Bathinda-नगर निगम चुनावों की तैयारी- राजनीतिक दलों का मुकाबला करने के लिए समाज सेवियों ने चुनावी दंगल में लगाई छलांग

-लाकडाउन में लोगों की सेवा की पर प्रशासन ने राजनीतिक संरक्षण में उन्हें रोका अब चुनाव में सबक सिखाने की तैयारी

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बठिंडा. नगर निगम चुनावों में जहां पानी, सीवरेज, बरसाती पानी, सड़कें, अवैध कब्जे व बिना सेवा के भारी भरकम बिल प्रमुख मुद्दा रहेंगे वही मैदान में उतरे प्रत्याक्षी की इमेंज भी काफी माहने रखेगी। कांग्रेस, अकाली, भाजपा व आप जैसे बड़े दल अपनी ताकत चुनाव जीतने में लगा रहे हैं वही महानगर की धार्मिक, सामाजिक व अन्य संगठनों ने अपना नया ग्रुप बनाकर सभी दलों को टक्कर देने की योजना बना रखी है। सभी सामाजिक व धार्मिक संगठनों की ओर से मिलकर बनाए गए बठिडा सोशल ग्रुप ने भी नगर निगम चुनाव लड़ने का ऐलान किया है। इस ग्रुप में अधिकतर संस्थाएं वह है जो लाकडाउन में समाज सेवा के कार्यों में बढ़चढ़कर हिस्सा लेती रही व इनका किसी न किसी बात को लेकर सत्ताधारी दलों के साथ प्रशासन के साथ टकराव रहा। अब इन संस्थाओं ने लोगों के बीच जाकर पिछले एक साल में की गई सेवाओं के बारे में जानकारी देने का काम शुरू किया है वही लंबे समय से लोगों के हितों के लिए निस्वार्थ भाव से लड़ाई लड़ने के बारे में भी जानकारी देना शुरू कर दी है। यह संगठन दो माह पहले ही अपनी मंशा एक प्रेसवार्ता के दौरान भी स्पष्ट कर चुका है।
क्यों नाराज है शहर के समाज सेवी जो चाहते हैं निगम में प्रतिनिधित्व
डॉ. तरसेम गर्ग, गुरविदर शर्मा तथा गुरप्रीत सिंह व सोशल ग्रुप के सदस्यों ने कहा कि बठिडा में अधिकतर समस्याएं पिछले लंबे समय से बनी हुई हैं। जिसमें पीने वाले साफ पानी का प्रबंध न होना, शहर की बदहाल सीवरेज व्यवस्था, बरसाती पानी के निकासी की समस्या, बेसहारा पशुओं की समस्या, आवारा कुत्तों की समस्या, हर रोज हो रही चोरी की वारदातें, औरतों, बच्चों व आम लोगों की सुरक्षा, बाहरी इलाकों में सेहत सहूलियतों की समस्या, शहर की मुख्य सड़कों की खस्ता हालत, बस्तियों की गलियों की बुरी हालत, शहर में स्वच्छ वातावरण व हरियाली की समस्या आदि यह वह समस्याएं हैं जोकि पिछले लंबे समय से बनी हुई हैं।
सत्ता में आकर भूल जाते हैं चुनावों में किए वायदे
पहले नगर कौंसिल और फिर नगर निगम चुनाव में कभी कोई पार्टी तो कभी कोई पार्टी की सत्ता आती रही है, लेकिन बुनियादी समस्याएं कोई भी पार्टी हल नहीं कर पाई है। शहर के लोगों को इन समस्याओं से निजात दिलाने के लिए ही जागरूक लोगों की ओर से इस संगठन का गठन किया है तो लोगों को इन समस्याओं से निजात दिलाएगी। राजनीतिक लोग कभी आजाद नहीं होते। उन पर पार्टियों का प्रेशर होता है। उन्हें लोगों की कोई चिता नहीं होती। समाजसेवी लोग ही जनता के प्रति चितित होते हैं। समस्याओं का हल राजनीतिक लोगों के बस की बात नहीं रही है। इसलिए निगम चुनाव में सभी वार्डों में समाजसेवी, इमानदार, पढ़े-लिखे तथा बुद्धिजीवी उम्मीदवारों को उतारा जाएगा और जीत हासिल करके निगम में अपन मेयर बनाएगा। चुनाव में उम्मीदवारों के रिज्यूम लिए जाएंगे और पूरी परख के बाद ही उन्हें टिकट दिया जाएगा। समाजसेवियों ने यह भी आरोप लगाया कि लॉकडाउन के दौरान लंगर की जितनी भी सेवा हुई है वह सब समाजसेवियों की ओर से ही की गई थी। राज्य सरकार या जिला प्रशासन ने कुछ नहीं किया। बल्कि जिला प्रशासन की ओर से समाजसेवियों के काम में अड़चन ही डाली गई। पास जारी करने में भेदभाव किया गया। डॉ. तरसेम गर्ग, गुरविदर शर्मा तथा गुरप्रीत सिंह ने अपने-अपने विचार रखे।
कांग्रेस का चुनावी प्लान जो शहर के विकास को लेकर होगा व्याहार में लागू
कांग्रेस निगम चुनाव से पहले शहर की सभी लंबित योजनाओं को लागू कर अपनी पैठ जमाने में जुटी है। पिछले दिनों पटियाला फाटक पर करोड़ों की लागत से बनने वाले ओवरब्रिजों का नींवपत्थर रख काम शुरू करवाए गए। हर वार्ड में सड़कों का पैच वर्क व नई सड़कों का निर्माण करवाया जा रहा है। इसमें 50 करोड़ से अधिक की राशि खर्च करने का दावा जताया जा रहा है। कुछ समय पहले कांग्रेस ने स्लैज कैरियर का काम शुरू करवाया। वही रिंग रोड का लंबित काम भी इसी योजना के तहत शुरू करवाने की बात कही गई।

टैक्स वसूली को लेकर लोगों में आक्रोश

विकास के बीच नगर निगम की टैक्स वसूली लोगों में आक्रोश का कारण जरूर बनी है। पानी-सीवरेज व प्रापर्टी टैक्स की वसूली को नगर निगम अधिकारी आए दिन लोगों को चेतावनी दे रहे हैं व टैक्स नहीं भरने पर प्रापर्टी सीज व पानी-सीवरेज के कनेक्शन काटने की चेतावनी दे रहे हैं जो लोगों को भा नहीं रहा है। उनका कहना है कि लाकडाउन के चलते लोग पहले ही आर्थिक तंगी से जूझ रहे हैं वही अब निगम के अधिकारी उन्हें नोटिस निकालकर 10 से 30 हजार के पानी-सीवरेज के बिल भरने को कह रहे हैं। दूसरी तरफ कांग्रेस के नेता भी इस बाबत खुश नजर नहीं आ रहे हैं बल्कि उन्होंने मामला निगम अधिकारियों के पास उठाते इसमें लोगों को राहत देने की बात भी कही है।

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