बठिंडा. बठिंडा में किसान यूनियनों की ओर से किए गए प्रदर्शन में शामिल हुआ सेना का एक जवान विवादों को जन्म दे गया है। वह सेना की वर्दी में धरने में शामिल हुआ, जहां पर मंच से एक स्लोगन भी अपने हाथ में पकड़ कर नारे लगाए। वहीं, शहर में निकाले गए रोष मार्च में भी शामिल हुआ। इस मामले में उठते विवाद के बाद आर्मी हैडक्वार्टर ने मामले की जांच के आदेश दिए है। इसमें शामिल व्यक्ति की पहचान कर इस बात का पता लगाने के लिए कहा गया है कि क्या वह सच में सेना का जवान है,अगर जवान होने की पुष्टी होती है तो उसके खिलाफ कोर्ट आफ इंक्वायरी कर अनुशासनात्मक कारर्वाई की जाए।
धरने में शामिल हुए फौजी ने हाथ में स्लोगन पकड़ा। जिसमें लिखा था, “मैं एक किसान का बेटा हूं, अगर उसके पिता आतंकवादी हैंं तो वह भी आतंकवादी है।” इस रोष मार्च में सबसे आगे चल रहा सेना का जवान धरने में मंच पर खड़े होकर हर किसी को अपनी तरफ आकर्षित कर रहा था। हालांकि वह यह संदेश देना चाहता था कि किसान खेती कानून से खुश नहीं है, मगर सेना की वर्दी में धरने में शामिल होना, उसके लिए कई प्रकार के सवाल खड़े कर गया है।
यह तस्वीर डरावनी है !@rwac48 @sandythapar pic.twitter.com/ujBrcfaQck
— SHAHEED (@SHAHEED15081947) December 14, 2020
फौजी बठिंडा जिले के गांव घुद्दा का रहने वाला है, जिसकी तैनाती अभी लद्दाख में है। वह फिलहाल छुट्टियों पर आया हुआ था, जो धरने में शामिल हो गया। दूसरी तरफ जिला सैनिक भलाई अफसर दलजीत सिंह ने बताया कि कोई भी सेना का जवान ऐसे धरनों में शामिल नहीं हो सकता। फिलहाल पंजाब में चल रहे किसानों के आंदोलन में सेना की वर्दी में एक शख्स की फोटो वायरल होने के कुछ दिनों बाद जांच एजेंसियों ने पता लगाना शुरू कर दिया है कि तस्वीर में मौजूद शख्स एक सेवारत सैनिक है या दूसरा कोई शख्स। सेवानिवृत लेफ्टिनेंट जनरल एचएस पनाग उत्तरी और मध्य कमांड के पूर्व जीओसी-इन-सी ने ट्विटर पर लिखा कि इस मामले की जांच की जानी चाहिए। उन्होंने कहा कि सेना के पास स्पष्ट नियम हैं कि सेवारत कर्मी इस तरह के आयोजनों में हिस्सा ना लें। उन्होंने अगले ट्वीट में कहा, “जांच करें और अनुशासनात्मक कार्रवाई करें। सेना के स्पष्ट नियम और कानून हैं, जिनसे कोई समझौता नहीं हो सकता।” इसके बाद पश्चमी कमांड के बाद लद्दाख मंडल के अधिकारियों ने इस बाबत जांच के आदेश जारी कर दिए है।
सेना की वर्दी में शख्स की तस्वीर सोशल मीडिया पर खूब धूम मचा रही है। तस्वीर में दिख रहा शख्स सिख है, जोकि एक पोस्टर पकड़े हुए देखा जा सकता है, जिसपर लिखा है कि मेरे पिता एक किसान हैं। अगर वह आतंकवादी है तो मैं भी आतंकवादी हूं। उसने बठिंडा में उपायुक्त कार्यालय के बाहर विरोध प्रदर्शन में भाग लिया। वह व्यक्ति सेना की वर्दी पहने हुए दिखाई देता है, साथ ही वर्दी पर एक नाम का टैग भी लगा हुआ है।
रिपोर्ट में कहा गया है कि एक अन्य वीडियो भी सोशल मीडिया पर प्रसारित किया जा रहा है जिसमें एके-47 प्रकार की राइफलों के साथ दो सेना के जवानों ने किसानों के विरोध पर बॉलीवुड अभिनेता कंगना रनौत की टिप्पणियों पर प्रतिक्रिया दी है। अभिनेता की टिप्पणी से बहुत विवाद हुआ था। सशस्त्र बलों की नियमपुस्तिका सेवारत सैनिकों को विरोध प्रदर्शन में भाग लेने से रोकती है। यह ध्यान दिया जा सकता है कि पंजाब के कई पूर्व सैनिक किसानों के विरोध प्रदर्शन में भाग लेते रहे हैं। नरेंद्र मोदी सरकार द्वारा लाए गए नए कृषि कानूनों को निरस्त करने की मांग को लेकर किसान दिल्ली की सीमाओं पर तीन सप्ताह से विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं।