कोवैक्सीन के पहले फेज के ट्रायल नतीजों में दिखा इम्यूनिटी रिस्पॉन्स: लैंसेट जर्नल

लैंसेट जर्नल (Lancet Journal) की स्टडी में भी कोवैक्सीन (Covaxin) के पहले फेज के नतीजों इम्यूनिटी रिस्पॉन्स डेवलप होने की बात कही गई है. गौरतलब है कि ये स्टडी ऐसे समय में आई है जब देश में सरकार भी लोगों में वैक्सीन को लेकर बने भय को दूर करने की कोशिश कर रही है.

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नई दिल्ली. भारत में इमरजेंसी यूज की अनुमति दिए जाने के बाद से कोवैक्सीन (Covaxin) को लेकर कई तरह की चिंताएं जाहिर की गई थीं. इसे लेकर भारत-बायोटेक के प्रमुख कृष्णा एल्ला भी जवाब दे चुके हैं. लेकिन अब लैंसेट जर्नल की स्टडी में भी कोवैक्सीन के पहले फेज के नतीजों में इम्यूनिटी रिस्पॉन्स डेवलप होने की बात कही गई है. गौरतलब है कि ये स्टडी ऐसे समय में आई है जब देश में सरकार भी लोगों में वैक्सीन को लेकर बने भय को दूर करने की कोशिश कर रही है.

सुचित्रा एल्ला ने बताया गर्व की बात

भारत-बायोटेक की ज्वाइंट मैनेजिंग डायरेक्टर सुचित्रा एल्ला ने ट्वीट किया है-प्रतिष्ठित जर्नल लैंसेट में कोवैक्सीन के पहले फेज के ट्रायल नतीजों की स्टडी पब्लिश होना गर्व की बात है. ये किसी भारतीय वैक्सीन के क्लिनिकल ट्रायल डेटा पब्लिकेशन का पहला मामला है.

कई एक्सपर्ट्स ने मिलकर लिखा पेपर
स्टडी में कहा गया है कि 375 लोगों पर किए गए इस ट्रायल के नतीजों में कोवैक्सीन एंटी बॉडी बनाती हुई दिखी है. इस पेपर को एम्स के डायरेक्टर रणदीप गुलेरिया, कृष्णा एल्ला, डॉ समीरन पांडा और प्रोफेसर बलराम भार्गव ने लिखा है.

वैक्सीन को सेफ बता चुके हैं समीरन पांडा
गौरतलब है कि इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च के संक्रामक विभाग के हेड डॉ. समीरन पांडा ने कोवैक्सीन और कोविशील्ड को लेकर अफवाहों का जवाब दिया था. उन्होंने साफ किया था कि इमरजेंसी यूज की अनुमति पा चुकी कोवैक्सीन और कोविशील्ड वैक्सीन बिल्कुल सेफ हैं और इनकी प्रभावशीलता को लेकर बिल्कुल घबराने की आवश्यकता नहीं है. उन्होंने यहां तक कहा था कि आम लोगों को साथ आकर वैक्सीन के खिलाफ चलाए जा रहे अफवाह तंत्र और भ्रम को नकारना चाहिए.

म्यूटेशन पर भी कारगर होने की उम्मीद

उन्होंने कहा था कि भारत द्वारा बनाई गई वैक्सीन कोवैक्सीन ने बड़े स्तर पर एंटीजेन पर अपना प्रभाव दिखाया है. ऐसे में उम्मीद है कि इसका असर वायरस के म्यूटेशन पर भी पड़ेगा. आईसीएमआर और भारत बायोटेक ने साथ मिलकर कोवैक्सीन विकसित की है. इस वैक्सीन को भारत के लिहाज से बेहद कारगर माना जा रहा है.

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