किसानों की सरकार से बातचीत जारी, कानून 3 साल होल्ड करने पर चर्चा हो सकती है

मीटिंग शुरू होने से पहले विज्ञान भवन के बाहर जुटे किसान नेता। उनका कहना है कि सरकार को तीनों कृषि कानून वापस लेने चाहिए।

नई दिल्ली। कृषि कानूनों के खिलाफ किसान आंदोलन का आज 58वां दिन है। किसानों की सरकार के साथ 12वें दौर की बातचीत विज्ञान भवन में चल रही है। इससे पहले बुधवार को किसानों से बातचीत में सरकार ने प्रपोजल दिया कि कृषि कानूनों को डेढ़ साल तक होल्ड कर सकते हैं। इसके बाद उम्मीद जगी कि अब शायद किसान मान जाएं, लेकिन ऐसा हुआ नहीं।

किसान नेताओं ने गुरुवार को दिन भर बैठकें करने के बाद देर रात कहा कि सरकार का प्रपोजल मंजूर नहीं। उन्होंने कहा कि कानून रद्द होने चाहिए, और MSP की गारंटी मिलनी चाहिए।

3 साल कानून होल्ड कराने की मांग का सुझाव भी आया
किसान नेताओं की बैठकों में यह चर्चा भी हुई कि सरकार को नया प्रस्ताव दिया जाए, जिसमें कानूनों को 3 साल तक होल्ड करने का हलफनामा सुप्रीम कोर्ट में देने, प्रति एकड़ 3 लाख के एग्रीकल्चर लोन की लिमिट बढ़ाकर 5 लाख करने, ब्याज दर पुरानी रखने और मृतक किसानों के परिजन को मुआवजा देने की मांग शामिल हो।

किसान नेता बोले- सरकार बस आंदोलन खत्म करवाना चाहती है
किसान मजदूर संघर्ष समिति के नेता एस एस पंढेर ने मीटिंग से पहले कहा, “सरकार की स्ट्रैटजी हमें फंसाने की थी, यह मिठाई में जहर छिपाने जैसा था। सरकार चाहती है कि किसी भी तरह आंदोलन खत्म हो जाए। हमने सरकार का प्रपोजल नामंजूर कर दिया। सरकार से आज की मीटिंग में कृषि कानूनों की वापसी और MSP पर बात करेंगे।”

26 जनवरी को आउटर रिंग रोड पर ही ट्रैक्टर रैली निकालने पर अड़े
किसान नेताओं की आज दिल्ली, हरियाणा और उत्तर प्रदेश की पुलिस के साथ लगातार चौथे दिन मीटिंग होगी। इससे पहले तीन बैठकों में किसानों को मनाने की पुलिस की कोशिशें नाकाम रहीं। गुरुवार को किसानों ने कहा कि वे दिल्ली में आउटर रिंग रोड पर ही ट्रैक्टर रैली निकालेंगे। पुलिस ने इसकी मंजूरी देने से मना कर दिया। पुलिस ने कुंडली-मानेसर-पलवल (KMP) एक्सप्रेस-वे पर परेड निकालने की अपील की, लेकिन किसान नहीं माने।

रैली में 1 लाख ट्रैक्टर शामिल करने का दावा
किसान संगठनों की ट्रैक्टर रैली को लेकर पंजाब और हरियाणा के किसान तैयारी में जुटे हैं। गुरुवार को पंजाब के फिरोजपुर, मोगा, फाजिल्का, जालंधर, मानसा और बठिंडा से करीब 1,830 ट्रैक्टरों से 13 हजार 950 से ज्यादा किसान दिल्ली रवाना हुए। इधर, किसान आंदोलन से जुड़े नेता योगेंद्र यादव ने कहा कि परेड में 1 लाख से ज्यादा ट्रैक्टर तिरंगों के साथ शामिल होंगे।

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