अधिकृत डीलरों को देने होगी प्रोसेसिंग फीस
कैबिनेट ने हरियाणा की तर्ज पर पंजाब मोटर वाहन नियम 1989 की धारा 130 के साथ धारा 130 ए जोड़ने की मंजूरी दी है. इसके साथ अब मोटर वाहन बनाने वाली कंपनियां या उनके द्वारा अधिकृत डीलरों से पंजाब में मोटर वाहनों के नए मॉडलों या इनके अलग अलग रूपों या LPG CNG किटों या इलेक्ट्रिक वाहनों के रजिस्ट्रेशन के लिए मंजूरी देने के लिए प्रोसेसिंग फीस के तौर पर 5 हजार रुपये फीस ली जाएगी. इस फैसले से जहां राजस्व बढ़ेगा वहीं, यह भी पता रहेगा कि किस कंपनी ने कितने सीएनजी या एलपीजी और इलेक्ट्रिक वाहनों का निर्माण किया है.
इस मंजूरी के लिए वाहन निर्माताओं या उनके द्वारा अधिकृत डीलरों को केंद्रीय मोटर वाहन नियम, 1989 की धारा 126 के अधीन रजिस्टर्ड अधिकृत टेस्टिंग एजेंसियों द्वारा जारी मंजूरी सर्टिफिकेट पेश करना होगा. मोटर वाहनों के नए मॉडलों या इनके अन्य रूपों की रजिस्ट्रेशन की मंजूरी का अधिकार ट्रांसपोर्ट विभाग के गैर कॉमर्शियल विंग को दिया गया है. कैबिनेट ने मोटर वाहनों के नए माडलों या इनके अन्य रूपों के रजिस्ट्रेशन की मंजूरी का अधिकार ट्रांसपोर्ट विभाग के गैर कमर्शियल विंग को देने का फैसला किया है.
बता दें, मौजूदा समय में पंजाब सरकार की तरफ से राज्य में रजिस्ट्रेशन की मंजूरी के लिए मोटर वाहन निर्माताओं या उनके द्वारा अधिकृत डीलरों से कोई प्रोसेसिंग फीस नहीं ली जाती है, जबकि हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, जम्मू कश्मीर और केंद्र शासित प्रदेश चंडीगढ़ में कंपनियों और उनके डीलरों को यह फीस देनी पड़ती है.