रूस में सरकार ने कोरोना वैक्सीन लगाने से पहले और उसके दो महीने बाद तक शराब न पीने की सलाह दी है। रूस की डिप्टी प्राइम मिनिस्टर तातियाना गोलीकोवा ने दावा किया है कि स्पुतनिक V कोरोना वैक्सीन का असर 42 दिन में होता है। तब तक शराब से दूर रहने की जरूरत है। रूस में सरकार ने स्पुतनिक को लेकर यह चेतावनी जारी की है, पर यह बात सभी वैक्सीन पर लागू होती है।
Dr Gintsburg, the developer of #SputnikV, comments on fake news re. 42 days of alcohol abstinence: We’re not talking about a complete ban on alcohol, moderate consumption is allowed. We advise refraining from alcohol for 3 days after each injection, which applies to all vaccines. pic.twitter.com/qcFFzELqMw
— Sputnik V (@sputnikvaccine) December 9, 2020
क्या कहती है रूस की एडवायजरी?
- कंज्यूमर राइट्स प्रोटेक्शन और ह्यूमन वेल बीइंग पर सर्विलांस के लिए रूसी फेडरल सर्विस की प्रमुख एना पोपोवा के बयान से विवाद खड़ा हो गया है। उन्होंने रूस के ही एक रेडियो को दिए इंटरव्यू में कहा था कि वैक्सीन के पहले डोज से दो हफ्ते पहले और दूसरे शॉट के तीन हफ्ते बाद तक शराब नहीं पीना है। दोनों डोज के बीच तीन हफ्ते का अंतर रखा जा रहा है। इसे मिलाएं तो कुल मिलाकर 8 हफ्ते यानी दो महीने बिना शराब के रहना होगा।
क्यों और कितनी शराब है खराब?
- रूस के प्रमुख साइंटिस्ट एलेक्जेंडर गिंट्सबर्ग मॉस्को में गामालेया नेशनल सेंटर ऑफ एपिडेमियोलॉजी और माइक्रोबायोलॉजी विभाग के प्रमुख हैं। इसी संस्थान ने स्पुतनिक V वैक्सीन बनाई है। उनका कहना है कि कोरोना वैक्सीन लगवाने के बाद शराब पीने से इम्यून रिस्पॉन्स कमजोर हो सकता है और इससे वैक्सीन का असर खत्म हो सकता है। हमारी सलाह है कि हर डोज के बाद कम से कम तीन दिन शराब का सेवन न करें।
- शराब वैक्सीन के लिए कितनी खराब है, यह जानने के लिए 2012 में स्वीडन में रिसर्च हुई थी। इसमें शराब पीने वालों को बैक्टीरियल निमोनिया की वैक्सीन लगाई गई तो उनमें इम्यून रिस्पॉन्स ही नहीं दिखा। रिसर्चर्स ने एवरेज 30 मिली शराब के इनटेक को इसकी वजह बताया। वहीं, गिंट्सबर्ग का दावा है कि 300 मिली वोडका शरीर में एंटीबॉडी बनने की प्रक्रिया को कमजोर करती है। पर अगर आपने एक ग्लास शैम्पेन ली तो वह आपके लिए खराब नहीं होगी।
- गिंट्सबर्ग का कहना है कि हम वैक्सीनेशन के दौरान शराबबंदी की बात नहीं कर रहे हैं। हमारा तो इतना ही कहना है कि जब तक शरीर में कोरोनावायरस के खिलाफ इम्यून रिस्पॉन्स विकसित नहीं होता, तब तक शराब का सेवन सीमित किया जाए।
- स्पुतनिक V प्रोग्राम को फंडिंग दे रहे रशियन डायरेक्ट इन्वेस्टमेंट फंड के CEO किरिल दिमित्रेव ने कहा, ‘यह सही है कि बहुत अधिक शराब पीने से इम्युनिटी कमजोर होती है और इस वजह से वैक्सीनेशन का असर बिल्कुल ही कम हो जाता है। यह बात सिर्फ स्पुतनिक पर लागू नहीं होती, बल्कि सभी वैक्सीन पर लागू होती है।’
#covidvaccine #covid19 #russianvaccine #SputnikV #coronavirus #COVID19Vaccine https://t.co/QAmbjoP4Qw
— Sputnik V (@sputnikvaccine) December 11, 2020
ट्रायल्स में क्या कोई डेटा सामने आया?
