गांव-गांव कमल खिला : राजस्थान के 20 में से 12 जिलों में भाजपा का प्रमुख, कांग्रेस मात्र 5 और निर्दलीय ने 3 सीटें जीतीं
गुरुवार को दोपहर बाद जिला परिषद सदस्यों ने जिला प्रमुख चुनने के लिए मतदान किया। 21 जिलों में जिला परिषद की 636 सीटों में से भाजपा ने 353 और कांग्रेस ने 252 सीटें जीती थीं। इसके अलावा, पंचायत समिति में भाजपा ने 1989 व कांग्रेस ने 1852 सीटें जीती थीं।
राजस्थान के 21 में से 20 जिलों में जिला प्रमुख चुन लिए गए। इनमें 12 में भाजपा का प्रमुख चुना गया, जबकि कांग्रेस ने 5 और निर्दलीय ने 3 सीटें जीतीं। झालावाड़ में EVM मशीन में दिक्कत आने की वजह से आज दोबारा मतदान करवाया गया। नतीजे शुक्रवार (11 दिसंबर) को आएंगे। इससे पहले, बुधवार को पंचायत समिति और जिला परिषद सदस्यों के नतीजों आए थे।
गुरुवार को दोपहर बाद जिला परिषद सदस्यों ने जिला प्रमुख चुनने के लिए मतदान किया। 21 जिलों में जिला परिषद की 636 सीटों में से भाजपा ने 353 और कांग्रेस ने 252 सीटें जीती थीं। इसके अलावा, पंचायत समिति में भाजपा ने 1989 व कांग्रेस ने 1852 सीटें जीती थीं।
नंबर | जिला परिषद | जिला प्रमुख का नाम | पार्टी |
1 | बूंदी | चंद्र कला कंवर | निर्दलीय (जीत के बाद कांग्रेस ज्वॉइन की) |
2 | भीलवाड़ा | बरजी देवी भील | भाजपा |
3 | झुंझुनूं | हर्षिनी कुलहरी | भाजपा |
4 | सीकर | गायत्री कंवर | भाजपा |
5 | अजमेर | सुशील कंवर | निर्दलीय |
6 | नागौर | भागीरथ राम | भाजपा |
7 | बीकानेर | मोडा राम | कांग्रेस |
8 | जैसलमेर | प्रतापसिंह | भाजपा |
9 | चूरू | वंदना | भाजपा |
10 | हनुमानगढ़ | कविता मेघवाल | कांग्रेस |
11 | राजसमंद | रतनी देवी | भाजपा |
12 | बांसवाड़ा | रेशम मालवीय | कांग्रेस |
13 | बाड़मेर | महेंद्र चौधरी | कांग्रेस |
14 | चित्तौड़गढ़ | सुरेश धाकड़ | भाजपा |
15 | डूंगरपुर | सूर्या देवी | निर्दलीय |
16 | जालौर | राजेश भील | भाजपा |
17 | प्रतापगढ़ | इंद्रा मीणा | कांग्रेस |
18 | टोंक | सरोज बंसल | भाजपा |
19 | उदयपुर | ममता कंवर | भाजपा |
20 | पाली | रश्मि सिंह | भाजपा |
21वें जिले झालावाड़ में ईवीएम मशीन में दिक्कत आने की वजह से आज पुन: मतदान करवाया गया। इसका परिणाम 11 दिसंबर को आएगा।
बूंदी में चुनाव जीतने के बाद निर्दलीय उम्मीदवार ने कांग्रेस ज्वाइन की
बूंदी जिला परिषद में चंद्र कला कंवर प्रमुख चुनी गईं। उन्होंने भाजपा से बागी होकर निर्दलीय चुनाव लड़ा था। कांग्रेस के सपोर्ट से प्रमुख चुनी गईं। प्रमुख बनते ही चंद्र कला ने कांग्रेस की सदस्यता ग्रहण की। राज्यमंत्री अशोक चांदना ने उन्हें सदस्यता ग्रहण कराई।
