नई स्टडी, नई बात:भारतीय एजेंसी का दावा- स्माकेर्स और शाकाहारी लोगों को कोरोना का कम खतरा, जानिए किस ब्लडग्रुप वाले को कितना रिस्क है

0 1,000,244

नई दिल्ली। धूम्रपान करने वालों और शाकाहारी लोगों को कोरोना का खतरा कम है। ये जानकारी CSIR (काउंसिल ऑफ साइंटिफिक एंड इंडस्ट्रियल रिसर्च) के सीरो सर्वे में सामने आई है। CSIR ने देशभर में अपने 40 संस्थानों के जरिए ये रिपोर्ट तैयार की है। इसके अलावा A और O ब्लड ग्रुप वाले लोगों को भी कोरोना का खतरा कम है, जबकि B और AB ब्लड ग्रुप वालों को संक्रमण का खतरा बहुत ज्यादा है।

सर्वे में शामिल 10.14% लोगों में कोरोना के खिलाफ एंटीबॉडी मिली
यह स्टडी एक प्रीमेडिकल जर्नल में छपी है। इस स्टडी में 10,427 लोग शामिल हुए, इसमें CSIR के कर्मचारी और उनके परिवार के सदस्यों के सैंपल लिए गए थे। इनमें से 1000 यानी 10.14% लोगों में कोरोना के खिलाफ एंटीबॉडी मिली।

स्टडी के को-ऑथर और CSIR के सीनियर साइंटिस्ट शांतनु सेनगुप्ता के मुताबिक 346 सीरो पॉजिटिव व्यक्तियों में तीन महीने बाद एंटीबॉडी का स्तर स्थिर या ज्यादा पाया गया, लेकिन उनमें वायरस को बेअसर करने वाली प्लाज्मा एक्टिविटी कम हो गई थी।

छह महीने बाद जब फिर से सैंपलिंग की गई तो पता चला कि 35 लोगों में एंटीबॉडी का लेवल कम हो रहा है, लेकिन प्लाज्मा एक्टिविटी हाई लेवल पर थी।

अन्य देशों की स्टडी भी बताती हैं कि स्मोकर्स को कोरोना का खतरा कम
शांतनु का कहना है कि हमारी स्टडी में सबसे चौंकाने वाली बात जो सामने आई है कि स्मोकर्स को कोरोना संक्रमण का खतरा कम रहता है, जबकि पहले पता चला था कि कोरोना फेफड़ों को सबसे पहले नुकसान पहुंचाता है। यहां पर स्मोकिंग फेफड़ों को कोरोना से बचा रहा है, ये बेहद गहन अध्ययन का सब्जेक्ट है। हालांकि, भारत के अलावा अमेरिका, इटली, फ्रांस और चीन में हुए अध्ययनों में भी पता चला है कि स्मोकर्स को कोरोना का खतरा कम है।

खुद की गाड़ी में चलने वाले लोग भी ज्यादा सेफ रहे

  • स्टडी के मुताबिक 10·14 लोगों के एग्रीगेट सीरोपॉजिटीविटी से पता चलता है कि 10 करोड़ भारतीय आबादी सितंबर 2020 तक कोरोना संक्रमित हो चुकी थी। शुरू में ऐसा बड़े शहरों में हो रहा था, लेकिन बाद में कोरोना तेजी से पूरे देश में फैल रहा था।
  • इस दौरान खुद की गाड़ी में चलने वाले, कम-जोखिम वाले व्यवसायों, धूम्रपान, शाकाहार और A या O ब्लड ग्रुप वाले ज्यादा सेफ रहे। इन लोगों में एंटीबॉडी का लेवल तीसरे महीने तक स्थिर रहा, लेकिन छह महीने में कमी दिखाई दी।
  • सार्वजनिक वाहनों में चलने वाले लोगों, घर में काम करने वाली मेड, स्मोकिंग नहीं करने वालों और मांसाहारी लोगों को कोरोना का खतरा ज्यादा है।

पहले भारत सरकार, WHO और CDC ने दी थी चेतावनी

  • पिछले साल भारत सरकार ने धूम्रपान करने वालों को चेतावनी दी थी कि उन्हें कोरोना का ज्यादा खतरा है, क्योंकि ये सांस से जुड़ा संक्रमण है।
  • विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) और अमेरिकी हेल्थ एजेंसी सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रीवेंशन (CDC) ने भी स्मोकर्स को चेतावनी दी थी।
  • WHO ने बताया था कि स्मोकर्स को काेविड संक्रमण की आशंका इसलिए ज्यादा है, क्योंकि धूम्रपान में उंगलियां, होंठों के टच में आती हैं, जो ट्रांसमिशन की आशंका को बढ़ाता है।

Leave A Reply

Your email address will not be published.