आगे यह हो सकता है कि बाजार में थोड़ी बहुत गिरावट आ जाए, पर एक्सपर्ट्स बताते हैं कि इससे घबराना नहीं चाहिए। बस, अच्छे शेयरों में निवेश करते जाएं। जानते हैं कि आगे बाजार का रुझान किस तरह रहने वाला है…
बाजार में लिक्विडिटी ज्यादा
के.आर.चौकसी सिक्योरिटीज के एमडी देवेन चौकसी कहते हैं कि बाजार का रुझान आगे भी पॉजिटिव रहेगा। जो तेजी है, वह इसलिए क्योंकि बाजार में लगातार पैसे आ रहे हैं। इसमें विदेशी निवेशकों का पैसा ज्यादा है। चुनिंदा शेयरों में निवेश करते रहना चाहिए। बाजार में लिक्विडिटी ज्यादा है। यानी पैसा खूब आ रहा है। ऐसे में आगे इन सेक्टर्स में तेजी देखी जा सकती है-
- फाइनेंस
- फार्मा
- केमिकल्स
- खपत वाले सेक्टर्स
- हाउसिंग फाइनेंस
निवेश कहां करना चाहिए?
- जीवन बीमा
- केमिकल
- रिटेल क्रेडिट वाली कंपनियां
पैसा आने और वैक्सीन की उम्मीद से तेजी है
आनंद राठी सिक्योरिटीज के रिसर्च हेड नरेंद्र सोलंकी कहते हैं कि अर्थव्यवस्था में पैसा आने और वैक्सीन की उम्मीदों से बाजार में तेजी है। आगे इसमें और तेजी बनी रहेगी। क्योंकि पहली तिमाही की तुलना में इस समय अर्थव्यवस्था के सारे इंडीकेटर्स पॉजिटिव हैं या रिकवरी मोड में हैं। 7 जनवरी से तीसरी तिमाही के रिजल्ट आने शुरू होंगे। अगर यह रिजल्ट अच्छा आता है तो हम यहां से सेंसेक्स में बहुत अच्छी तेजी देख सकते हैं। अगर रिजल्ट खराब आता है तो 4-5 पर्सेंट की गिरावट आ सकती है। ऐसी उम्मीद है कि तीसरी तिमाही के रिजल्ट अच्छे आएंगे। अगर यह अच्छा हुआ तो चौथी तिमाही का रिजल्ट और अच्छा होगा।
बाजार में बने रहें
जिन निवेशकों ने निवेश किया है उन्हें अभी पैसा निकालने की जरूरत नहीं है। जो नए निवेशक हैं, उन्हें थोड़ा-थोड़ा निवेश करते रहना चाहिए। एक ही बार में निवेश न करें। बाजार की तेजी पूरी तरह से लिक्विडिटी पर है। नरेंद्र सोलंकी के मुताबिक, इन सेक्टर्स में तेजी नजर आ सकती है-
- आईटी
- फार्मा
- स्पेशियालिटी केमिकल्स
- एफएमसीजी
- कंज्यूमर
विदेशी निवेश के बल पर बाजार में तेजी
सीएनआई रिसर्च के चेयरमैन किशोर ओस्तवाल कहते हैं कि विदेशी निवेशकों के फंड से बाजार में तेजी है। यह तेजी आगे बनी रहेगी। अगर गिरावट आती भी है तो एक सीमित दायरे में आएगी। इससे घबराने की जरूरत नहीं है। नए निवेशक डिस्काउंट वाले शेयरों में निवेश कर सकते हैं। तेजी वाले शेयरों से दूर रहना चाहिए। बाजार की यह तेजी पूरी तरह से पैसे पर चल रही है।
वे कहते हैं कि अमेरिका में 13 लाख करोड़ डॉलर की करेंसी छपी है। इसमें से 60 अरब डॉलर की रकम भारत में आनी चाहिए। अभी तक तो एक तिहाई भी नहीं आया है। यह पैसा जब आएगा तो बाजार और तेजी से चलेगा। यहां से मिड कैप और स्माॅल कैप शेयर चलेंगे।
अब अर्थव्यवस्था को देखते हैं
पहली तिमाही में देश की अर्थव्यवस्था में 23.9 पर्सेंट की गिरावट आई थी। दूसरी तिमाही में इसमें सुधार आया। इसमें 7.5 पर्सेंट की गिरावट आई। तीसरी तिमाही में इसमें पॉजिटिव ग्रोथ की उम्मीद है। इस साल दूसरी तिमाही में भारतीय कंपनियों का कुल मुनाफा 1.50 लाख करोड़ रुपए रहा है। किसी एक तिमाही में 2014 में हुए 1.18 लाख करोड़ रुपए के बाद यह सबसे ज्यादा मुनाफा है।
औद्योगिक सेक्टर में ग्रोथ रही
- अक्टूबर में देश के औद्योगिक सेक्टर में 3.6 पर्सेंट की ग्रोथ रही है।
- बिजली की खपत कोरोना से पहले के स्तर पर है।
- जीएसटी का कलेक्शन 2019 के स्तर पर पहुंच गया है। दो महीने से यह एक लाख करोड़ रुपए से ऊपर रहा है।
- ई-वे बिल कोरोना से पहले के स्तर पर है।
- मार्च में रोजाना 88 हजार गाड़ियों का रजिस्ट्रेशन होता था जो कोरोना आने के बाद बंद हो गया था। नवंबर में यह बढ़कर 80 हजार पर पहुंच गया है।
- नवंबर में हवाई यात्रियों की संख्या में 20.7 पर्सेंट की बढ़त हुई है। 64 लाख यात्रियों ने नवंबर में यात्रा की है। नवंबर 2019 की तुलना में यह आधा है। उस समय 1.30 करोड़ यात्रियों ने यात्रा की थी।