राष्ट्रपति बनते ही बाइडेन के बड़े फैसले:मास्क पहनना जरूरी किया, US पेरिस समझौते में शामिल; 7 मुस्लिम देशों से ट्रैवल बैन भी हटाया
पहली बार राष्ट्रपति कार्यालय (ओवल ऑफिस) पहुंचकर बाइडेन ने मीडिया से कहा, ‘मुझे कई काम करने हैं, इसलिए मैं यहां हूं। मुझे लगता है कि मेरे पास बिल्कुल समय नहीं है। वक्त बर्बाद नहीं किया जा सकता। तुरंत काम शुरू करने जा रहा हूं। मैं पहले ही बता चुका हूं कि अगले 7 दिन में कई एग्जीक्यूटिव ऑर्डर्स पर साइन करूंगा।’
वॉशिंगटन. जो बाइडेन बुधवार (20 जनवरी) को अमेरिका के 46वें राष्ट्रपति बन गए। पद संभालने के चंद घंटे बाद ही वे एक्शन में आ गए। उन्होंने ताबड़तोड़ 17 एग्जीक्यूटिव ऑर्डर्स पर दस्तखत कर दिए। सबसे पहले उन्होंने मास्क पहनने को जरूरी किए जाने वाले ऑर्डर पर साइन किए।
पहली बार राष्ट्रपति कार्यालय (ओवल ऑफिस) पहुंचकर बाइडेन ने मीडिया से कहा, ‘मुझे कई काम करने हैं, इसलिए मैं यहां हूं। मुझे लगता है कि मेरे पास बिल्कुल समय नहीं है। वक्त बर्बाद नहीं किया जा सकता। तुरंत काम शुरू करने जा रहा हूं। मैं पहले ही बता चुका हूं कि अगले 7 दिन में कई एग्जीक्यूटिव ऑर्डर्स पर साइन करूंगा।’
There is no time to waste when it comes to tackling the crises we face. That's why today, I am heading to the Oval Office to get right to work delivering bold action and immediate relief for American families.
— President Biden (@POTUS) January 20, 2021
राष्ट्रपति बनते ही बाइडेन के 6 बड़े फैसले
- सबसे पहले बाइडेन ने कोरोनावायरस को लेकर ऑर्डर साइन किया। इसके तहत मास्क को फेडरल प्रॉपर्टी घोषित किया गया है, यानी हर व्यक्ति को महामारी के दौरान मास्क लगाना जरूरी होगा। अगर आप सरकारी बिल्डिंग में हैं, या कोरोना हेल्थवर्कर हैं तो सोशल डिस्टेंसिंग रखना जरूरी होगा। ट्रम्प ने मास्क लेकर कोई सख्ती नहीं की थी।
- 7 मुस्लिम देशों- इराक, ईरान, लीबिया, सोमालिया, सूडान, सीरिया और यमन पर लगा ट्रैवल बैन हटा दिया। ट्रम्प ने 2017 में यह बैन अपने कार्यकाल के पहले हफ्ते लगाया था। यह मामला सुप्रीम कोर्ट में भी गया था, जिसे 2018 में कोर्ट ने बरकरार रखा था।
- अब अमेरिका फिर से विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) का सदस्य होगा। बाइडेन ने पिछले साल जुलाई में कहा था कि अगर अमेरिका ग्लोबल हेल्थ को मजबूत करेगा तो वह खुद भी सुरक्षित रहेगा। राष्ट्रपति बनने के पहले दिन ही अमेरिका की WHO में वापसी कराऊंगा। ट्रम्प ने पिछले साल अमेरिका को WHO से हटाने का फैसला किया था।
- अमेरिका अब पेरिस समझौते में भी दोबारा शामिल होगा। ट्रम्प ने 2019 में इस समझौते से बाहर जाने का ऐलान किया था। उन्होंने कहा था कि भारत, चीन और रूस धड़ल्ले से प्रदूषण को बढ़ा रहे हैं। वहीं, अमेरिका इस मामले में बेहतर काम कर रहा है। उन्होंने कहा था कि इस समझौते से बाहर होने के बाद अमेरिका 70 सालों में पहली बार तेल और प्राकृतिक गैस का नंबर एक उत्पादक बन गया है।
