पंजाब सरकार की तरफ से जारी सरकारी कैलेंडर में श्री गुरु तेग बहादुर का फोटो विवादों में आ गया है। इस पर सोभा सिंह आर्ट गैलरी ने आपत्ति जताई है। चर्चित चित्रकार स्वर्गीय सोभा सिंह की बेटी गुरचरण कौर का कहना है कि इस फोटो पर उनके परिवार का कॉपीराइट है। पंजाब सरकार का बिना इजाजत के फोटो छापना कॉपीराइट एक्ट का उल्लंघन है।
बता दें कि पंजाब सरकार इस साल गुरु तेग बहादुर का 401वां प्रकाश पर्व मना रही है। इसी के मद्देनजर पंजाब सरकार ने 2021 के कैलेंडर पर गुरु तेग बहादुर की फोटो प्रकाशित की है। इस फोटो पर किसी को क्रेडिट भी नहीं दिया गया है। इसके चलते इस चित्र को बनाने वाले कलाकार सोभा सिंह की बेटी गुरचरण कौर ने आपत्ति जताई है। उनका कहना है कि रजिस्ट्रेशन नंबर ए 43872/84 के तहत इस फोटो को छापने के सारे अधिकार उनके परिवार के पास हैं। ऐसे में पंजाब सरकार ने सीधे तौर पर कॉपीराइट का उल्लंघन किया है।
हालांकि, इस विवाद के बाद अब पंजाब सरकार मामले को टालने में जुट गई है। बताया जा रहा है कि सरकार की तरफ से गुरचरण कौर को एक पत्र भी लिखा गया है। हालांकि, अभी यह स्पष्ट नहीं हो पाया कि सरकार ने उसमें क्या स्टैंड लिया है। सूचना एवं लोक संपर्क विभाग के सचिव गुरकीरत कृपाल सिंह का कहना है कि जल्द ही इस पर स्थिति स्पष्ट कर दी जाएगी।
कौन थे सोभा सिंह आर्ट गैलरी के संस्थापक
हिमाचल प्रदेश के पालमपुर में अंद्रेटा में स्थित सोभा सिंह आर्ट गैलरी बहुत लोकप्रिय है। दूर-दूर से लोग शोभा सिंह की कला को देखने के लिए आते हैं। सरदार सोभा सिंह का जन्म 29 नवंबर 1901 को पंजाब के गुरदासपुर जिले के श्री हरगोबिंदपुर में एक सिख परिवार में हुआ था। उनके पिता, देव सिंह, भारतीय घुड़सवार सेना में थे। शोभा सिंह ने 1923 में अमृतसर में अपना स्टूडियो खोला। 1947 में अंद्रेटा में बसने से पहले वह लाहौर, दिल्ली और मुंबई चले गए, क्योंकि देश के विभाजन के कारण उन्हें लाहौर छोड़ने के लिए मजबूर होना पड़ा। हिमालय की तलहटी पर कांगड़ा घाटी में एक दूरस्थ और थोड़ा-बहुत जाना जाने वाला अंद्रेटा (पालमपुर के पास), लेकिन शोभा सिंह ने अपने विशाल कार्यों द्वारा इस छोटे से गांव को अंतर्राष्ट्रीय कला मानचित्र पर ला दिया। शोभा सिंह का 21 अगस्त 1986 को चंडीगढ़ में निधन हो गया। उनके बनाए चित्रों में से गुरु तेग बहादुर का भी एक चित्र है, जो इन दिनों विवाद में है।