- स्पुतनिक V वैक्सीन के ट्रायल्स में पता चला कि 10% लोगों में इम्युनिटी बढ़ी ही नहीं। अन्य वैक्सीन के मामले में भी इस तरह की ही संख्या सामने आई है। इसके कारण अब तक सामने नहीं आए हैं। इसका कारण शराब भी हो सकता है और इसकी जांच जरूरी है।
- अब तक शराब के सेवन और इम्यून सिस्टम के संबंधों पर जितनी भी स्टडी हुई है, वह बताती हैं कि बहुत ज्यादा शराब पीने वालों को इंफेक्शन होने का खतरा ज्यादा रहता है। उनकी इम्युनिटी भी कमजोर होती है। यूके में यूनिवर्सिटी ऑफ एडिनबरा के इम्युनोलॉजिस्ट एलिएनॉर राइली ने कहा कि बहुत ज्यादा शराब पीने वालों को कई समस्याएं होती हैं और कमजोर इम्यून फंक्शन उनमें से एक है।
- ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी के पॉल क्लेनरमैन का कहना है कि यदि लंबे समय से आप बहुत अधिक शराब पी रहे हैं तो निश्चित तौर पर इम्युनिटी पर असर पड़ेगा। यह स्पष्ट नहीं है कि क्या कम मात्रा में शराब लेने से भी इम्युनिटी पर असर पड़ेगा? ऐसे में सावधानी रखना जरूरी है। अलग-अलग देशों में अलग-अलग गाइडलाइन जारी हो सकती है।
- हालांकि, यदि हम भारत की बात करें तो किसी भी वैक्सीन के ट्रायल्स में शराब पीने या न पीने की हिदायत वॉलंटियर्स को नहीं दी गई है। इस समय भारत में ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी और एस्ट्राजेनेका की वैक्सीन के फेज-3 ट्रायल्स सीरम इंस्टिट्यूट ऑफ इंडिया (SII) कर रहा है। इसी तरह भारत बायोटेक, डॉ. रेड्डीज लैबोरेटरी, जेनोवा फार्मा, जायडस कैडिला, बायोलॉजिकल E जैसी कंपनियां भी अपने-अपने वैक्सीन के ट्रायल्स कर रही हैं।
भारत में एक्सपर्ट क्या कह रहे हैं?
- भारत में विशेषज्ञों का कहना है कि शराब का सेवन करना हानिकारक है और इससे गंभीर रोग हो सकते हैं, इसमें कोई नई बात नहीं है। जो निर्देश रूस ने जारी किए हैं, वह सामान्य प्रकृति के हैं। उनका ध्यान तो सामान्य रूप से रखना ही चाहिए। गुरुग्राम के फोर्टिस हॉस्पिटल के न्यूरोलॉजी विभाग के डायरेक्टर और प्रमुख डॉ. प्रवीण गुप्ता ने एक न्यूज एजेंसी से कहा कि वैक्सीन का असर दो महीने बाद ही समझ आएगा। इस वजह से ऐहतियात रखना अच्छा होगा।
- वहीं, श्री बालाजी एक्शन मेडिकल इंस्टिट्यूट नई दिल्ली में माइक्रोबायोलॉजी विषय की सीनियर कंसल्टेंट डॉ. ज्योति मट्टा का कहना है कि रूस में जो बयान दिए गए हैं, वह वैक्सीनेशन के बाद शरीर में मजबूत इम्यून रिस्पॉन्स बढ़ाने के लिए हैं। अब तक हमें स्पुतनिक वैक्सीन के साइड-इफेक्ट्स की जानकारी नहीं है। हमें विस्तार से यह भी देखना होगा कि शराब पीने से वैक्सीन का असर किस हद तक खत्म होता है?