कोरोना वैक्सीन पर खुशखबरी:10 दिन में कोवीशील्ड का ट्रायल डेटा रेगुलेटर के पास होगा; अगले महीने से भारत में भी वैक्सीन लगने लगेगी

सब्जेक्ट एक्सपर्ट कमेटी ने SII से कोवीशील्ड के ट्रायल्स से जुड़ा और डेटा मांगा था

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सीरम इंस्टिट्यूट ऑफ इंडिया (SII) दिसंबर के अंत तक अपनी वैक्सीन कोवीशील्ड के अंतिम फेज के क्लिनिकल ट्रायल्स के डेटा को रेगुलेटर को सौंप देगी। अगर डेटा संतोषजनक रहता है तो कोवीशील्ड को जनवरी के पहले हफ्ते में इमरजेंसी अप्रूवल मिल सकता है। यानी जनवरी से वैक्सीनेशन ड्राइव शुरू हो सकती है। इस वैक्सीन को ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी और ब्रिटिश फर्म एस्ट्राजेनेका ने मिलकर डेवलप किया है।

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, SII अगले दस दिन में अंतिम डेटा रेगुलेटर को सौंप देगा। दरअसल, पिछले हफ्ते ही ड्रग रेगुलेटर सेंट्रल ड्रग्स स्टैंडर्ड कंट्रोल ऑर्गेनाइजेशन (CDSCO) की सब्जेक्ट एक्सपर्ट कमेटी (SEC) की मीटिंग हुई। इसमें कोवीशील्ड के साथ ही भारत बायोटेक की कोवैक्सिन और फाइजर की वैक्सीन के डेटा पर चर्चा हुई। इन तीनों वैक्सीन के लिए इमरजेंसी अप्रूवल मांगा गया है। कमेटी ने तीनों ही वैक्सीन कैंडिडेट्स के इमरजेंसी अप्रूवल के आवेदन पर कुछ सवाल उठाए और कंपनियों से जवाब मांगे थे।

कमेटी ने SII से कहा था कि भारत में चल रहे फेज-2/3 क्लिनिकल ट्रायल्स का सेफ्टी डेटा अपडेट किया जाए। साथ ही, UK और भारत में हुए क्लिनिकल ट्रायल्स का इम्युनोजेनेसिटी डेटा पेश किया जाए। इसके अलावा ब्रिटेन में ड्रग रेगुलेटर के इमरजेंसी अप्रूवल पर फैसले के बारे में भी पूछताछ की गई थी। फाइजर ने कमेटी से कुछ समय मांगा था। वहीं, भारत बायोटेक के कोवैक्सिन के फेज-3 ट्रायल्स के डेटा के लिए अभी इंतजार करना पड़ सकता है।

 

भारत में इमरजेंसी अप्रूवल को लेकर क्या नियम है?

  • भारत की टॉप वैक्सीन साइंटिस्ट और वेल्लोर के क्रिश्चियन मेडिकल कॉलेज में प्रोफेसर डॉ. गगनदीप कांग के मुताबिक, पिछले साल ही भारत के नए क्लिनिकल ट्रायल्स के नियम बने हैं। इसमें रेगुलेटर को आपात परिस्थितियों में बिना ट्रायल के भी दवा या वैक्सीन को इमरजेंसी यूज के लिए मंजूरी देने का अधिकार दिया है।
  • डॉ. कांग के मुताबिक, इमरजेंसी यूज की परमिशन देने के बाद भी मॉनिटरिंग क्लिनिकल ट्रायल्स जैसी ही होती है। हर पेशेंट के डिटेल्स जरूरी होते हैं। उन पर नजर रखी जाती है। जिस कंपनी को अपने प्रोडक्ट के लिए कहीं और लाइसेंस मिला है, उसे प्री-क्लिनिकल और क्लिनिकल ट्रायल्स का पूरा डेटा रेगुलेटर को सबमिट करना होता है।
  • जब कंपनी इमरजेंसी रिस्ट्रिक्टेड यूज की परमिशन मांगती है, तो रेगुलेटर के स्तर पर दो स्टेज में वह प्रोसेस होती है। सब्जेक्ट एक्सपर्ट कमेटी उस एप्लिकेशन पर विचार करती है। उसके अप्रूवल के बाद मामला अपेक्स कमेटी के पास जाता है। इस कमेटी में स्वास्थ्य मंत्रालय से जुड़े विभागों के सचिव भी होते हैं।

  • वैज्ञानिकों को यह चिंता थी कि यदि कोरोनावायरस में म्युटेशन हुआ और इसका स्वरूप बदला तो क्या दुनियाभर में बन रही वैक्सीन असरदार रह सकेगी? इसका जवाब विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने दिया है। वैश्विक संगठन के हेल्थ इमरजेंसी प्रोग्राम इमरजेंसी डायरेक्टर माइक रायन का कहना है कि वायरस में हुए बदलाव से इसके खिलाफ बन रहे वैक्सीन के असर पड़ने का कोई डेटा अब तक सामने नहीं आया है।
  • UK के स्वास्थ्य मंत्री मैट हेनकॉक ने कहा था कि इंग्लैंड के दक्षिणी हिस्से में कोरोनावायरस के इस नए वैरिएंट का पता चला है। इससे इन्फेक्ट हुए 1,000 केस सामने आए हैं। WHO की वर्चुअल प्रेस ब्रीफिंग के दौरान रायन ने कहा, ‘क्या यह वायरस ज्यादा खतरनाक है? क्या यह वायरस को आसानी से ट्रांसमिट होने में मदद करता है? क्या यह डायग्नोस्टिक्स को प्रभावित करता है? क्या यह वैक्सीन की इफेक्टिवनेस को प्रभावित करेगा? इन सभी प्रश्नों का जवाब अब तक नहीं मिला है। हमारे पास ऐसी कोई सूचना नहीं है जिसके आधार पर यह कहा जा सके कि वैक्सीन का असर कम होने वाला है।’ दरअसल, UK में पिछले हफ्ते ही फाइजर और बायोएनटेक की वैक्सीन को आम लोगों को लगाने की प्रक्रिया शुरू की जा चुकी है।

बहरीन ने सिनोफार्म की वैक्सीन को मंजूरी दी

  • बहरीन के हेल्थ रेगुलेटर ने चाइना नेशनल फार्मास्युटिकल ग्रुप या सिनोफार्म की बनाई कोरोना वैक्सीन को औपचारिक मंजूरी दे दी है। नेशनल हेल्थ रेगुलेटरी अथॉरिटी ने वैक्सीन के क्लिनिकल ट्रायल डेटा के रिव्यू और इवैल्युएशन के बाद यह फैसला किया है। शिन्हुआ की रिपोर्ट के मुताबिक, 42,299 वॉलंटियर्स पर फेज-3 के ट्रायल्स हुए हैं। इसमें वैक्सीन ने 86% इफेक्टिवनेस दिखाई है। न्यूट्रलाइजिंग एंटीबॉडी के 99% सीरोकन्वर्शन रेट और कोरोना के मॉडरेट व गंभीर केस से बचाने में 100% इफेक्टिवनेस दिखाई है।
  • इस वैक्सीन के फेज-3 क्लिनिकल ट्रायल्स अगस्त में बहरीन में भी हुए थे। सिनोफार्म की वैक्सीन को इमरजेंसी अप्रूवल तो बहरीन ने नवंबर में ही दे दिया था। साथ ही कोविड-19 मरीजों के संपर्क में आने वाले फ्रंटलाइन प्रोफेशनल्स को वैक्सीनेट करने की प्रक्रिया भी शुरू कर दी थी।

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