मोहाली। केंद्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने पंजाब में आतंकी गतिविधियों के मामले गुरपतवंत सिंह पन्नू सहित 10 खालिस्तानी आतंकियों के खिलाफ आरोप पत्र दाखिल कर दिया है। एनआइए ने सिख फॉर जस्टिस केस में खालिस्तानी आतंकवादियों के खिलाफ मोहाली की विशेष अदालत में यह चार्जशीट की दायर की।
एनआइए ने खालिस्तानी आतंकी गुरपतवंत सिंह पन्नू सहित 10 आरोपितों के खिलाफ भादसं की धारा 120बी, 124ए व यूए (पी) एक्ट 1967 की धारा 13, 16, 17, 18 व 20 के दर्ज मामले में चार्जशीट दाखिल की है। यह मामला वर्ष 2017-18 के दौरान पंजाब में अशांति फैलाने की साजिश सहित हिंसा की घटनाओं के साथ जुड़ा हुआ है। एसएफजे व रेफरेंडम -2020 का आनलाइन माध्यम से प्रचार कर राज्य के युवाओं को गुमराह कर भड़काया गया। ये हिंसक घटनाएं विदेश में बैठे एसएफजे के हैंडलरों के निर्देशों पर करवाई गई थी।
एनआइए ने जिन दस आरोपितों के खिलाफ चार्जशीट दायर की है उनमें गुरपतवंत सिंह पन्नू (निवासी न्यूयॉर्क, यूएसए), परगट सिंह, सुखराज सिंह उर्फ राजू, बिक्रमजीत सिंह उर्फ विक्की, मंजीत सिंह उर्फ मंगा, जतिंदर सिंह उर्फ गोल्डी, गुरविंदर सिंह उर्फ गुरप्रीत सिंह उर्फ गोपी, हरप्रीत सिंह उर्फ हैप्पी, कुलदीप सिंह उर्फ कीपांड व हरमीत सिंह उर्फ राजू के शामिल हैं।
यह केस शुरू में पंजाब पुलिस द्वारा सुल्तानविंड पुलिस स्टेशन अमृतसर (सिटी) में 19 अक्टूबर 2018 को एफआइआर नंबर –152 के तहत दर्ज की थी। बाद में यह केस एनआइए ने 5 अप्रैल 2020 को एफआइआर (नंबर आरसी-19/2020 /एनआईए / डीएलआइ) दर्ज की थी।
जांच में यह बात सामने आई थी कि एसएफजे आतंकी संगठन है। इस संगठन के लोगों ने भारत में देशद्रोह फैलाने व शांति को भंग करने के लिए अनेक सोशल मीडिया अकाउंट का इस्तेमाल किया। इनमें फेसबुक, ट्वीटर, व्हाट्सएप, यू-टयूब चैनलों के अलावा कई वेबसाइटें शामिल थीं। सोशल मीडिया के माध्यम से पंजाब के युवाओं को क्षेत्र व धर्म के नाम पर भड़का कर आतंकी राह पर चलने के लिए उकसाया गया।
जांच में यह बात भी स्पष्ट हुई थी कि एसएफजे के गुरपतवंत सिंह पन्नू ने कई युवाओं को कट्टरपंथी बनाया और उन्हें एसएफजे में भर्ती किया। उसने गैर कानूनी एसोसिएशन तैयार की थी। आरोपित व्यक्तियों ने साजिश को आगे बढ़ाने के लिए अलग-अलग एमटीएसएस प्लेटफार्मों के जरिए विदेश में स्थित उनके हैंडलरों को फंड भी मुहैया करवाया।