणतंत्र परेड’ के मद्देनजर सुरक्षा के व्यापक इंतजाम किए गए हैं. प्रदर्शन कर रहे संगठनों ने एक फरवरी को संसद तक पैदल मार्च करने की भी घोषणा की है. एक फरवरी को संसद में वार्षिक बजट पेश किया जाएगा.
- किसानों को परेड के लिए निर्देश दिए गए हैं- परेड में ट्रैक्टर और दूसरी गाड़ी चलेंगी, लेकिन ट्रॉली नहीं जाएगी. जिन ट्रालियों में विशेष झांकी बनी होगी उन्हें छूट दी जा सकती है. अपने साथ 24 घंटे का राशन पानी पैक करके चलें. हर ट्रैक्टर या गाड़ी पर किसान संगठन के झंडे के साथ-साथ राष्ट्रीय झंडा भी लगाया जाए. किसी भी पार्टी का झंडा नहीं लगेगा. अपने साथ किसी भी तरह का हथियार ना रखें, लाठी या जेली भी ना रखें. किसी भी भड़काऊ या नेगेटिव नारे वाले बैनर ना लगाएं.
- किसान नेताओं ने आज सुबह 10 बजे नौ जगहों से ट्रैक्टर परेड शुरू करने की घोषणा की थी. ढांसा, चिल्ला, शाहजहांपुर , मसानी बराज, पलवल और सुनेढ़ा बॉर्डर से भी ट्रैक्टर रैली निकालने का ऐलान किया गया था. पुलिस से बातचीत होने के बाद भी दो किसान संगठन नहीं माने, रिंग रोड पर ट्रैक्टर मार्च निकालने की घोषणा की. वहीं गाजियाबाद लोनी बॉर्डर से बैरिकेडिंग तोड़कर किसान दिल्ली में घुस गए.
- बता दें कि हजारों किसान पिछले साल 28 नवम्बर से दिल्ली से लगी सीमाओं पर केन्द्र के नए कृषि कानूनों को रद्द किए जाने और उनकी फसलों पर न्यूनतम समर्थन मूल्यों की कानूनी गारंटी की मांग करे रहे हैं. इनमें अधिकतर किसाल पंजाब, हरियाणा और पश्चिमी उत्तर प्रदेश से हैं.
नई दिल्लीः कृषि कानूनों के खिलाफ ट्रैक्टर मार्च निकाल रहे किसानों का राजधानी दिल्ली में हंगामा जारी है. प्रदर्शनकारी किसान पहले से तय रास्ते से हटकर दिल्ली में दाखिल हो गए और सैकड़ों किसान लाल किला पहुंच गए. लाल किला के ऊपर चढ़कर किसानों ने केसरिया झंडा फहरा दिया. हालांकि बाद में पुलिसकर्मी ने झंडा उतार दिया. योगेंद्र यादव ने किसान के तरह के प्रदर्शन को गलत बताया है.
योगेंद्र यादव ने एबीपी न्यूज़ से बात करते हुए कहा, ”यह बिना किसी संदेह के निंदनीय है और शर्मिंदगी का विषय है. यह गणतंत्र के लिए, देश के लिए शर्मिंदगी का विषय है. मैं किसान नेताओं और आंदोलन में शामिल लोगों से अपील करता हूं कि पुलिस के दिए रूट को ही मानें. जो लोग तय रूट से बाहर चले गए हैं उन्हें भी तय रूट पर ही वापस आ जाना चाहिए. अभी मैं यह भी नहीं जानता कि यह हमारे संगठन के लोग हैं या कौन है. लेकिन ऐसा जो लोग भी कर रहे हैं वो निंदनीय है. मुझे अभी यह नहीं पता कि आगे क्या होगा, लेकिन मैं सिर्फ एक बार और अपील करना चाहता हूं कि इससे आंदोलन और किसान की छवि खराब हो रही है. ऐसा ना करें, पुलिस के रूट पर ही रहें.”
किसानों के हंगामे के बीच कांग्रेस नेता राहुल गांधी सरकार से कृषि कानून रद्द करने की मांग की है. राहुल गांधी ने ट्वीट कर कहा, “हिंसा किसी समस्या का हल नहीं है. चोट किसी को भी लगे, नुकसान हमारे देश का ही होगा. देशहित के लिए कृषि-विरोधी कानून वापस लो!”
किसानों की ट्रेक्टर रैली में हिंसा
गणतंत्र दिवस के दिन आज सुबह से ही दिल्ली के विभिन्न इलाकों से अराजकता और हंगामे की सूचना मिल रही है. इन जगहों पर प्रदर्शनकारी किसानों ने ट्रैक्टर रैली के निर्धारित समझौते को दरकिनार करते हुए करनाल बाईपास, मुकरबा चौक, ट्रांसपोर्ट नगर, अक्षरधाम, गाजीपुर और टिकरी बॉर्डर में विभिन्न मोर्चो का निर्माण किया. हजारों किसान राष्ट्रीय राजधानी में पैदल और ट्रैक्टर पर सवार होकर घुस गए और अर्धसैनिक बलों और दिल्ली पुलिस के जवान को उन्हें नियंत्रित करने में कड़ी मशक्कत करनी पड़ रही है.
ट्रैक्टर रैली और प्रदर्शनकारियों को रोकने के लिए पुलिस को आंसू गैस के गोले छोड़ने पड़े और हल्के लाठीचार्ज का सहारा लेना पड़ा. प्रदर्शनकारियों ने तीन राज्यों दिल्ली, हरियाणा और उत्तर प्रदेश के अधिकारियों और पुलिस के साथ समझौते को दरकिनार कर दिया है. हिंसक हो गई ट्रैक्टर रैली में कई पुलिसकर्मी और प्रदर्शनकारी भी घायल भी हो गए.