- बाइडेन ने मैक्सिको बॉर्डर की फंडिंग पर भी रोक लगा दी है। ट्रम्प ने मैक्सिको से आने वाले प्रवासियों को देखते हुए दीवार बनाए जाने को नेशनल इमरजेंसी बताया था।
- अमेरिका ने कनाडा के साथ विवादित कीस्टोन XL पाइपलाइन समझौते पर फिलहाल रोक लगा दी है। कनाडाई प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने बाइडेन के फैसले पर निराशा जताई है। ट्रम्प ने 2019 में कनाडा के साथ 1900 किमी लंबी तेल पाइपलाइन बनाने का करार किया था। बराक ओबामा प्रशासन ने भी पर्यावरण समूहों के विरोध को देखते हुए इस पाइपलाइन के निर्माण पर बैन लगा दिया था। पर्यावरण समूहों का आरोप था कि पाइपलाइन के चलते क्रूड ऑयल निकालने के चलते कारण ग्रीनहाउस गैसों का उत्सर्जन 17% ज्यादा होगा।
बाइडेन के भाषण में कैपिटल हिल हिंसा का जिक्र
बाइडेन जूनियर ने कैपिटल हिल में हुई इनॉगरल सेरेमनी में शपथ ली। उन्होंने 128 साल पुरानी बाइबिल पर हाथ रखकर शपथ ली। महज 14 दिन पहले कैपिटल हिल में हुई हिंसा का जिक्र भी बाइडेन के भाषण में होता रहा। उन्होंने 22 मिनट में 2381 शब्दों का भाषण दिया। 12 बार डेमोक्रेसी, 9 बार यूनिटी, 5 बार असहमति और 3 बार डर शब्द का इस्तेमाल किया।
ट्रम्प पर निशाना साधा
बाइडेन की इनॉगरल स्पीच में निशाने पर पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प भी रहे। उन्होंने तंज किया कि जो राष्ट्रपति यहां नहीं आए हैं, उनका भी शुक्रिया। 7 जनवरी को हुई हिंसा पर उन्होंने कहा कि आज हम जहां खड़े हैं, वहां कुछ दिन पहले भीड़ थी। उन लोगों ने सोचा था कि वह हिंसा से जनता की इच्छा को बदल देंगे। लोकतंत्र को रोक देंगे, हमें इस पवित्र जगह से हटा देंगे। ऐसा नहीं हुआ। ऐसा नहीं होगा। न आज, न कल और कभी नहीं।
ट्रम्प और बाइडेन के भाषण की तुलना:ट्रम्प के ‘अमेरिका फर्स्ट’ से बाइडेन के ‘अमेरिका टुगेदर’ तक, कितनी अलग रही दोनों की इनॉगरल स्पीच
‘आज हम जहां खड़े हैं, वहां कुछ दिन पहले भीड़ थी। उन लोगों ने सोचा था कि वह हिंसा से जनता की इच्छा को बदल देंगे। लोकतंत्र को रोक देंगे, हमें इस पवित्र जगह से हटा देंगे। ऐसा नहीं हुआ। ऐसा नहीं होगा। न आज, न कल और कभी नहीं।’
अमेरिका के 46वें राष्ट्रपति जो बाइडेन ने राष्ट्रपति पद की शपथ लेने के बाद अपने इनॉगरल स्पीच में ये बात कही। उन्होंने अमेरिका के लोगों से से एकता और लोकतंत्र को मजबूत बनाने की बात कही। चार साल पहले डोनाल्ड ट्रम्प ने भी अपनी इनॉगरल स्पीच में अमेरिकी लोगों को एकजुट होने की बात कही थी, लेकिन उनका संदेश अलग था।
जहां बाइडेन ने अपने स्पीच में सभी अमेरिकी लोगों को एकजुट करने और सभी का राष्ट्रपति बनने का वादा किया। वहीं ट्रम्प ने अपने भाषण में कहा था कि वो वॉशिंगटन DC से सत्ता निकालकर सभी अमेरिकी लोगों को सौंप देंगे।
यहां हम आपको बाइडेन और ट्रम्प के इनॉगरल स्पीच में फर्क बताएंगे, लेकिन उससे पहले कुछ स्नैप फैक्ट्स जान लीजिए…
- बाइडेन ने अपना भाषण 21 मिनट 12 सेकंड में खत्म किया। डोनाल्ड ट्रम्प ने अपनी इनॉगरल स्पीच 17 मिनट 12 सेकंड का दिया था। यानी बाइडेन चार मिनट ज्यादा बोले।
