अमृतसर/मुक्तसर/जालंधर। नेशनल इंवेस्टीगेशन एजेंसी की ओर से अमृतसर जिले के करीब छह नेताओं को जारी नोटिस जारी किए गए हैं। इनमें जत्था सिर लत्थ खालसा के मुखी समेत संस्था के तीन नेता, दमदमी टकसाल के नेता, एक पत्रकार और लोक भलाई वेलफेयर सोयायटी के चेयरमैन शामिल हैं। इसी तरह मुक्तसर के भी एक पत्रकार और जालंधर के एक लेखक को भी नोटिस जारी हुआ है।
अमृतसर के जत्था सिर लत्थ खालसा के मुखी परमजीत सिंह अकाली ने बताया कि वह संगठन के प्रदीप सिंह और पलविंदर सिंह के साथ सोमवार को एनआइए के समक्ष पेश हो चुके हैं। परमजीत ने कहा कि उनसे सुबह साढे दस बजे से लेकर शाम साढ़े छह बजे तक अलग-अलग पूछताछ हुई। अधिकारियों को जो भी शंकाएं थीं, उनके जवाब हमारी ओर से दे दिए गए। हमारा संगठन किसी भी तरह की देश विरोधी गतिविधियों में हिस्सा नहीं लेता है। हम धार्मिक गतिविधियों में ही हिस्सा लेते हैं।
इसी तरह दमदमी टकसाल के नेता भाई रणजीत सिंह को भी समन मिला है। वह टकसाल के कार्यकर्ता होने के साथ-साथ सिख यूथ फेडरेशन भिंडरावाला के नेता हैं। भाई रणजीत सिंह ने बताया कि वीरवार को वह अधिकारियों के समक्ष पेश होकर उनके सवालों को जवाब देंगे। उन्होंने कहा कि दिल्ली में चल रहे किसान आंदोलन के दौरान उनकी ओर से किसानों को पगडिय़ां बांटी गई थीं। इसके बिल भी उसके पास हैंं। इसी तरह, अकाल चैनल के स्थानीय रिपोर्टर तेजिंंदर सिंह ने समन मिलने के बाद एनआइए से पेशी के लिए समय मांगा है।
किसान नेता, दल खालसा के प्रतिनिधि व पूर्व में अकाली दल पंच प्रधानी के पंच रह चुके तथा इस वक्त लोक भलाई वेलफेयर सोयायटी के चेयरमैन बलदेव सिंह सिरसा को भी समन मिला। उन्होंने कहा कि वह संयुक्त किसान मोर्चा जो आंदोलन लड़ रहे हैैं, उसका हिस्सा हैं। मोर्चे ने फैसला लिया है कोई भी किसान नेता या किसान समर्थक जिनको एनआइए के समन आए हैं, वह एनआइए के अधिकारियों के समक्ष पेश नहीं होगा, इसलिए वह पेश नहीं हो रहे हैं।
मुक्तसर साहिब के पत्रकार जसवीर सिंह खालसा को भी एनआइए का नोटिस मिला है। जसवीर सिंह खालसा ‘के’ टीवी के पत्रकार हैं। इसके अलावा वह सिख विरसा काउंसिल के सक्रिय सदस्य हैं। सिख विरसा काउंसिल अक्सर जरनैल सिंह भिंडरावाले की याद में बड़े आयोजन करती रहती है। जसवीर सिंह खालसा इसमें सक्रिय भूमिका निभाते हैं। अभी तक जसवीर सिंह एनआइए के समक्ष पेश नहीं हुए हैं।
जालंधर के पत्रकार ने एनआइए को भेजा जवाब
जालंधर के पत्रकार और पंजाब के लेखक बलविंदर पाल सिंह ने एनआइए के नोटिस के बाद अपना जवाब भेज दिया है। उन्होंने बताया कि उन्होंने अपनी तरफ से कुछ भी गलत नहीं लिखा है। वह पंजाबी के लेखक हैं। आंदोलन को एक लेखक तथा पत्रकार की नजर से उन्होंने जो देखा और जो सही समझा वह लिखा। उन्होंने कहा कि एनआइए का जवाब भी उन्हेंं भी मिल गया है। एनआइए की तरफ से फिलहाल यह कहा गया है कि अभी जांच में उन्हेंं शामिल होने की जरूरत नहीं है, जब जरूरत होगी तो बुला लिया जाएगा।