Farmer Protest: किसानों से बोली सरकार- कृषि कानूनों को रद्द करने पर दें विकल्प, पढ़ें 10 अपडेट्स

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नई दिल्ली. तीन कृषि कानूनों (Farm Laws) के खिलाफ पिछले 36 दिनों से अधिक समय से आंदोलन (Kisan Andolan) कर रहे किसानों की सरकार के साथ वार्ता बुधवार को पटरी पर तो लौटी, लेकिन अभी भी पूरा समाधान नहीं हो पाया है. सरकार के साथ बिजली बिल माफ करने और पराली जलाने से संबंधित कानूनी प्रावधानों पर किसानों की चिंताओं को दूर करने पर सहमति बनी, लेकिन नए कानूनों को निरस्त करने और न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) को कानूनी दायरे में लाने की उनकी मुख्य मांग पर कुछ फैसला नहीं हो सका. अब 4 जनवरी को फिर से सरकार और किसान संगठनों के बीच मुख्य मांगों पर चर्चा होगी.

बहरहाल, यह तय हो गया कि इन विवादास्पद कानूनों पर आंदोलनरत किसानों की समस्याओं का समाधान अगले साल ही हो सकेगा. कृषि मंत्री ने किसान संगठनों से अनुरोध किया गया कि कृषि सुधार कानूनों के संबंध में अपनी मांग के अन्‍य विकल्‍प दें, जिस पर सरकार विचार कर सकेगी.

यहां पढ़ें किसानों और सरकार के बीच हुई बैठक की खास बातें
  1. केंद्रीय कृषि मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर ने दावा किया कि जिन चार मुद्दों पर बुधवार को चर्चा हुई उनमें से दो पर सहमति बन गई. तोमर के मुताबिक, सरकार और किसान संगठनों के बीच हुई छठे दौर की वार्ता में बिजली संशोधन विधेयक 2020 और एनसीआर एवं इससे सटे इलाकों में वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग के संबंध में जारी अध्यादेश संबंधी आशंकाओं को दूर करने को लेकर सहमति बन गई.
  2. कृषि मंत्री ने यह भी कहा कि तीन कृषि कानूनों को निरस्त करने की किसान संगठनों की मांग एवं न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) की कानूनी गारंटी देने के मुद्दे पर कोई सहमति नहीं बन सकी. उन्होंने कहा कि इन मुद्दों पर चार जनवरी को फिर चर्चा होगी. तोमर ने उम्मीद जताई कि नया साल नये समाधान लेकर आएगा. उन्होंने फिर से दोहराया कि मोदी सरकार किसानों के मुद्दों पर संवेदनशील है.
  3. एक आधिकारिक बयान के मुताबिक किसान संगठनों के प्रतिनिधियों द्वारा तीनों कानून वापस लेने से संबंधित सुझाव के संबंध में कृषि मंत्री ने कहा, ‘इस पर कमेटी का गठन करके किसान के हितों को ध्‍यान में रखते हुए विकल्‍पों के आधार पर विचार किया सकता है. जिससे संविधानात्‍मक मर्यादा का पालन करने के लिए सरकार अपनी भूमिका का निर्वहन कर सके.’
  4. पंजाब किसान यूनियन के प्रदेश अध्यक्ष रुल्दू सिंह मनसा ने कहा कि सरकार एमएसपी खरीद पर कानूनी समर्थन देने को तैयार नहीं है और इसकी जगह उसने एमएसपी के उचित क्रियान्वयन पर समिति गठित करने की पेशकश की है.
  5. रुल्दू सिंह मनसा ने कहा कि सरकार ने विद्युत संशोधन विधेयक को वापस लेने और पराली जलाने पर किसानों के खिलाफ दंडात्मक कार्रवाई के प्रावधान को हटाने के लिए अध्यादेश में संशोधन करने की पेशकश की है.
  6. भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत ने भी कहा कि सरकार प्रस्तावित विद्युत संशोधन विधेयक और पराली जलाने से होने वाले वायु प्रदूषण से संबंधित अध्यादेश को क्रियान्वित न करने पर सहमत हुई है.
  7. सरकार की ओर से कहा गया कि कृषि मंत्री ने किसान संगठनों के प्रतिनिधियों को आश्‍वासन दिया कि एमएसपी पर कृषि उपज की खरीद तथा मंडी प्रणाली पूर्व की तरह जारी रहेगी और सरकार एमएसपी को लेकर एक समिति का गठन करने को तैयार है.
  8. सरकार ने कहा है, ‘किसान संगठनों के एमएसपी पर कानून बनाने के प्रस्‍ताव पर कृषि मंत्री ने कहा कि‍ कृषि उपज की एमएसपी तथा उनके बाजार भाव के अंतर के समाधान हेतु समिति का गठन किया जा सकता है.’
  9. सरकार ने कहा है कि इन कानूनों से कृषि क्षेत्र में सुधार होगा और किसानों की आमदनी बढ़ेगी लेकिन प्रदर्शन कर रहे किसान संगठनों को आशंका है कि नए कानूनों से एमएसपी और मंडी की व्यवस्था ‘कमजोर’ होगी तथा किसान बड़े कारोबारी घरानों पर आश्रित हो जाएंगे.
  10. कृषि कानूनों के खिलाफ पिछले एक महीने से भी ज्यादा समय से हजारों किसान राष्ट्रीय राजधानी की अलग-अलग सीमाओं पर प्रदर्शन कर रहे हैं. प्रदर्शन में ज्यादातर किसान पंजाब और हरियाणा के हैं.

 

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