किसान आंदोलन से जुड़े 20 लोगों को NIA का समन :इन पर खालिस्तानी समर्थक होने का आरोप, किसान नेता बोले- 26 जनवरी की ट्रैक्टर परेड के डर से ऐसा कर रही सरकार

जिन लोगों को NIA के नोटिस मिले हैं, उनमें लोक भलाई इंसाफ वेलफेयर सोसायटी (LBIWS) के प्रधान बलदेव सिंह सिरसा और उनके बेटे मेहताब सिंह सिरसा का भी नाम शामिल है। इन्हें 17 जनवरी को NIA के दिल्ली हेडक्वार्टर में पेश होने को कहा गया है।

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नई दिल्ली। कृषि कानूनों पर किसान संगठनों और केंद्र सरकार के बीच बात बनती नहीं नजर आ रही है। इस बीच राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने किसान आंदोलन में सक्रिय 20 लोगों को समन भेजे हैं। यह समन 15 दिसंबर 2020 को सिख फॉर जस्टिस (SFJ) के खिलाफ दर्ज एक मुकदमे के संबंध मे भेजे गए हैं। वहीं, किसान नेताओं का कहना है कि सरकार किसानों की 26 जनवरी की ट्रैक्टर परेड की घोषणा से घबराई हुई है, इसलिए हड़बड़ाहट में ऐसे कदम उठा रही है। किसान संगठन जल्द ही इस बारे में प्रेस कॉन्फ्रेंस भी कर सकते हैं।

किन लोगों को भेजे गए हैं नोटिस
जिन लोगों को NIA के नोटिस मिले हैं, उनमें लोक भलाई इंसाफ वेलफेयर सोसायटी (LBIWS) के प्रधान बलदेव सिंह सिरसा और उनके बेटे मेहताब सिंह सिरसा का भी नाम शामिल है। इन्हें 17 जनवरी को NIA के दिल्ली हेडक्वार्टर में पेश होने को कहा गया है। वहीं सिख यूथ फेडरेशन भिंडरावाला के वरिष्ठ उपाध्यक्ष भाई रणजीत सिंह दमदमी टकसाल, मनदीप सिद्धू, अभिनेता दीप सिद्धू के भाई, नोहजीत सिंह बुलोवाल, प्रदीप सिंह लुधियाना, परमजीत सिंह अकाली, पलविंदर सिंह अमरकोट, गुरमत प्रचार सेवा लीहर के नेता सुरिंदर सिंह ठिक्रीवाला, केटीवी के पत्रकार जसवीर सिंह मुक्तसर, अकाल चैनल के पत्रकार तेजिंदरपाल सिंह, बंदी सिंह रिहाई मोर्चा के नेता मोजंग सिंह लुधियाना को भी NIA ने समन भेजे हैं। इन सबको 21 जनवरी को पूछताछ के लिए बुलाया गया है।

FIR में कहा- खालिस्तानी समर्थकों को विदेशों से मिल रहा पैसा
NIA ने यह मुकदमा 15 दिसंबर को ही दर्ज कर लिया था। जिसकी FIR संख्या RC-40/2020/NIA/DELHI। है। इसमें सिख फॉर जस्टिस को एक गैरकानूनी संगठन बताया गया है। मामला UAPA,1967 के तहत दर्ज किया गया है। केंद्र सरकार में अंडर सेक्रेटरी राजीव कुमार की ओर से दर्ज कराई गई FIR के मुताबिक, ‘भारत, अमेरिका, ब्रिटेन, कनाडा, जर्मनी और कई देशों में भारतीय दूतावासों पर प्रदर्शन और प्रोपेगैंडा करने के लिए विदेशों में बड़ी मात्रा में पैसा इकट्ठा किया जा रहा है। इस पैसे को गैर सरकारी संगठनों के जरिए भारत में खालिस्तान समर्थकों को भेजा जा रहा है।

26 जनवरी को ट्रैक्टर परेड से डरकर सरकार ऐसा कर रही
किसान आंदोलन में सक्रिय रणजीत सिंह दमदमी टकसाल को भी NIA का नोटिस मिला है। उन्होंने भास्कर से कहा, ‘केंद्र सरकार किसान आंदोलन को तोड़ने के लिए सिख युवाओं को समन भिजवाकर डर और दहशत फैलाना चाहती है। ताकि वे किसान आंदोलन से पीछे हट जाएं। सरकार 26 जनवरी की हमारी ट्रैक्टर परेड से घबरा गई है। इसलिए ऐसे हथकंडे अपना रही है।’

NIA की जया रॉय से इस बारे में बात की गई तो उन्होंने कहा, ‘ये केस सिख फॉर जस्टिस से संबंधित हैं। इसमें करीब 20 लोगों को पूछताछ के लिए समन भेजे गए हैं। इनको बतौर गवाह बुलाया गया है। इनका इसमें क्या रोल है ये कॉन्फिडेंशियल है। ऐसे में ज्यादा कुछ नहीं बता सकती हूं।’

बलदेव सिंह सिरसा बोले- नहीं होऊंगा NIA के सामने पेश
NIA के नोटिस पर बलदेव सिंह सिरसा ने कहा, ‘मुझे शुक्रवार को करीब 12 बजे वॉट्सऐप के जरिए NIA का समन मिला था। केंद्र सरकार किसान आंदोलन के सामने हार चुकी है। लेकिन, वो इसे मानने को तैयार नहीं है। पहले मंत्रियों को आगे करके वार्ता की, लेकिन बात नहीं बनी। उसके बाद सुप्रीम कोर्ट की मदद ली। सुप्रीम कोर्ट की बनाई कमेटी भी सफल नहीं हुई और उस पर उंगलियां उठ रही हैं।

अब सरकार NIA जैसी एजेंसियों का दुरुपयोग कर रही है। लेकिन, हम हार नहीं मानेंगे। हम पहले भी किसान संघर्ष को समर्थन कर रहे थे, आगे भी करते रहेंगे। इसके साथ ही मैं ये कहना चाहता हूं कि किसान जत्थेबंदियों ने मुझे NIA के सामने पेश होने से मना किया है। इसलिए जो जत्थेबंदियां कहेंगी, वही मैं करुंगा। मैं NIA के सामने पेश नहीं होऊंगा।

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