भारत में कोरोनावायरस के लिए वैक्सीनेशन 13-14 जनवरी से शुरू हो सकता है। दो वैक्सीन कोवीशील्ड और कोवैक्सिन को अप्रूवल भी मिल चुका है। इसके बाद भी एक सर्वे में 69% लोगों ने वैक्सीन के लिए हिचक दिखाई है।
जो हिचक नवंबर में थी, वही जनवरी में बरकरार
यह सर्वे लोकलसर्कल्स ने जनवरी में कराया। इसमें 8,723 लोगों ने हिस्सा लिया। इसमें बताया गया कि पिछले साल नवंबर और दिसंबर में वैक्सीन को लेकर जो हिचक लोगों में थी, वह जनवरी में भी कायम है। सर्वे में ये बातें सामने आईं…
- 69% लोगों ने कहा कि वे वैक्सीन को लेकर किसी तरह की जल्दबाजी में नहीं हैं। इससे पहले दिसंबर में भी 69% लोगों में वैक्सीन को लेकर हिचक दिखी थी। नवंबर में 59% और अक्टूबर में 61% लोगों ने कहा था कि वे वैक्सीन को लेकर जल्दबाजी में नहीं हैं।
- 26% लोगों का कहना है कि जैसे ही वैक्सीन आएगी, वे सरकारी या प्राइवेट चैनल से वैक्सीन जरूर लेंगे।
- सर्वे में 5% लोग ऐसे भी थे जो सरकार के बनाए प्रायोरिटी ग्रुप्स (हेल्थ या फ्रंटलाइन वर्कर्स) में आते हैं। इनका कहना है कि सरकार ने जो भी प्रक्रिया तय की है, उसके तहत वैक्सीन लेंगे
56% पैरेंट्स तीन महीने इंतजार करना चाहते हैं
भारत बायोटेक का दावा है कि उसकी कोवैक्सिन 12 साल से ऊपर के बच्चों के लिए भी सुरक्षित है। इस आधार पर पैरेंट्स से पूछा गया कि क्या वे स्कूली बच्चों को वैक्सीन लगवाएंगे? इस पर सिर्फ 26% भारतीय पैरेंट्स ने कहा कि अप्रैल 2021 या स्कूल सेशन से पहले तक वैक्सीन उपलब्ध हुई, तो वे अपने बच्चों को जरूर लगवाएंगे।
वहीं, 56% पैरेंट्स ने कहा कि वे तीन और महीने इंतजार करना चाहेंगे। तब तक ज्यादा डेटा मिल चुका होगा और नतीजे आ चुके होंगे। तब वे इस पर फैसला लेंगे। 12% पैरेंट्स ने तो सीधे-सीधे कह दिया कि वे अपने बच्चों को वैक्सीन नहीं लगवाने वाले।
कोवीशील्ड और कोवैक्सिन के साथ शुरू होगा वैक्सीनेशन
ड्रग्स कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया (DCGI) ने रविवार को दो वैक्सीन को अप्रूवल दिया था। पहली- ऑक्सफोर्ड-एस्ट्राजेनेका की कोवीशील्ड, जिसे सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (SII) बना रहा है। दूसरी- कोवैक्सिन, जिसे भारत बायोटेक बना रहा है। फिलहाल इन्हें सीमित इमरजेंसी इस्तेमाल की मंजूरी मिली है। पूरे देश में ड्राई रन हो रहा है, ताकि वैक्सीनेशन की प्रक्रिया को अंतिम रूप दिया जा सके।