कोरोना का भविष्य:हर किसी में इम्युनिटी डेवलप होने के बाद कोरोना सीजनल फ्लू में तब्दील हो जाएगा; जानें क्या कहते हैं वैज्ञानिक
साइंस जर्नल में प्रकाशित एक स्टडी के मुताबिक, जैसे-जैसे लोगों में इस वायरस के खिलाफ इम्युनिटी डेवलप होगी, वैसे-वैसे कोरोना सामान्य बीमारी में तब्दील हो जाएगा। हालांकि अभी भी कोरोना एक गंभीर खतरा है। ये सीधा इंसान के इम्युन सिस्टम पर अटैक करता है।
नई दिल्ली। वैक्सीन आने के बाद अब कोरोना के भविष्य को लेकर बहस चल रही है। क्या वैक्सीनेशन के बाद कोरोना पूरी तरह खत्म हो जाएगा? क्या इसके बाद कोरोना का असर रहेगा? क्या कोरोना कभी खत्म ही नहीं होगा? इन्हीं सवालों को लेकर कुछ स्टडी की गई है। इनमें वैज्ञानिक भविष्य में कोरोना के खतरे को नकार रहे हैं।
साइंस जर्नल में प्रकाशित एक स्टडी के मुताबिक, जैसे-जैसे लोगों में इस वायरस के खिलाफ इम्युनिटी डेवलप होगी, वैसे-वैसे कोरोना सामान्य बीमारी में तब्दील हो जाएगा। हालांकि अभी भी कोरोना एक गंभीर खतरा है। ये सीधा इंसान के इम्युन सिस्टम पर अटैक करता है। जब तक कोई व्यक्ति कोरोना से संक्रमित होकर ठीक नहीं हो जाता या फिर उसे वैक्सीन नहीं लग जाती, तब तक उस पर संक्रमण का खतरा बना रहेगा।
3-5 साल के बच्चों में कोल्ड कोरोना के लक्षण ज्यादा
एक स्टडी के मुताबिक, वयस्कों की तुलना में 6 से 16 साल तक की उम्र के बच्चे इस वायरस से लड़ने में ज्यादा सक्षम हैं। इस उम्र में इम्युनिटी लगातार बूस्ट होती रहती है, इसलिए वायरस असर नहीं कर पाता है। लेकिन वायरस 5 साल से कम उम्र के बच्चों के लिए ज्यादा खतरनाक है। 3 से 5 साल के बच्चों में कोल्ड काेरोना के लक्षण ज्यादा देखने में आए हैं।
एक्सपर्ट्स का कहना है कि कोरोना असर कम होने में अभी कुछ साल और लगेंगे। हालांकि ये बिना वैक्सीन के संभव नहीं है।
कोरोना के 4 वायरस सर्दी की वजह बनते हैं
रिसर्चर डॉ. फेलो जेनी लेविन ने 6 तरह के कोरोनावायरस की जांच की। इनमें 4 वायरस ऐसे हैं, जो सर्दी की वजह बनते हैं। हालांकि इनका प्रभाव कम होता है। कोरोना के SARS और MERS वायरस से गंभीर बीमारियाें का खतरा होता है। ये 2003 और 2012 में सामने आए थे। हालांकि ये दोनों वायरस भी लोगों में ज्यादा फैल नहीं पाए। जेनी का कहना है कि कोरोना के मामले कम होने में कितना समय लगेगा। ये वायरस के फैलने और वैक्सीन लगने की रफ्तार पर निर्भर करेगा।
वैक्सीनेशन के जरिए इम्युनिटी बूस्ट करनी होगी
एक्सपर्ट्स कहते हैं कि वैक्सीन के जरिए लोगों में तेजी से इम्युनिटी को बूस्ट किया जा सकता है। इसके लिए वैक्सीनेशन प्रोग्राम को और तेज करना होगा। इसी से कोरोना का असर कम किया जा सकता है। हालांकि वैक्सीन से कोरोना पूरी तरह खत्म हो जाए, ऐसी संभावना कम है।
उन्होंने बताया कि अगर वैक्सीन वायरस का ट्रांसमिशन होने से रोकती है, तो ये अच्छी बात होगी। अभी वैक्सीन आपको संक्रमित होने से रोकेगी, पर जरूरी नहीं कि यह संक्रमण को पूरी तरह फैलने से रोक सके। हर एक व्यक्ति को वैक्सीन लगाने से वायरस के पूरी तरह से खत्म होने की संभावना बढ़ जाएगी।
सीजनल फ्लू में बदल सकता है कोरोना
वैज्ञानिकों का कहना है कि कोरोना आगे चलकर सीजनल फ्लू में तब्दील हो सकता है। इसके बाद कुछ सालों बाद ये कम होगा या पूरी तरह से खत्म हो जाएगा। डॉ. गोमरमैन कहते हैं कि नेचुरल इन्फेक्शन के साथ कोरोना नाक और गले में मजबूत इम्युनिटी बनाता है। अभी वैक्सीन से नेचुरल इम्युन सिस्टम नहीं बन रहा है। इसलिए वैक्सीनेशन के बाद भी वायरस का असर रहेगा।
कोल्ड कोरोना का एक वायरस बेहद खतरनाक
कोरोना के नए स्ट्रेन ने कई सवाल खड़े कर दिए हैं। इसके बाद से एक सवाल और आ गया है कि कोल्ड कोरोनावायरस कहां से आया? ये अभी तक रहस्य है। 1890 की महामारी में लाखों लोगों की मौत हो गई थी, तब माना गया था कि इसकी वजह OC-43 वायरस था, लेकिन इसकी पुष्टि नहीं हो पाई। वैज्ञानिकों का कहना है कि कोल्ड कोरोना के चार वायरसों में एक OC-43 भी है।