नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट के वकील प्रशांत भूषण ने एक सोशल मीडिया पोस्ट लिखी है। इसमें उन्होंने एक वॉट्सऐप चैट के स्क्रीनशॉट्स शेयर किए हैं। अगर ये स्क्रीनशॉट्स सही हैं तो रिपब्लिक टीवी के एडिटर इन चीफ अर्नब गोस्वामी की मुश्किलें बढ़ सकती हैं और फेक TRP स्कैम में नया मोड़ आ सकता है।
दरअसल, प्रशांत भूषण ने शुक्रवार को वॉट्सऐप चैट के जो स्क्रीनशाॅट्स शेयर किए, वे सोशल मीडिया पर वायरल थे। इनमें एक नाम अर्नब का नजर आ रहा है, जबकि दूसरे नाम के बारे में दावा किया जा रहा है कि वे पार्थो दासगुप्ता हैं। दासगुप्ता ब्रॉडकास्ट ऑडियंस रिसर्च काउंसिल यानी BARC के 2013 से 2019 के बीच CEO थे। फेक TRP स्कैम में उनकी गिरफ्तारी हो चुकी है। BARC वह संस्था है, जो देश के 45 हजार घरों में टीवी पर लगे बार-ओ-मीटर के जरिए हर हफ्ते बताती है कि कौन सा चैनल कितना देखा जा रहा है।
सोशल मीडिया पोस्ट्स में दावा किया जा रहा है कि अर्नब और दासगुप्ता के बीच यह बातचीत 2019 में हुई थी। इसे मुंबई पुलिस की क्राइम ब्रांच के पास मौजूद 500 पेज की वॉट्सऐप चैट का हिस्सा बताया जा रहा है। हालांकि, मुंबई पुलिस ने अब तक इन स्क्रीनशॉट्स की पुष्टि नहीं की है। दैनिक भास्कर भी इनकी सत्यता की पुष्टि नहीं करता, लेकिन हम यहां बता रहे हैं कि वायरल हो रहे इन चैट स्क्रीनशॉट्स में लिखा क्या है…
चैट के स्क्रीनशॉट्स क्या बता रहे हैं…
- मार्च 2019 के वॉट्सऐप चैट में अर्नब से एक व्यक्ति कह रहा है कि वे PMO के जरिए मदद की कोशिश करें। इस पर अर्नब कह रहे हैं- noted and will happen. आगे वे लिख रहे हैं कि गुरुवार को वे प्रधानमंत्री से मुलाकात कर सकते हैं।
- अप्रैल 2019 के एक स्क्रीनशॉट के मुताबिक, अर्नब से बातचीत कर रहा व्यक्ति कह रहा है कि क्या वे AS से टेलीकॉम रेगुलेटरी अथॉरिटी ऑफ इंडिया यानी TRAI पर दबाव बनाने को कह सकते हैं? (यहां यह साफ नहीं है कि AS कौन है)।
- अर्नब यह भी कह रहे हैं कि क्या आप मुझे तीन पॉइंट में यह बता सकते हैं कि TRAI की कार्रवाई राजनीतिक तौर पर कैसे AS के खिलाफ जा सकती है।
- जुलाई 2019 की एक चैट में अर्नब ने लिखा- ‘प्लीज देखिए, किस तरह हफ्ते दर हफ्ते मुझ पर असर पड़ रहा है। कोई राहत नहीं मिल पा रही। अब हम ब्रेक स्ट्रैटजी का रिव्यू करने वाले हैं।’
- इस पर PDGA (माना जा रहा है कि ये पार्थो दासगुप्ता हैं) नाम के व्यक्ति का जवाब है, ‘अर्नब, जब तक सरकार मदद नहीं करती, मेरे हाथ बंधे हुए हैं।’
- अगस्त 2019 की चैट में अर्नब कह रहे हैं कि वे कल मुंबई में जावडेकर (केंद्रीय सूचना प्रसारण मंत्री) से मिलेंगे। इस पर PDGA मंत्री को यूजलेस बताते हैं। आगे की बातचीत में अर्नब लिख रहे हैं कि PMO को अलग तरह से देखा जा रहा है।
