चंडीगढ। मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह (Captain Amarinder Singh) ने केंद्र सरकार के कृषि सुधार कानूनों (Agricultural reform laws) को बनाने के लिए उच्चस्तरीय कमेटी की मंजूरी लेने के दावे को खारिज कर दिया है। उन्होंने कहा कि आरटीआइ के जवाब ने इन दावों की पोल खोल दी है। कैप्टन ने कहा कि अकाली दल और आम आदमी पार्टी भी केंद्र सरकार के इशारों पर झूठा प्रचार कर रही हैंं।
कैप्टन ने कहा कि योजना आयोग ने सूचना के अधिकार एक्ट के अंतर्गत पूछे गए सवाल के जवाब में कहा है कृषि अध्यादेश और जून 2020 में संसद में नए कृषि कानूनों को नीति आयोग की गवर्निंग काउंसिल द्वारा मुख्यमंत्रियों पर आधारित कमेटी की रिपोर्ट का मूल्यांकन किए बिना ही लाया गया है। कैप्टन ने कहा कि केंद्र सरकार के इन दावों के उलट शिरोमणि अकाली दल और आम आदमी पार्टी शर्मनाक ढंग से इसका प्रचार करती रहीं, ताकि भाजपा के किसान विरोधी एजेंडे को आगे बढ़ाया जा सके।
कैप्टन ने कहा कि कृषि कानूनों पर बिना विचार-विमर्श के ही फैसला लिया गया है। अब आरटीआइ के जवाब में भी साबित हो चुका है कि कमेटी की रिपोर्ट अभी तक नीति आयोग की गवर्निंग काउंसिल के सामने भी नहीं रखी गई। उन्होंने कहा कि एक बार रिपोर्ट सार्वजनिक हो जाने से सबको पता चल जाएगा कि कमेटी की मीटिंगों में किसने क्या कहा था।
उन्होंने कहा कि पंजाब तो कमेटी की पहली मीटिंग का हिस्सा भी नहीं था, जबकि दूसरी मीटिंग में मनप्रीत बादल ने भाग लिया, जिसमें सिर्फ कुछ वित्तीय मामलों पर ही विचार हुआ था। तीसरी मीटिंग में सचिव स्तर के अधिकारी ही शामिल हुए। उन्होंने भाजपा, अकाली दल और आप की ओर से ऐसे संवेदनशील मामले में देश को गुमराह करने की आलोचना करते हुए कहा कि इससे बड़े स्तर पर नुकसान हुआ है।
झूठ के लिए पंजाब की जनता से माफी मांगे हरसिमरत
पूर्व केंद्रीय मंत्री हरसिमरत कौर बादल की तरफ से राहुल गांधी पर उठाए सवालों पर कैप्टन ने कहा कि हरसिमरत को शर्म आनी चाहिए क्योंकि आरटीआइ के जवाब के बाद भी वह लगातार झूठ बोल रही हैं। इसके लिए उन्हें पंजाब के लोगों से माफी मांगनी चाहिए। मुख्यमंत्री ने कहा कि हरसिमरत की तरफ से किसानों के हितों के प्रति हमदर्दी जताने का नाटक किया जा रहा है, जबकि इससे पहले उन्होंने यह किसान विरोधी कानून थोपने के लिए भाजपा का समर्थन किया था।