- बाइडेन के स्पीच में लोकतंत्र, एकता और सहनशीलता जैसे मुद्दों पर फोकस था। वहीं, ट्रम्प के इनॉगरल स्पीच में वॉशिंगटन की आलोचना, अमेरिका फर्स्ट और राष्ट्रीय गर्व पर फोकस था।
- बाइडेन की स्पीच 2525 शब्दों की रही, जबकि ट्रम्प का इनॉगरल स्पीच 1468 शब्दों का था। बाइडेन करीब एक हजार शब्द ज्यादा बोले। अमेरिकी राष्ट्रपतियों के भाषण का औसत करीब 2300 शब्द है।
बाइडेन और ट्रम्प की इनॉगरल स्पीच की अहम बातें और उनका अंतर
1. स्पीच की शुरुआत
ट्रम्प ने क्या कहा थाः हम अमेरिका के नागरिक, देश से किए वादे को पूरा करने के महान राष्ट्रीय प्रयास में जुट गए हैं। एक साथ मिलकर हम अमेरिका और दुनिया का भाग्य तय करेंगे।
बाइडेन ने क्या कहाः ये अमेरिका का दिन है। ये लोकतंत्र का दिन है। ये इतिहास और उम्मीद का दिन है। सदियों से अमेरिका की परीक्षा ली जाती रही है, अमेरिका चुनौतियों से उभरा है।
2. पिछले राष्ट्रपति के बारे में
ट्रम्प ने क्या कहा थाः हम प्रेसिडेंट ओबामा और फर्स्ट लेडी मिशेल ओबामा के आभारी हैं कि उन्होंने गौरवपूर्ण तरीके से सत्ता का हस्तांतरण किया। वो शानदार रहे।
बाइडेन ने क्या कहाः मैं यहां मौजूद दोनों पार्टियों से राष्ट्रपति रहे लोगों का शुक्रगुजार हूं। मैं उन्हें तहे दिल से शुक्रिया कहता हूं। जो राष्ट्रपति यहां नहीं आए हैं, उनका भी शुक्रिया।
3. अपने मकसद के बारे में
ट्रम्प ने क्या कहा थाः आज का समारोह बहुत खास है, क्योंकि हम सिर्फ प्रशासन या पार्टी से सत्ता का हस्तांतरण नहीं कर रहे, बल्कि हम वॉशिंगटन DC से सत्ता का हस्तांतरण अमेरिकी लोगों के हाथ में सौंप रहे हैं।
बाइडेन ने क्या कहाः आज हम जहां खड़े हैं, वहां कुछ दिन पहले भीड़ थी। उन लोगों ने सोचा था कि वह हिंसा से जनता की इच्छा को बदल देंगे। लोकतंत्र को रोक देंगे, हमें इस पवित्र जगह से हटा देंगे। ऐसा नहीं हुआ। ऐसा नहीं होगा। न आज, न कल और कभी नहीं।
4. अमेरिका के बारे में
ट्रम्प ने क्या कहा थाः 20 जनवरी 2017 को आम लोगों के इस देश का शासक बनने के दिन के तौर पर याद किया जाएगा। आगे वाली चुनौतियों के मुकाबले के लिए देश को तैयार रहना होगा। हम सब मिलकर देश को संभालेंगे।
बाइडेन ने क्या कहाः हमने एक बार फिर सीखा है कि लोकतंत्र बेशकीमती है और नाजुक भी है। लोकतंत्र यहां कायम है। आज किसी व्यक्ति की जीत का नहीं, बल्कि एक कारण की जीत का दिन है। यही लोकतंत्र है। अगर असहमति है तो भी लोकतंत्र जरूरी है। यही अमेरिका है। यह हमारे देश की सबसे बड़ी ताकत है।
5. एकता के बारे में
ट्र्म्प ने क्या कहा थाः हमारे मध्य-वर्ग की संपत्ति छीन ली गई और पूरी दुनिया में बांट दी गई। हम आपकी संपत्ति वापस लाएंगे, आपका गौरव लौटाएंगे। हम मिलकर साथ लड़ेंगे। मैं आपको निराश नहीं करूंगा। हम इसे वह देश बनाएंगे जहां अमेरिकी रहते हैं। हम सिर्फ दो नियम मानेंगे- अमेरिकी खरीदो, अमेरिकी लोगों को नियुक्त करो।
बाइडेन ने क्या कहाः हमें बहुत कुछ करना है। हमें परखा जाएगा, आंका जाएगा। मुझे लगता है कि हम मिलकर अमेरिकी इतिहास का नया महान अध्याय लिखेंगे। हमने अगर ये कर दिखाया तो आने वाली पीढ़ियां कहेंगी कि हमने अच्छा काम किया। मैं संविधान की रक्षा करूंगा। लोकतंत्र की रक्षा करूंगा। अमेरिका की हिफाजत करूंगा। हमें अमेरिकी की नई कहानी लिखनी है, जो डर से नहीं, उम्मीदों से भरी हो। मैं वादा करता हूं कि मैं हर अमेरिकी का राष्ट्रपति रहूंगा।
