मासूमों की हत्या:पति-पत्नी का झगड़ा, पिता बेटा-बेटी को ले गया, मां फोन पर कहती रही बात कराओ,10वें दिन छप्पड़ में मिले बच्चों के शव

तीन साल का बेटा और पांच साल की बेटी के बारे में कहता रहा उन्हें दादी के पास भेजा

रामा मंडी से सटे तल्हण में सलेमपुर रोड पर वीरवार दोपहर करीब 2:30 छप्पड़ से मिले दो मासूमों का हत्यारा कोई नहीं, बल्कि उनका बाप ही निकला। रात 11 बजे रंगीली देवी सिविल अस्पताल के शवगृह में पहुंची। यहां पर 3 साल के बेटे राकेश और 5 साल की बेटी अनमोल के शव देखकर बोली, मैंने तो सोचा था कि बच्चे पिता के पास सुरक्षित हैं। क्या पता था कि उसी ने इनका कत्ल कर दिया।

थाना पतारा के एसएचओ रछपाल सिंह ने कहा कि दोनों बच्चों को बाप रंजीत पत्नी से झगड़ा कर एक दिसंबर को साथ ले गया था। मामला थाना रामामंडी को रेफर किया जा रहा है ताकि आगे की कार्यवाही की जा सके। गांव तल्हण के सरपंच बलविंदर जीत सिंह ने सलेमपुर रोड पर छप्पड़ में दोपहर 2:30 बजे शव देखकर पुलिस को कॉल की। सूचना मिलने पर थाना पतारा के एसएचओ रछपाल सिंह क्राइम सीन पर पहुंच गए। सरपंच ने पुलिस को बताया कि वे बाइक पर जा रहे थे तो उनकी नजर छप्पड़ में पड़े एक शव पर पड़ी। वे छप्पड़ के पास गए तो करीब 20 मीटर दूर दूसरा शव देखा।

पुलिस ने शव बाहर निकाले तो लड़की ने नीले रंग की जैकेट, टीशर्ट और काले रंग की पायजामी पहन रखी थी जबकि लड़के ने हरे रंग की जैकेट, उसी रंग की ऊनी टोपी और नीली जींस पहन रखी थी। रात में खबर आई कि थाना रामामंडी की उप चौकी नंगलशामा ने भाई-बहन के लापता होने की शिकायत मां ने की थी। रंगीली देवी को उसकी एक सहेली ने फोन करके बताया कि दो बच्चों की लाशें मिली हैं। कहीं अपने बच्चे तो नहीं। रात में ही रंगीली देवी सूरानुस्सी से थाना पतारा पहुंच गई। रंगीली देवी शिनाख्त के लिए सिविल अस्पताल में लेकर आई। वहां रंगीली ने बच्चों की शिनाख्त की।

मां बोली- मैं तो सोचती रही बच्चे पिता के पास सुरक्षित हैं, लेकिन पता नहीं था कि वह ही उनका कत्ल कर चुका है

नंगलशामां चौकी की पुलिस पर उठे सवाल

रंगीली देवी ने कहा कि पति ने उसे पीटा था और दोनों बच्चे छीनकर ले गया था। मैंने एक दिसंबर को थाने में शिकायत की थी। तीन दिसंबर को रंजीत को पुलिस को पकड़ लिया और दो दिन चौकी में रखा। वह यहीं कहता रहा कि बीवी अकसर झगड़ा करती है तो दोनों बच्चे दादी संग यूपी भेज दिए हैं। फिर अरमान नगर में रहते एक कैप्टन और लोग बीच में आए तो 5 दिसंबर को रंजीत को छोड़ दिया। तब से वह फरार है। एसीपी हरसिमरत सिंह ने कहा कि गणमान्य लोग चौकी इंचार्ज महिंदर पाल से रंजीत को छुड़वा कर ले गए थे। फिर कोई दोबारा चौकी नहीं आया।

दो दिन पुलिस कस्टडी में रहा जिस दिन छूटा, फरार हो गया- बेटे और बेटी की लाश देख कर मां रंगीली टूट गई थी। रंगीली ने कहा कि वे रामामंडी के अरमान नगर में कैप्टन साब के घर में रहते थे। शायद एक या दो दिसंबर की बात है कि पति ने उसे पीटा। बाइक पर पति बेटी और बेटे को ले गया था। साथ में मां थी। चौकी में पति के खिलाफ शिकायत कर दी। यहां पर दो दिन चौकी में पति रहा।

मुझे कहने लगा- मेरी मां मिलेगी, तभी बच्चे मिलेंगे। सब लोग कहने लगे कि रंजीत ने दादी के साथ दोनों बच्चे भेज दिए है। मैंने पति पर यकीन किया और सबके कहने पर उसे छुड़वा दिया। 5 दिसंबर को पति चौकी से घर आ गया और फिर गायब हो गया। अब रंजीत के पकड़ में आने के बाद पता चलेगा कि उसने ऐसा क्यों किया।

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