पंजाब सरकार का बड़ा फैसला- विद्यार्थियों की डिग्री रोकी तो कॉलेजों की मान्यता होगी रद
पंजाब सरकार ने कॉलेज एजुकेशन के मद्देनजर बड़ा कदम उठाया है। पंजाब सरकार ने फीस नहीं देनेवाले एससी वर्ग के विद्यार्थियों की डिग्री रोकने वाले राज्य के कालेजों और विश्वविद्यालयों की मान्यता रद करने का फैसला किया है।
चंडीगढ़। पंजाब सरकार ने निजी कॉलेजों व संस्थाओं द्वारा फीस न भर सकने वाले विद्यार्थियों की डिग्रियां रोकने को गंभीरता से लिया है और बड़ा फैसला किया है। पंजाब सरकार ने सभी कॉलेजों से तीन दिन के अंदर विद्यार्थियों को डिग्रियां जारी करने के आदेश दिए हैं और ऐसा न करने वाले कॉलेजों की मान्यता रद होगी। अनुसूचित वर्ग के ये विद्यार्थी केंद्र सरकार द्वारा 2017 से चल रही पोस्ट मैट्रिक स्कॉलरशिप स्कीम बंद किए जाने के चलते फीस जमा नहीं कर सके हैं।
तीन दिन में डिग्रियां जारी करने के आदेश ,19 जनवरी को फिर होगी मीटिंग
यह फैसला एससी स्कॉलरशिप के बकाए को लेकर मुख्यमंत्री द्वारा बनाई गई कैबिनेट सब कमेटी ने लिया। वित्त मंत्री मनप्रीत सिंह बादल इस कमेटी के चेयरमैन हैं। मनप्रीत ने कमेटी की पहली बैठक की और इसमें सामाजिक न्याय अधिकारिता मंत्री साधू सिंह धर्मसोत, उच्च शिक्षा मंत्री तृप्त राजिंदर सिंह बाजवा और तकनीकी शिक्षा मंत्री चरनजीत सिंह चन्नी शामिल हुए।
मनप्रीत सिंह बादल ने कहा कि कैबिनेट सब कमेटी ने 19 जनवरी को संबंधित कॉलेजों और संस्थाओं को भी मीटिंग के लिए बुलाया है ताकि वे भी अपना पक्ष रख सकें। उन्होंने कहा कि मीटिंग में इस बात पर विचार किया जाएगा कि तीन साल की देनदारियां किस प्रक्रिया और कितने चरणों में देनी हैं। उन्होंने कहा कि मामले निपटाने के लिए बुलाई गई मीटिंग में शामिल होने के लिए संस्थाओं को यह शर्त रखी गई है कि तीन दिन के अंदर विद्यार्थियों को डिग्रियांसौंपी जाएं।
तकनीकी शिक्षा एवं औद्योगिक प्रशिक्षण मंत्री चरनजीत सिंह चन्नी ने बताया कि केंद्र सरकार ने 2017 में एससी विद्यार्थियों के लिए पोस्ट मैट्रिक स्कॉलरशिप स्कीम बंद कर दी। इस कारण एससी विद्यार्थियों के लिए परेशानी पैदा हो गई। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार इस स्कीम के अंतर्गत अपना हिस्सा देने के लिए तैयार है।
उन्होंने कहा कि राज्य सरकार फीस न जमा होने के कारण विद्यार्थियों की डिग्री रोकने और कॉलेजों द्वारा विद्यार्थियों से हलफिया बयान या अन्य लिखित दस्तावेज लेने के पूरी तरह खिलाफ है। इसलिए राज्य सरकार ने फ़ैसला किया है कि यदि कोई भी संस्था या कॉलेज किसी भी विद्यार्थी की डिग्री रोकती है या किसी विद्यार्थी से हलफिया बयान लेती है तो राज्य सरकार उस कॉलेज या संस्था की मान्यता रद कर देगी।
चन्नी ने कहा कि केंद्र सरकार ने 60-40 अनुपात में यह स्कीम फिर शुरू की है। केंद्र सरकार ने स्कॉलरशिप स्कीम के लिए आमदनी की सीमा 2.5 लाख रुपये निश्चित है, जिसको 4 लाख रुपए तक बढ़ाने के लिए मुख्यमंत्री ने केंद्र सरकार को पत्र लिखा है। सामाजिक न्याय अधिकारिता मंत्री साधू सिंह धर्मसोत ने कहा कि कोई भी विद्यार्थी डिग्री न मिलने के कारण अगली शिक्षा या रोजगार का मौका हासिल करने से वंचित न रह जाए, इसलिए यह कैबिनेट सब कमेटी बनाई गई है।