चंडीगढ़। पंजाब प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष सुनील जाखड़ ने कहा कि दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल किसानों के संघर्ष के साथ होने का ड्रामा कर रहे हैं। जाखड़ ने केजरीवाल को चुनौती दी कि वह भी दिल्ली विधानसभा में पंजाब की तरह कृषि कानून के खिलाफ बिल पेश करे। उन्होंने कहा कि किसान अभी तक 2015 की वह घटना नहीं भूले जब गजेंद्र सिंह नाम के एक बेबस किसान ने आप की रैली में फंदा लगाकर आत्महत्या कर ली थी, पर श्री केजरीवाल ने इस घटना के बाद भी अपना भाषण बंद नहीं किया था।
पंजाब प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष ने केजरीवाल को सलाह दी कि वह ड्रामेबाजी बंद करें, क्योंकि किसानों को उनके द्वारा भेजे भोजन व टॉयलेट नहीं चाहिए, बल्कि उन्हें तो कृषि कानूनों के खिलाफ सख्त कार्रवाई चाहिए। आम आदमी पार्टी को भाजपा की बी टीम बताते हुए जाखड़ ने दिल्ली के मुख्यमंत्री से पूछा कि उनकी सरकार ने अपने राज्य में केंद्र सरकार के कानूनों के प्रभाव को कम करने के लिए कोई कानून अभी तक क्यों नहीं बनाया।
उन्होंने कहा कि यह तो हास्यापद बात है कि अपने राज्य में केंद्र सरकार के कानूनों को लागू करने वाला मुख्यमंत्री ही इन कानूनों से पीड़ित किसानों का हमदर्द होने का ढोंग कर रहा है। उन्होंने कहा कि किसानों को कृषि कानूनों से मुक्ति चाहिए न कि कोई अन्य मदद। जाखड़ ने कहा कि पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने केंद्र के कृषि कानूनों के खिलाफ विधानसभा में कानून बनाकर सभी को एक रास्ता दिखाया है।
उन्होंने पूछा कि केजरीवाल को कौन रोक रहा है जो वे पंजाब द्वारा बनाए कानूनों जैसे कानून दिल्ली में नहीं बना रहे। जाखड़ ने दिल्ली के मुख्यमंत्री द्वारा फैलाए जा रहे उस झूठ के लिए भी उनकी निंदा की जिसमें वे कह रहे हैं कि कैप्टन अमरिंदर सिंह केंंद्र सरकार की कमेटी में शामिल थे, जिसने कृषि सुधारों पर चर्चा की थी।
उन्होंने कहा कि यह सरकारी रिकॉर्ड का भाग है कि कृषि कानून कमेटी की किसी भी बैठक में न तो विचारे गए और न ही कमेटी के सामने पेश किए गए। उन्होंने कहा कि कैप्टन अमरिंदर सिंह की ईमानदारी पर शक का प्रश्न ही नहीं उठता। उन्होंने इन दोषों को भी आधारहीन बताया कि मुख्यमंत्री केंद्रीय गृहमंत्री से ईडी के केस संबंधी मिले थे।