वहीं, झुंझुनू जिला परिषद में भाजपा के टिकट से चुनाव जीतीं हर्षिनी कुलहरी प्रमुख चुनी गई हैं। वे सांसद नरेंद्र कुमार की पुत्रवधु हैं। भीलवाड़ा जिले में भाजपा की बरजी देवी भील प्रमुख चुनी गईं। अजमेर में भी भाजपा से बागी सुशील कंवर प्रमुख बनीं। उन्होंने कांग्रेस के समर्थन से चुनाव जीता।
गहलोत बोले- सरकार योजनाओं का प्रचार नहीं कर पाई
जिला परिषद और पंचायत समिति चुनावों में कांग्रेस की हार के एक दिन बाद सीएम अशोक गहलोत ने कहा कि चुनावी नतीजे उनकी आशा के अनुकूल नहीं रहे। सरकार कोरोना के चलते अपनी योजनाओं और कामों का अच्छे से प्रचार नहीं कर पाई। जबकि भाजपा ने गांवों में मतदाताओं को भ्रमित किया। पिछले 9 माह में सरकार कोरोना की रोकथाम के लिए मेहनत कर रही है। आने वाले समय में हम नए सिरे से फीडबैक लेकर जनता तक अपने सुशासन को पहुंचाएंगे।
क्या रही स्थिति:
जिला परिषद सदस्यों के नतीजे
पार्टी | जीते |
कांग्रेस | 252 |
भाजपा | 353 |
CPIM | 2 |
RLP | 10 |
निर्दलीय | 18 |
पंचायत समिति सदस्यों के नतीजे
पार्टी | जीते |
कांग्रेस | 1852 |
भाजपा | 1989 |
BSP | 5 |
CPIM | 26 |
RLP | 60 |
निर्दलीय | 439 |
कांग्रेस की हार की 3 बड़ी वजह
1. संगठन की गैर माैजूदगी: न तो प्रदेश और न ही जिला स्तर पर कांग्रेस का संगठन नजर आया।
2. विधायकों के भराेसे रहे: विधायकों को सिंबल दे दिए गए। पिछले दिनों जयपुर, कोटा और जोधपुर नगर निगम चुनावों में भी इसका खामियाजा उठाना पड़ा था।
3. टिकट बंटवारे में परिवारवाद के आरोप: विधायकों ने ज्यादातर टिकट रिश्तेदारों को बांटे, इससे नाराजगी बढ़ी। टिकट बेचने के आरोप भी लगे।
इस हार के 3 बड़े सियासी मायने
1. अगले साल उपचुनाव: अगले साल विधानसभा उपचुनाव होने हैं, ऐसे में पंचायत चुनावों की हार मनोबल गिरा सकती है।
2. पार्टी में असंतोष: हार का ठीकरा फोड़ने को लेकर पार्टी में असंतोष का खतरा बढ़ गया है।
3. राजनीतिक नियुक्तियों पर असर: आने वाले दिनों में पार्टी में संगठन और राजनीतिक नियुक्तियां होनी हैं, ऐसे में जिन मंत्रियों और विधायकों के क्षेत्र में कांग्रेस हारी है, उन्हें इसका खामियाजा उठाना पड़ सकता है।
इन 21 जिलों में हुए चुनाव
अजमेर, बांसवाड़ा, बाड़मेर, भीलवाड़ा, बीकानेर, बूंदी, चित्तौडगढ, चूरू, डूंगरपुर, हनुमानगढ़, जैसलमेर, जालौर, झालावाड़, झुंझुनूं, नागौर, पाली, प्रतापगढ़, राजसमंद, सीकर, टोंक और उदयपुर।
4 फेज में हुई थी वोटिंग
पहला फेज: 23 नवंबर, दूसरा: 29 नवंबर, तीसरा: 1 दिसंबर, चौथा: 5 दिसंबर