- सितंबर 2019 की चैट में अर्नब कह रहे हैं, ‘मैंने कहा था कि NM (इसे नृपेंद्र मिश्र बताया जा रहा है, जो प्रधानमंत्री के प्रमुख सचिव थे) पीएमओ से जाने वाले हैं।’
- अक्टूबर 2019 की चैट में PDGA नाम का व्यक्ति अर्नब से पूछ रहा है, ‘आखिर क्या चल रहा है, कुछ मालूम है?’ जवाब में अर्नब लिख रहे हैं, ‘इससे जुड़े पॉइंट्स उन्होंने कल ही शेयर किए थे।’
- अर्नब से दोबारा सवाल होता है कि ‘किससे शेयर हुए हैं, PMO से या मंत्री से?’ जवाब में वे लिखते हैं- PMO से।
कई लोगों ने इसे सोशल मीडिया पर शेयर किया
इन स्क्रीनशॉट्स को सोशल मीडिया पर कुछ वेरिफाइड अकाउंट्स से पोस्ट किया गया। इनमें सबसे बड़ा नाम है वकील प्रशांत भूषण का। उन्होंने कहा है कि इन स्क्रीनशॉट्स से पता चलता है कि इस सरकार में कितनी साजिशें हो रही हैं और सत्ता तक कैसे लोगों की पहुंच है। इस देश के कानून के तहत उन्हें लंबी जेल होगी।
These are a few snapshots of the damning leaked WhatsApp chats between BARC CEO & #ArnabGoswami. They show many conspiracies&unprecedented access to power in this govt; gross abuse of his media&his position as power broker. In any Rule of law country, he would be in jail for long pic.twitter.com/6aGOR6BRQJ
— Prashant Bhushan (@pbhushan1) January 15, 2021
दूसरा नाम है प्रशांत कनौजिया, जो ‘बहुजन मैगजीन’ के एडिटर हैं। उन्होंने स्क्रीनशॉट्स शेयर कर अर्नब को TRP टेररिस्ट बताया है।
ऑल्ट न्यूज के को-फाउंडर मोहम्मद जुबैर ने एक अलग स्क्रीनशॉट शेयर किया है, जिसमें PDeeGeeA (संभवत: पार्थो दासगुप्ता) TRP के संदर्भ में हो रही बातचीत में कह रहे हैं, ‘सियासी खेल शुरू हो चुका है, मंत्रियों का हवाला दिया जा रहा है।’ इस पर अर्नब की तरफ से जवाब लिखा है, ‘सभी मंत्री हमारे साथ हैं। बाकी सारी बातें बेतुकी हैं।’
न्यूजलॉन्ड्री के एग्जीक्यूटिव एडिटर अतुल चौरसिया ने भी सोशल मीडिया पर ये स्क्रीनशॉट्स पोस्ट कर इसे इंडिया जर्नलिज्म का राडिया टेप मोमेंट बताया है।
1400 पेज की चार्जशीट
यह मामला फेक TRP स्कैम से जुड़ा है, जिसका पिछले साल खुलासा हुआ था। इसमें पता चला था कि कुछ चैनल विज्ञापन के जरिए ज्यादा रेवेन्यू कमाने के लिए TRP में हेराफेरी कर रहे हैं। मुंबई पुलिस मजिस्ट्रेट कोर्ट में 1400 पन्नों की चार्जशीट पेश कर चुकी है। इसमें रिपब्लिक टीवी से जुड़े लोगों समेत 12 आरोपियों के नाम हैं। इसी मामले में 6 जनवरी को बॉम्बे हाईकोर्ट में हुई सुनवाई में मुंबई पुलिस ने दावा किया था कि उसे रिपब्लिक टीवी और उसके एडिटर इन चीफ अर्नब गोस्वामी के खिलाफ कुछ सबूत मिले हैं।