चंडीगढ़। केंद्रीय कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलनरत किसानों के समर्थन में अब पंजाब पुलिस भी आ गई है। इसकी पहल पंजाब जेल विभाग के DIG लखमिंदर सिंह जाखड़ ने की है, जिन्होंने रविवार को अपने पद से इस्तीफा दे दिया। उन्होंने पंजाब सरकार को अपना इस्तीफा भेजा है।
लखमिंदर सिंह जाखड़ भ्रष्टाचार के मामले में सस्पेंड चल रहे थे। हालांकि अब वह बहाल हो चुके थे। उनके इस्तीफे की पुष्टि एडीजीपी जेल पीके सिन्हा ने की है। जाखड़ को 31 अगस्त 2022 को सेवानिवृत्त होना था।
प्रिंसिपल सेक्रेटरी होम को भेजे गए इस्तीफे में जाखड़ ने लिखा है कि वह कृषि सुधार बिलों के विरोध में अपना इस्तीफा दे रहे है। वहीं, विभाग अब इस बात की पड़ताल करने में जुट गया है कि चूंकि उन पर भ्रष्टाचार मामले में जांच चल रही है, ऐसे में क्या वह प्री रिटायरमेंट ले सकते है या नहीं। वहीं, एडीजीपी जेल पीके सिन्हा ने जाखड़ द्वारा इस्तीफा देने की पुष्टि की है।
आरोप है कि जब पंजाब में कोरोना पीक पर था तब जाखड़ ने सब जेल पट्टी के सुपरिंटेंडेंट से घूस ली थी। जिसके बाद विभाग ने इसकी जांच आइजी रूप कुमार से भी करवाई थी। जांच में भी इस बात की पुष्टि हुई। इस दौरान जाखड़ को 8 मई को सस्पेंड कर दिया गया था। डीआइजी जेल को 7 अक्टूबर को बगैर डिपार्टमेंट जांच की रिपोर्ट आए हुए बहाल कर दिया गया था।
वहीं, जाखड़ के खिलाफ हाईकोर्ट में गलत तथ्यों वाला हलफिया बयान देने के मामले में भी एक विभागीय जांच चल रही है। विभाग के उच्चस्तरीय सूत्र बताते हैंं कि भ्रष्टाचार मामले में संलिप्त रहे लखविंदर सिंह जाखड़ के खिलाफ विभागीय कार्रवाई होनी तय थी। माना जा रहा है कि विभागीय कार्रवाई से पहले ही जाखड़ ने किसानों के हित में प्रि-रिटायरमेंट की अर्जी डाल दी है।
सूत्रों के मुताबिक अगर किसी के ऊपर भ्रष्टाचार की जांच चल रही हो तो वह प्री रिटायरमेंट नहीं ले सकता है। हालांकि पीके सिन्हा का इस संबंध में कहना है, यह प्रशासनिक स्तर का फैसला है। इसमें यह देखा जाएगा कि रूल क्या कहते हैंं। चूंकि जाखड़ ने 12 दिसंबर को ही इस्तीफा दिया है। अतः अभी वह कुछ नहीं कर सकते है।
वहीं, कुछ लोगों का यह भी कहना है कि वर्तमान हालात में जाखड़ खुद को किसानों के हित में शहीद करना चाहते हैंं, क्योंकि उनके खिलाफ भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप हैंं और आइजी की जांच में भी यह बाते सामने आई है। ऐसे में विभागीय कार्रवाई से बचने के लिए डीआइजी जेल ने इस्तीफा दिया है। जाखड़ के इस्तीफे पर सोमवार को पड़ताल होगी कि उनका इस्तीफा स्वीकार किया जा सकता है या नहीं। बता दें कि जाखड़ ने 1994 में बतौर डिप्टी सुपरिंटेंडेंट ज्वाइन किया था।
ADGP (जेल) पीके सिन्हा ने इस्तीफे की कॉपी मिलने की पुष्टि की है। वहीं लखमिंदर सिंह ने इस्तीफा देने की वजह किसान आंदोलन बताया है। उन्होंने लिखा कि प्रदेश के किसान परेशान हैं। अपने हक की लड़ाई लड़ रहे हैं। ठंड के सीजन में खुले आसमान के नीचे सड़कों पर बैठे हैं।
उन्होंने लिखा कि वे खुद एक किसान के बेटे हैं, इसलिए वह भी इस आंदोलन का हिस्सा बनना चाहते हैं। इसलिए उन्होंने तुरंत प्रभाव से पदमुक्त किए जाने की अपील की है, ताकि वे दिल्ली जाकर अपने किसान भाइयों के साथ मिलकर अपने हक के लिए संघर्ष कर सकें।
पूर्व मुख्यमंत्री ने किया था अवार्ड वापस
बता दें कि इससे पहले पंजाब के कई दिग्गज किसानों का समर्थन करते हुए अपने अवार्ड वापस कर चुके हैं। इसकी पहल पूर्व मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल ने पद्म विभूषण लौटा कर की थी। इसके बाद राज्यसभा सांसद सुखदेव सिंह ढींढसा ने पद्मभूषण पुरस्कार लौटाने की घोषणा की।
पंजाबी में साहित्य अकादमी पुरस्कार के विजेता पंजाब के प्रसिद्ध शायर डॉ. मोहनजीत, प्रख्यात विचारक डॉ. जसविंदर सिंह और पंजाबी नाटककार व एक अखबार के संपादक भी किसानों के समर्थन में अपने पुरस्कार लौटाने की घोषणा कर चुके हैं।