अलवर. अकाली दल के NDA छोड़ने के 3 महीने बाद राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी (RLP) भी किसानों के मुद्दे पर NDA से अलग हो गई। RLP के इकलौते सांसद हनुमान बेनीवाल हैं, जो अपनी पार्टी के संयोजक भी हैं। उन्होंने शनिवार को अलवर के शाहजहांपुर-खेड़ा बॉर्डर पर NDA से अलग होने का ऐलान किया। इससे पहले नागौर से सांसद बेनीवाल ने 19 दिसंबर को संसद की तीन समितियों से भी इस्तीफा दे दिया था।
हनुमान बेनीवाल लोकसभा चुनाव से पहले अप्रैल 2019 में अपनी पार्टी RLP के साथ NDA से जुड़े थे। गठबंधन के चलते भाजपा ने नागौर लोकसभा सीट पर बेनीवाल के सामने अपना उम्मीदवार नहीं उतारा था। लेकिन, अब बेनीवाल ने कहा है- आज से भाजपा से अलायंस खत्म हो गया। किसानों के लिए जरूरत पड़ी तो सांसद पद से भी इस्तीफा दे दूंगा। यदि कानून लाते वक्त संसद में होता, तो यह कागज फाड़ देता।
राजस्थान की राजनीति में जाट चेहरा
नागौर जिले का खींवसर बेनीवाल का गढ़ है। खजवाना, जनाणा, बू-नरावता और ग्वालू समेत कई गांवों में बेनीवाल का असर है। यहां बड़ी संख्या में जाट समुदाय है, जो किसान हैं। RLP ने हाल ही में हुए पंचायती राज चुनावों में पूरे राजस्थान में अपने उम्मीदवार उतारे थे। अब दूसरे जिलों के किसानों को साधने के बेनीवाल आंदोलन में बढ़ चढ़कर हिस्सा ले रहे हैं। माना जा रहा है कि इसीलिए उन्होंने खुद को अलायंस से अलग कर लिया।
3 महीने में NDA को दूसरा झटका
कृषि कानूनों को लेकर केंद्र के खिलाफ किसान महीनेभर से भी ज्यादा समय से धरने पर बैठे हैं। सरकार की तमाम कोशिशों के बाद भी आंदोलन जारी है। अगर NDA की बात करें, तो गठबंधन को तीन महीने में यह दूसरा बड़ा झटका है। इससे पहले, केंद्रीय मंत्री हरसिमरत कौर ने कैबिनेट से इस्तीफा दे दिया था। इसके बाद, 26 सिंतबर को NDA का दो दशक से ज्यादा पुराना सहयोगी अकाली दल अलग हो गया था। 26 दिसंबर को RLP अलग हो गई। यानी तीन महीनों में NDA को यह दूसरा बड़ा झटका लगा है।
राजस्थान: 2018 के विधानसभा चुनाव में दलों की स्थिति
कुल सीटें: 200
पार्टी | सीटें |
कांग्रेस | 105 |
भाजपा | 71 |
निर्दलीय | 13 |
RLP | 3 |
BTP | 2 |
CPI | 2 |
RLD | 1 |
3 सीटें विधायकों के निधन की वजह से खाली हो गई हैं।