वैक्सीन पर भिड़े दिग्गज:पूनावाला के बयान पर बोले भारत बायोटेक के MD- एस्ट्राजेनेका ने वैक्सीन के साइड इफेक्ट दबाने पैरासिटामॉल दी

SII के CEO अदार पूनावाला ने कहा था- फाइजर, मॉडर्ना और कोवीशील्ड के अलावा सारी वैक्सीन पानी जैसी हैं

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नई दिल्ली। देश में वैक्सीन आने से पहले ही इस पर बयानबाजी शुरू हो गई है। कांग्रेस ने भारत बायोटेक की कोवैक्सिन पर सवाल उठाए, तो सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (SII) के CEO अदार पूनावाला ने भी रविवार को कहा था, ‘फाइजर, मॉडर्ना और ऑक्सफोर्ड-एस्टाजेनेका के अलावा बाकी सारी वैक्सीन पानी जैसी हैं।’ यानी सबके निशाने पर स्वदेशी टीका कोवैक्सिन ही रहा।

सोमवार को भारत बायोटेक के MD कृष्णा एल्ला ने इस पर पलटवार किया। सीरम इंस्टीट्यूट के अदार पूनावाला का नाम लिए बिना उन्होंने कहा, ‘कुछ कंपनियों ने मेरे प्रोडक्ट को पानी की तरह बता दिया।’ उन्होंने आरोप लगाया कि कोविड-19 के लिए वैक्सीन बनाने वाली एस्ट्राजेनेका ने वॉलंटियर्स को वैक्सीन के साथ पैरासिटामॉल दी थी, ताकि वैक्सीन के साइड इफेक्ट्स (adverse reaction) को दबाया जा सके।

हम 200% ईमानदारी से ट्रायल करते हैं
भारत बायोटेक के MD ने कहा, ‘हम 200% ईमानदारी से क्लीनिकल ट्रायल्स करते हैं। इसके बावजूद हमें लोगों की नकारात्मक बातें सुनने मिलती है। अगर मैं गलत हूं तो बताइए। ‘

स्वदेशी वैक्सीन फाइजर से कमतर नहीं
एल्ला ने कहा, ‘हमारी वैक्सीन फाइजर की वैक्सीन से कमतर नहीं है। फाइजर को देखिए। उनके पास वैक्सीन डेटा के 5 पब्लिकेशन हैं। भारत बायोटेक के पास भी पांच पब्लिकेशन हैं। डेटा पब्लिकेशन के मामले में हम फाइजर से कमतर नहीं हैं।’

हमारे पास एक्सपीरियंस और रिसर्च
उन्होंने कहा, ‘मुझे लगता है कि हम इकलौती कंपनी है, जिसके पास भरपूर रिसर्च एक्सपीरियंस और पीयर रिव्यूड जर्नल्स में भरपूर पब्लिकेशन हैं। कई लोग कहते हैं कि हमारे डेटा में ट्रांसपेरेंसी नहीं है। ऐसे लोगों को धीरज रखकर इंटरनेट पर हमारे आर्टिकल पढ़ने चाहिए। वो लोग देखें कि हमारे हमारे आर्टिकल किस तरह के हैं।’

उन्होंने कहा कि भारत बायोटेक ने ही सबसे जीका वायरस की पहचान की थी। हमने ही सबसे पहले जीका और चिकनगुनिया के वैक्सीन के ग्लोबल पेटेंट के लिए आवेदन किया था।

विपक्ष ने कोवैक्सिन पर सवाल उठाए थे
समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने सबसे पहले इस पर सवाल खड़े किए थे। कांग्रेस नेता राशिद अल्वी ने अखिलेश का समर्थन किया। कांग्रेस नेता शशि थरूर ने कहा कि कोवैक्सिन ने अभी तक अपना तीसरा ट्रायल भी पूरा नहीं किया है। जल्दबाजी में वैक्सीन को मंजूरी दी गई और यह खतरनाक हो सकता है।

सरकार ने विपक्ष को दिया जबाव
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन ने कहा कि ऐसे गंभीर मुद्दों पर राजनीति करना काफी निराशाजनक है। शशि थरूर, अखिलेश यादव और जयराम रमेश वैक्सीन को अप्रूव करने के लिए अपनाए गए प्रोटोकॉल पर सवाल उठाने की कोशिश न करें।

कोवैक्सिन और कोवीशील्ड को मिला था अप्रूवल
भारत बायोटेक की स्वदेशी कोवैक्सिन और सीरम इंस्टीट्यूट की कोवीशील्ड के इमरजेंसी यूज के लिए ड्रग्स कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया (DCGI) ने रविवार को मंजूरी दी थी। वहीं, जायडस कैडिला हेल्थकेयर की जायकोव-डी को फेज-3 ट्रायल का अप्रूवल मिला है।

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