6. धार्मिक कथन का सहारा
ट्रम्प ने क्या कहा थाः बाइबिल हमें बताती है कि कितनी अच्छी और सुहानी बात है, जब ईश्वर की संतानें एक साथ रहें और उनमें एकता रहे।
बाइडेन ने क्या कहाः सैकड़ों साल पहले सेंट ऑगस्टिन ने कहा था कि लोग सिर्फ एक झुंड थे। उनके एक-दूसरे से जुड़ने का साझा उद्देश्य था- प्यार।
7. मौजूदा चुनौतियों के बारे में
ट्रम्प ने क्या कहा थाः हमारे भीतर के शहरों में गरीबी में फंसी हुई माँ और बच्चे; जंग लगे हुए कारखाने हमारे राष्ट्र के धब्बा हैं। एक पैसे के पीछे भागता एजुकेशन सिस्टम जो हमारे होनहार बच्चों को ज्ञान से दूर कर रहा है। क्राइम, गैंग और ड्रग्स जिसने कई जिंदगियां छीन लीं और हमारे देश को लूटा। यह अमेरिकी नरसंहार यहीं रुक जाता है और अभी रुक जाता है।
बाइडेन ने क्या कहाः कोरोना वायरस ने एक साल में इतने अमेरिकी लोगों की जान ले ली है जितने पूरे द्वितीय विश्व युद्ध ने हमसे छीना था। लाखों नौकरियां चली गईं। सैंकड़ों की संख्या में कारोबार बंद हो गए। नस्लीय न्याय के लिए पिछले करीब 400 सालों से आवाज उठाई जा रही है। और अब राजनीतिक उग्रवाद, श्वेत वर्चस्व, घरेलू आतंकवाद के उदय का हमें सामना करना होगा और हम उसे हरा देंगे।
8. स्पीच का अंत
ट्रम्प ने क्या कहा थाः एक साथ हम अमेरिका को दोबारा मजबूत बनाएंगे। हम अमेरिका को दोबारा अमीर बनाएंगे। हम अमेरिका को दोबारा गर्व कराएंगे। हम अमेरिका को दोबारा सुरक्षित बनाएंगे। और हां, एक साथ हम अमेरिका को दोबारा महान बनाएंगे।
बाइडेन ने क्या कहाः उद्देश्य और संकल्प के साथ, हम अपने समय के उन कार्यों की ओर मुड़ते हैं, जो विश्वास और दृढ़ निश्चय से प्रेरित है। ईश्वर अमेरिका की मदद करे और हमारे लोगों की रक्षा करे। शुक्रिया अमेरिका।
टीम बाइडेन में भारतवंशियों को अहमियत:13 महिलाओं समेत 20 भारतीय मूल के लोगों की नियुक्ति, जानें किसे क्या मिला?
अमेरिका के प्रेसिडेंट जो बाइडेन की टीम में भारतवंशियों को अहमियत दी जा रही है। इसका अंदाजा इसी बात से लगा सकते हैं कि 13 महिलाओं समेत भारतीय मूल के 20 लोगों को नई सरकार में काम करने का मौका मिला है। इनमें से 17 को व्हाइट हाउस एडमिनिस्ट्रेशन में जगह दी गई है। फिलहाल, इन सभी को नॉमिनेट किया गया है। इन नियुक्तियों को औपचारिक मंजूरी सीनेट से मिलेगी।
बाइडेन की भारतवंशी टीम
नीरा टंडन
नीरा को व्हाइट हाउस ऑफिस की डायरेक्टर ऑफ मैनेजमेंट एंड बजट के लिए नॉमिनेट किया गया है।
डॉ. विवेक मूर्ति
इन्हें US सर्जन जनरल के रूप में नॉमिनेट किया गया है। विवेक कोरोना टास्क फोर्स का जिम्मा संभालेंगे। इनका परिवार मूल रूप से कर्नाटक का रहने वाला है।
वनीता गुप्ता
इन्हें डिपार्टमेंट ऑफ जस्टिस का एसोसिएट अटॉर्नी जनरल नियुक्त किया गया है। ओबामा एडमिनिस्ट्रेशन में सिविल राइट्स (जस्टिस डिपार्टमेंट) को लीड कर चुकी हैं।
उजरा जिया
