कंगना पर राजद्रोह का केस:बांद्रा थाने में दो घंटे तक चली कंगना से पूछताछ; वीडियो में कहा- हंसने पर भी केस हो रहे
यह फोटो कंगना के मुंबई के बांद्रा पुलिस स्टेशन जाने के दौरान की है। कंगना ने वीडियो में कहा कि मुझसे कहा गया कि पुलिस थाने जाकर हाजिरी लगानी पड़ेगी। किस बात की हाजिरी होगी, ये कोई बताने को तैयार नहीं।
एक्ट्रेस कंगना रनोट शुक्रवार (8 जनवरी) अपनी बहन रंगोली चंदेल के साथ मुंबई के बांद्रा पुलिस स्टेशन में बयान दर्ज करवाने पहुंचीं थी। इस दौरान पुलिस ने उनसे दो घंटे तक पूछताछ की। दोनों के खिलाफ कोर्ट के आदेश पर 17 अक्टूबर को बांद्रा पुलिस स्टेशन में राजद्रोह का केस दर्ज किया गया था। कंगना को पूछताछ के लिए तीन बार समन किया जा चुका है, लेकिन भाई की शादी की वजह से वह पेश नहीं हुईं थीं। अगर उनके खिलाफ पुख्ता सबूत मिलते हैं तो उन्हें गिरफ्तार भी किया जा सकता है।
Why am I being mentally, emotionally and now physically tortured? I need answers from this nation…. I stood for you it’s time you stand for me …Jai Hind 🙏 pic.twitter.com/qqpojZWfCx
— Kangana Ranaut (@KanganaTeam) January 8, 2021
एक्ट्रेस पर हिंदू-मुस्लिम के नाम पर फूट डालने के आरोप लगे हैं। कंगना के खिलाफ इसी तरह के एक मामले में तुमकुर (कर्नाटक) में भी FIR हुई थी। उन पर किसानों का अपमान करने के आरोप लगे थे। इससे पहले 25 नवंबर को बॉम्बे हाईकोर्ट ने कंगना और उनकी बहन रंगोली चंदेल की याचिका पर सुनवाई करते हुए दोनों को 8 जनवरी को बांद्रा पुलिस स्टेशन में हाजिर होने का आदेश दिया था।
‘क्या हम मध्यकाल में जी रहे हैं’
कंगना ने वीडियो में कहा, ‘मैंने जब से देश के हित में बात की है तो मेरे ऊपर अत्याचार किए जा रहे हैं। शोषण किया जा रहा है। ये पूरा देश देख रहा है। गैरकानूनी तरीके से मेरा घर तोड़ दिया गया। किसानों के हित में बात करने के लिए हर रोज न जाने कितने केस डाले जा रहे हैं। यहां तक कि हंसने के लिए भी एक केस हुआ है।
कंगना ने कहा कि कोरोना के दौरान डॉक्टरों के हित में बात करने के लिए मेरी बहन रंगोली के ऊपर केस हुआ था। उस केस में मेरा नाम भी डाल दिया गया। उस वक्त मैं ट्विटर पर थी भी नहीं। उस केस को चीफ जस्टिस ने रिजेक्ट भी कर दिया था। चीफ जस्टिस ने कहा कि इस केस का कोई तुक नहीं है।’
‘मुझसे कहा गया कि आपको पुलिस थाने जाकर हाजिरी लगानी पड़ेगी। किस बात की हाजिरी होगी, ये कोई बताने को तैयार नहीं। मैं सुप्रीम कोर्ट से पूछना चाहती हूं कि ये क्या मेडिवल एज (मध्यकाल) है, जहां औरतों को जिंदा जलाया जाता है। मैं कुछ बोल नहीं सकती, बता नहीं सकती। इस तरह के अत्याचार दुनिया के सामने हो रहे हैं। जिस तरह हजारों खून के आंसू गुलामी में सहे हैं, अगर राष्ट्रवादी बातों को दबाया गया तो यह फिर से सहना पड़ेगा।’
कंगना पर ये आरोप
याचिकाकर्ता वकील साहिल अशरफ अली सैयद ने बांद्रा कोर्ट में दायर एक अर्जी में कहा था कि कंगना रनोट पिछले कुछ महीनों से लगातार बॉलीवुड को नेपोटिज्म और फेवरेटिज्म का हब बताकर इसका अपमान कर रही हैं। वे सोशल मीडिया और टीवी इंटरव्यू के जरिए हिंदू और मुस्लिम कलाकारों के बीच फूट डाल रही हैं। साहिल ने अपने सबूत में सोशल मीडिया पर की गई पोस्ट का हवाला दिया है।
इन धाराओं में दर्ज हुआ है केस
बांद्रा के मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट जयदेव घुले ने कंगना के खिलाफ CRPC की धारा 156 (3) के तहत FIR दर्ज कर जांच के आदेश दिए थे। इस पर एक्शन लेते हुए पुलिस ने कंगना और उनकी बहन के खिलाफ इन धाराओं में केस दर्ज किया है।
- धारा 153 A: IPC की धारा 153 (ए) उन लोगों पर लगाई जाती है, जो धर्म, भाषा, नस्ल वगैरह के आधार पर लोगों में नफरत फैलाने की कोशिश करते हैं। इसके तहत 3 साल तक की कैद या जुर्माना या दोनों हो सकते हैं।
- धारा 295 A: इसके अंतर्गत ऐसे अपराध आते हैं, जहां आरोपी व्यक्ति, भारत के नागरिकों के किसी समुदाय विशेष की भावनाओं को आहत करने मकसद से उनके धर्म या धार्मिक विश्वासों का अपमान करता है या ऐसा करने का प्रयत्न करता है।
- धारा 124 A: यदि कोई भी व्यक्ति भारत की सरकार के विरोध में सार्वजनिक रूप से ऐसी किसी गतिविधि को अंजाम देता है। इससे देश के सामने सुरक्षा का संकट पैदा हो सकता है तो उसे उम्रकैद तक की सजा दी जा सकती है। इन गतिविधियों का समर्थन करने या प्रचार-प्रसार करने पर भी किसी को देशद्रोह का आरोपी मान लिया जाएगा।
- धारा 34: IPC की धारा 34 के अनुसार, जब आपराधिक कृत्य सभी व्यक्तियों ने सामान्य इरादे से किया हो, तो हर व्यक्ति उसी तरह जिम्मेदार होता है जैसे कि अपराध उसके अकेले के द्वारा ही किया गया हो।