सिडनी में दूसरे दिन भी नस्लीय टिप्पणी:सिराज को दर्शकों ने मंकी और डॉग कहा, विराट बोले- गाली बर्दाश्त नहीं, ये गुंडागर्दी की इंतेहा
सिडनी टेस्ट में लगातार दूसरे दिन मंकीगेट विवाद हुआ। टेस्ट के चौथे दिन भी भारतीय बॉलर मो. सिराज पर दर्शकों ने नस्लभेदी टिप्पणी की। बाउंड्री के करीब बैठे दर्शकों की एक टोली लगातार सिराज को ब्राउन मंकी और बिग डॉग बोल रही थी। सिराज ने इसकी शिकायत फील्ड अंपायर पॉल राफेल से की। मैच रेफरी और टीवी अंपायर से फील्ड अंपायर ने बातचीत की और फिर पुलिस बुलाई गई। पुलिस ने 6 दर्शकों को बाहर निकाल दिया। क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया ने भी इस घटना पर टीम इंडिया से माफी मांगी है।
विराट कोहली ने भी इस घटना पर अपना ऐतराज जाहिर किया है। उन्होंने सोशल मीडिया पर लिखा कि नस्लीय गाली बर्दाश्त नहीं है। बाउंड्री लाइन पर बहुत सारी बेहूदा चीजें देखी हैं, पर ये तो गुंडागर्दी वाले बर्ताव का चरम है। मैदान पर यह देखना शर्मनाक है। इस मामले को तुरंत और बेहद गंभीर नजरिए से देखना चाहिए। ऐसा करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई से एक बार में ही चीजें दुरुस्त हो जाएंगी।
BCCI सेक्रेटरी जय शाह ने भी घटना पर विरोध जाहिर किया। शाह ने सोशल मीडिया पर लिखा- नस्लीय भेदभाव इस महान खेल या जीवन में किसी भी हिस्से में बर्दाश्त नहीं किया जा सकता। मैंने इस घटना के बारे में क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया के अफसरों से बात की है। उन्होंने भरोसा दिलाया कि दोषियों पर सख्त एक्शन लिया जाएगा। इस मामले में BCCI और क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया साथ खड़े हैं। इस तरह की भेदभाव वाली चीजें सहन नहीं की जाएंगी।
ऑस्ट्रेलिया की दूसरी पारी के 86वें ओवर की घटना
यह घटना ऑस्ट्रेलियाई पारी के 86वें ओवर की है। सिराज बाउंड्री पर फील्डिंग कर रहे थे। इसके बाद दर्शकों की ओर से टिप्पणी किए जाने के बाद उन्होंने अंपायर से इसकी शिकायत की। अंपायर ने पुलिस को बुलाया और बाउंड्री रोप के पास के स्टैंड में शिनाख्त की। इसके बाद कुछ लोगों को स्टेडियम से बाहर भी किया गया।
CA ने कहा- एक्शन लिया जाएगा
क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया (CA) ने टीम इंडिया से माफी मांगी है। उन्होंने कहा कि नस्लीय टिप्पणी को लेकर हमारी जीरो टॉलरेंस पॉलिसी है। हम इस प्रकार की घटना को बिलकुल बर्दाश्त नहीं करेंगे और मामले पर एक्शन जरूर लिया जाएगा।
We have launched an investigation in parallel with NSW Police following a crowd incident at the SCG today. Full statement 👇 pic.twitter.com/D7Qu3SenHo
— Cricket Australia (@CricketAus) January 10, 2021
CA ने मामले की जांच के लिए टीम भी गठित की है। इसके साथ न्यू साउथ वेल्स पुलिस भी मामले की जांच में जुट गई है। वहीं, इंटरनेशनल क्रिकेट काउंसिल ने (ICC) ने नस्लीय टिप्पणी वाले मामले की निंदा की है। उन्होंने कहा है कि क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया से जांच रिपोर्ट मिलने के बाद कार्रवाई की जाएगी।
तीसरे दिन शनिवार को BCCI ने की थी शिकायत
इससे पहले मैच के तीसरे दिन शनिवार को टीम इंडिया के दो प्लेयर्स पर नस्लीय टिप्पणी का मामला सामने आया था। न्यूज एजेंसी के मुताबिक, एक दर्शक ने जसप्रीत बुमराह और मोहम्मद सिराज के खिलाफ अभद्र और नस्लीय कमेंट्स किए। BCCI ने इसकी शिकायत मैच रेफरी डेविड बून से की थी।
BCCI सूत्रों ने न्यूज एजेंसी को बताया कि सिराज जब बाउंड्री लाइन पर फील्डिंग कर रहे थे, तब उन्हें एक दर्शक ने मंकी यानी बंदर कहा। यह दर्शक सिडनी क्रिकेट ग्राउंड के स्टैंड्स में पूरे वक्त मौजूद था। इस सूत्र ने कहा- हमने इस बारे में ICC के मैच रेफरी डेविड बून के पास शिकायत दर्ज कराई है। आरोपी दर्शक नशे में था। डेविड बून ऑस्ट्रेलियाई टीम के पूर्व ओपनर रह चुके हैं।
हालांकि, बुमराह पर किस तरह की नस्लीय टिप्पणी की गई, इसको लेकर कोई स्पष्ट जानकारी नहीं है। जानकारी के मुताबिक, सिराज और बुमराह के साथ हुई घटना के बाद कप्तान अजिंक्य रहाणे और दूसरे सीनियर प्लेयर्स ने मीटिंग भी की। इस दौरान सिक्योरिटी ऑफिसर्स और अंपायर्स भी मौजूद थे।
वॉर्न और हसी ने कहा- ऐसे दर्शकों पर लाइफटाइम बैन लगे
ऑस्ट्रेलिया के पूर्व क्रिकेटर शेन वॉर्न और माइक हसी ने सिराज वाली घटना पर बयान देते हुए कहा कि ऐसे दर्शकों पर लाइफटाइम बैन लगा देना चाहिए। कमेंटेटर मार्क हावर्ड ने भी क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया से ऐसी घटनाओं पर सख्त एक्शन लेने की मांग की।
13 साल पुरानी कहानी
2007-08 में भारतीय टीम के ऑस्ट्रेलिया दौरे पर हरभजन सिंह और एंड्र्यू सायमंड्स की झड़प हो गई थी। तब भी मैदान सिडनी का ही था। सायमंड्स का आरोप था कि भज्जी ने उन्हें मंकी कहा। इस घटना को ‘मंकीगेट’ कहा जाता है। सिडनी टेस्ट में सायमंड्स बैटिंग कर रहे थे। हरभजन सिंह से उनकी नोंक-झोंक चल रही थी। इस दौरान दोनों के बीच जुबानी जंग भी हुई। बाद में सायमंड्स ने आरोप लगाया कि भज्जी ने उन्हें मंकी कहा।
ICC के नियमों के मुताबिक, यह नस्लीय टिप्पणी थी। तब पूरी सीरीज ही खतरे में पड़ गई थी। मैच रेफरी के सामने सुनवाई हुई। हरभजन को क्लीन चिट मिल गई। इसके बावजूद यह मामला आज भी कभी-कभार उठाया ही जाता है।