उजरा सेक्रेटरी ऑफ स्टेट फॉर सिविलियन सिक्योरिटी, डेमोक्रेसी एंड ह्यूमन राइट्स के अंडर में काम करेंगी। ये डिप्लोमैट हैं और ट्रम्प एडमिनिस्ट्रेशन से इस्तीफा दे चुकी हैं।
माला अडिगा
माला फ्यूचर फर्स्ट लेडी डॉ. जिल बाइडेन की पॉलिसी डायरेक्टर के तौर पर जिम्मेदारी संभालेंगी। ये पेशे से वकील हैं। इनका परिवार भारत के उडुप्पी जिले से ताल्लुक रखता है।
गरिमा वर्मा
गरिमा फर्स्ट लेडी के ऑफिस की डिजिटल डायरेक्टर होंगी। ये पैरामाउंट और डिज्नी में काम कर चुकी हैं। मूल रूप से एंटरटेन्मेंट इंडस्ट्री से ताल्लुक रखती हैं।
सबरीना सिंह
सबरीना व्हाइट हाउस की डिप्टी प्रेस सेक्रेटरी होंगी। इस पद पर पहुंचने वाली भारतीय मूल की पहली महिला हैं।
आयशा शाह- इन्हें व्हाइट ऑफिस की डिजिटल स्ट्रैटजी का पार्टनरशिप मैनेजर नियुक्त किया गया है।
समीरा फाजिली- समीरा को व्हाइट हाउस में US नेशनल इकोनॉमिकल काउंसिल (NEC) का डिप्टी डायरेक्टर बनाया गया है।
गौतम राघवन- ओबामा प्रशासन में अहम जिम्मेदारी निभाने वाले गौतम को इस बार प्रेसिडेंट ऑफिस का डिप्टी डायरेक्टर बनाया गया है।
विनय रेड्डी
डायरेक्टर ऑफ स्पीच राइटिंग की अहम जिम्मेदारी संभालेंगे।
वेदांत पटेल
वेदांत राष्ट्रपति के असिस्टेंट प्रेस सेक्रेटरी होंगे। इस पद तक पहुंचने वाले ये अमेरिकी इतिहास के तीसरे भारतीय-अमेरिकी हैं।
तरुण छाबड़ा
तरुण को सीनियर डायरेक्टर फॉर टेक्नोलॉजी एंड नेशनल सिक्योरिटी की जिम्मेदारी सौंपी गई है।
सुमोना गुहा
सुमोना को सीनियर डायरेक्टर फॉर साउथ एशिया के पद पर नॉमिनेट किया गया है।
शांति कलाथिल
इन्हें कॉर्डिनेटर फॉर डेमोक्रेसी एंड ह्यूमन राइट्स की जिम्मेदारी दी गई है।
सोनिया अग्रवाल
सोनिया को व्हाइट हाउस में डोमेस्टिक क्लाइमेट पॉलिसी के ऑफिस में सीनियर एडवाइजर फॉर क्लाइमेट पॉलिसी एंड इनोवेशन के पद पर नियुक्त किया गया है।
विदुर शर्मा
विदुर को व्हाइट हाउस कोविड-19 रिस्पॉन्स टीम के पॉलिसी एडवाइजर फॉर टेस्टिंग की जिम्मेदारी सौंपी गई है।
नेहा गुप्ता
नेहा व्हाइट हाउस ऑफिस में एसोसिएट काउंसिल के रूप में काम करेंगी।
रीमा शाह
रीमा भी व्हाइट हाउस में डिप्टी एसोसिएट काउंसिल की जिम्मेदारी निभाएंगी।
एडमिनिस्ट्रेशन ने भारतीय-अमेरिकी समुदाय पर भरोसा जताया
अमेरिका की आबादी करीब 32 करोड़ है। इसमें भारतीय मूल के नागरिकों का आंकड़ा 31.80 लाख है। मेडिकल, एजुकेशन, हॉस्पिटैलिटी और टेक्नोलॉजी हर सेक्टर में इनका दबदबा है। इंडियास्पोरा के फाउंडर एमआर रंगास्वामी के मुताबिक भारतीय-अमेरिकी समुदाय ने कई साल से पब्लिक सर्विस के लिए जो डेडिकेशन दिखाया है, उसे इस प्रशासन की शुरुआत में बड़े पैमाने पर पहचान मिली है। मैं खास तौर पर इसलिए काफी खुश हूं क्योंकि इसमें महिलाओं को तरजीह दी गई है। हमारा समुदाय सही मायने में राष्ट्र सेवा के लिए आया है।
भारतवंशी की कमला बनीं उपराष्ट्रपति
कमला हैरिस उपराष्ट्रपति बन गई हैं। वे भारतवंशी हैं। यह चुनाव जीतने के बाद उन्होंने 3 नए रिकॉर्ड कायम किए। हैरिस अमेरिका की पहली महिला उपराष्ट्रपति बनीं। इस पद पर काबिज होने वाली वे पहली साउथ एशियन और अश्वेत भी हैं।