चीन से तनाव के बीच केंद्र का बड़ा फैसला:HAL से 48 हजार करोड़ रुपए में खरीदे जाएंगे 83 तेजस फाइटर जेट, रक्षा मंत्री बोले- ये डील गेम चेंजर

0 1,000,149

नई दिल्ली। चीन और पाकिस्तान से सीमा विवाद के बीच केंद्र सरकार ने इंडियन एयरफोर्स के लिए 83 तेजस फाइटर जेट खरीदने की मंजूरी दे दी है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट कमेटी ऑन सिक्योरिटी (CCS) की बैठक में यह फैसला लिया गया है। ये सभी फाइटर जेट हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL) तैयार करेगी।

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने सोशल मीडिया पर इसकी जानकारी दी। उन्होंने लिखा, ‘ये डील देश के लिए गेम चेंजर साबित होगी। रक्षा के क्षेत्र में मैन्युफैक्चरिंग को मजबूती मिलेगी। लाइट कॉम्बैट एयरक्राफ्ट (LCA) 1A तेजस फाइटर तैयार करने के लिए HAL ने नासिक और बेंगलुरु में सेटअप तैयार कर लिया है।

तेजस 60% स्वदेशी होगा
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने बताया, ‘LCA तेजस के MK1A वैरिएंट में 50% की बजाय 60% स्वदेशी उपकरण और तकनीक का यूज किया जाएगा। LCA तेजस इंडियन एयरफोर्स फ्लीट की रीढ़ की हड्‌डी बनने जा रही है। इससे एयरफोर्स की मौजूदा ताकत में जबरदस्त इजाफा होगा।’

3-4 स्क्वॉड्रन में इजाफा होगा
चीफ वाइस एयरमार्शल (रिटायर्ड) आरसी वाजपेयी ने केंद्र सरकार के इस फैसले पर खुशी जाहिर की। उन्होंने कहा कि आत्मनिर्भर भारत की ओर बढ़ने के लिए ये कदम काफी अच्छा है। इंडियन एयरफोर्स में 42 स्क्वाड्रन होने चाहिए। एक स्क्वॉड्रन में कम से कम 18 फाइटर जेट होते हैं। भारत के पास अभी केवल 30 स्क्वॉड्रन है। HAL से 83 तेजस मिलने के बाद 3-4 स्क्वॉड्रन में इजाफा होगा। मौजूदा समय भारत को चीन और पाकिस्तान दोनों तरफ से खतरा है। इसलिए इसके अलावा और भी फाइटर जेट खरीदने की जरूरत है। ताकि समय रहते स्क्वॉड्रन की कमी को पूरी की जा सके। इसके साथ हमें अमेरिका, रूस और इजरायल के एडवांस टेक्नोलॉजी को भी शामिल करना होगा।

क्या है तेजस की खासियत ?

  • तेजस हवा से हवा में और हवा से जमीन पर मिसाइल छोड़ सकता है।
  • इसमें एंटीशिप मिसाइल, बम और रॉकेट भी लगाए जा सकते हैं।
  • तेजस 42% कार्बन फाइबर, 43% एल्यूमीनियम एलॉय और टाइटेनियम से बनाया गया है।
  • तेजस भारत में विकसित किया गया हल्का और मल्टीरोल फाइटर जेट है।
  • इसे हिन्दुस्तान एरोनाटिक्स लिमिटेड (HAL) ने विकसित किया है।
  • तेजस को एयरफोर्स के साथ नेवी की जरूरतें पूरी करने के हिसाब से भी तैयार किया जा रहा है।
  • तेजस से हवा से हवा में मार करने वाली BVR मिसाइल का सफल परीक्षण किया जा चुका है।
  • तेजस विमानवाहक पोत से टेकऑफ और लैंडिंग का परीक्षण एक ही उड़ान में पास कर चुका है।
  • तेजस ने रात में अरेस्टेड लैंडिंग का ट्रायल भी कामयाब रहा था। DRDO ने यह परीक्षण किया था।
  • पाकिस्तान से सटे गुजरात के नलिया और राजस्थान के फलौदी एयरबेस पर इसकी स्क्वाड्रन तैनात की जा रही है।

1980 के दशक में काम शुरू हुआ था
HAL ने 1980 के दशक में तेजस पर काम शुरू किया था। 4 मई 2003 को तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने इसे तेजस नाम दिया था। इसके बाद 2007 से इसका प्रोडक्शन शुरू हुआ। ये विमान पुराने पड़ रहे मिग-21 की जगह लेने के लिए तैयार किए जा रहे हैं।

दिसंबर 2009 में गोवा में एक ट्रायल के दौरान तेजस ने 1,350 किलोमीटर प्रति घंटे से ज्यादा की रफ्तार से उड़ान भरी थी। इस तरह यह HAL का देश में बना पहला सुपरसॉनिक लड़ाकू विमान बन गया था। एक जुलाई 2016 को एयरफोर्स की पहली तेजस यूनिट बनाई गई थी। इसे पाकिस्तान के जेएफ-17 थंडर के मुकाबले बेहतर विमान माना जाता है।

Leave A Reply

Your email address will not be published.